5 भारतीय क्रिकेटर जिनका क्रिकेट करियर 2017 में हो सकता है खत्म

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महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2016 में शानदार प्रदर्शन किया। 2016 में एक तरफ जहां टीम प्रदर्शन देखने को मिला वहीं कुछ खिलाड़ियों ने अपने शानदार खेल से सबका दिल जीत लिया। इनमें से कुछ खिलाड़ी अभी युवा हैं जो कि इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना करियर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। हर साल की तरह 2016 में भी कई सारे क्रिकेटरों ने क्रिकेट को अलविदा कहा। ठीक उसी तरह 2017 भी कई दिग्गज क्रिकेटरों के संन्यास का गवाह बन सकता है। इनमें से कुछ दिग्गज भारतीय क्रिकेटर भी हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कौन से 5 भारतीय क्रिकेटर इस साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को टाटा बाय-बाय कह सकते हैं। 5. इरफान पठान ऑलराउंडरों के मामले में भारत का इतिहास उतना अच्छा रहा नहीं है। कपिल देव जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को छोड़ दें तो और कोई भी भारतीय खिलाड़ी ऑलराउंडर के रुप में खुद को ज्यादा साबित कर नहीं पाया। कुछ खिलाड़ी टीम में आए लेकिन थोड़े ही दिनों बाद वो भारतीय टीम में अपना स्थान गंवा बैठे। इन्हीं में से एक खिलाड़ी हैं इरफान पठान, जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर का आगाज तो काफी शानदार तरीके से किया लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। 300 से ज्यादा विकेट और करीब 3000 रन बनाने के बावजूद वो भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2012 के बाद से पठान ने किसी भी इंटरनेशनल क्रिकेट में हिस्सा नहीं लिया है। पठान 32 साल के हो चुके हैं फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी है और टीम में वापसी के लिए अपना पूरा दम लगा रहे हैं। हाल ही में संपन्न हुए सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने गेंद और बल्ले से काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया। लेकिन फिर भी वो टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। ऐसे में जब हार्दिक पांड्या के रुप में भारत को एक युवा ऑलराउंडर सितारा मिल गया है, पठान की वापसी मुश्किल ही लगती है। पांड्या टी-20 के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और हाल ही में उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया था। ऐसे में संभव है कि इरफान पठान 2017 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दें। 4. मुनाफ पटे munaf-patel-1483428492-800 भारत की 2011 वर्ल्ड कप जीत के गुमनाम हीरो मुनाफ पटेल भी इस वक्त भारतीय टीम में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। 2011 के वर्ल्ड कप में जहीर खान और युवराज सिंह के बाद वो तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज थे। लेकिन अब लगता है कि इस साल वो क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। इसके कई कारण हैं, अगस्त 2011 के बाद से वो किसी भी इंटरनेशनल मैच का हिस्सा नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ भारतीय टीम में इस वक्त कई सारे होनहार युवा तेज गेंदबाज आ रहे हैं और घरेलू क्रिकेट में मुनाफ का प्रदर्शन उतना बढ़िया भी नहीं रहा है। ऐसे में लगता नहीं है कि वो अब आगे भारतीय टीम के लिए खेल पाएंगे। मुनाफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 से ज्यादा विकेट चटका चुके हैं संभव है कि जिस तरह से जहीर खान ने संन्यास लिया उसी तरह मुनाप पटेल भी क्रिकेट को गुडबाय बोल दें। 3. युवराज सिंह yuvrajs 2011 वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द् टूर्नामेंट युवराज सिंह का बल्ला इन दिनों खामोश है। सालों से युवराज सिंह ने गेंद और बल्ले से वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले एक दशक में भारतीय टीम दो वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची और युवराज दोनों ही टीमों का अहम हिस्सा थे। वहीं पहले टी-20 वर्ल्ड कप की जीत में भी उनका काफी योगदान था। लेकिन हर एक खिलाड़ी के करियर में बुरा दौर आता है और वही हो रहा है युवराज सिंह के साथ। 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में युवराज सिंह को टीम में शामिल किया गया था और भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप में भी वो भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। लेकिन इसके अलावा उन्हें और किसी सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला। 2007 टी-20 वर्ल्डकप की तरह 2016 टी-20 वर्ल्ड कप में भी लोगों को युवराज सिंह के काफी उम्मीदें थी। लेकिन इस बार युवराज कुछ खास नहीं कर पाए। हालांकि रणजी ट्रॉफी में रन बनाकर युवराज ने संकेत दे दिया है कि 35 साल का होने का बावजूद अब भी उनमें रनों की भूख कम नहीं हुई है और वो शानदार फॉर्म में हैं। फिर भी भारतीय टीम में जगह बनाने में वो सफल नहीं हो पा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में युवराज 10,000 से ज्यादा रन बना चुके हैं और लगभग 150 विकेट ले चुके हैं। लेकिन अगर फॉर्म ने उनका साथ नहीं दिया तो हो सकता है 2017 में वो क्रिकेट से संन्यास ले लें। 2. गौतम गंभीर g-gambhir-1483426117-800 गौतम गंभीर क्रिकेट के तीनों प्रारुपों को मिलाकर 10,000 से भी ज्यादा रन बना चुके हैं। ऐसे में उन्हें भारत का सफल सलामी बल्लेबाज कहने में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। दिल्ली के इस बल्लेबाज ने कई मौकों पर अपनी पारियों से भारतीय टीम को जीत दिलाई है। 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में उनकी 97 रनों की संघर्षपूर्ण पारी को कौन भूल सकता है। अपनी इस पारी से गंभीर ने भारतीय टीम की जीत की नींव रख दी थी। पर अब टीम में काफी युवा बल्लेबाज आ गए हैं और वो अच्छा खेल रहे हैं ऐसे में गंभीर की वापसी मुश्किल ही दिखती है। हालांकि गंभीर का शानदार फॉर्म अभी बरकरार है और हाल ही में घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने इस बात का संकेत दे दिया है कि अभी उनके बल्ले की धार कम नहीं हुई है। वहीं आईपीएल में भी उन्होंने अच्छे रन बनाए थे। जिसकी वजह से उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुए टेस्ट सीरीज में भी शामिल किया गया। लेकिन गंभीर को ये मौका नियमित सलामी बल्लेबाजों के चोटिल होने की वजह से मिला। टेस्ट मैचों में भारत के नियमित सलामी बल्लेबाज के एल राहुल और मुरली विजय लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं पार्थिव पटेल ने भी 8 साल के लंबे अंतराल के बाद अच्छी वापसी की है। ऐसे में गौतम गंभीर की वापसी टीम में मुश्किल ही लगती है। दूसरी तरफ अभिनव मुकुंद और पीके पांचाल जैसे युवा खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से नेशनल टीम में जगह बनाने के लिए दस्तक दे रहे हैं। हो सकता है अगली बार सलामी बल्लेबाजों के चोटिल होने पर इन्ही युवा खिलाड़ियों को मौका मिल जाए। ऐसे में गंभीर का इंतजार और बढ़ सकता है। हालांकि 1.हरभजन सिंह bhajji- भारतीय टीम में ये माना जाने लगा था कि दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले की जगह कोई नहीं ले सकता है, लेकिन हरभजन सिंह ने लोगों की इस धारणा को गलत साबित कर दिया। उन्होंने मैच दर मैच भारतीय टीम के लिए लगातार अच्छी गेंदबाजी की और गुच्छों में विकेट निकाले। कई बार अकेले दम पर उन्होंने टीम को मैच जिताया। वो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते गए जिसके बाद लोगये कहने लगे की टीम में हरभजन सिंह की जगह कोई नहीं ले सकता। उस जमाने में कुंबले और हरभजन को जोड़ी काफी मशहूर हुआ करती थी। इन दोनों में से किसी भी एक गेंदबाज के चलने का मतलब था भारतीय टीम की जीत। इन दो दिग्गजों की परंपरा को अब रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा आगे बढ़ा रहे हैं। अश्विन और जडेजा ने हरभजन और कुंबले की कमी नहीं खलने दी और ये सुनिश्चित किया कि भारतीय टीम का स्पिन अटैक सुरक्षित हाथों में है। लेकिन हरभजन सिंह के लिए समस्या अश्विन और जडेजा का शानदार प्रदर्शन नहीं है, बल्कि जयंत यादव का टीम में शामिल होना है। जयंत यादव को हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में टीम में शामिल किया गया था और उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से अच्छा प्रदर्शन कर सबको प्रभावित कर लिया। वहीं घरेलू क्रिकेट में यूपी के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव भी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। कुलदीप गेंद और बल्ले से अपना कौशल दिखाकर टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से लगता नहीं है कि अब हरभजन सिंह की भारतीय टीम में वापसी हो पाए। ऐसे में वो 2017 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं।

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