डोपिंग आचार संहिता के उल्लंघन की वजह से आंद्रे रसेल पर लगा एक वर्ष का प्रतिबंध

वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल पर क्रिकेट खेलने से एक वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया है। रसेल को किंग्स्टन में स्वतंत्र एंटी-डोपिंग पैनल द्वारा आयोजित टेस्ट में किधर (ठिकाने) अनुच्छेद उल्लंघन का दोषी पाया गया है। प्रतिबंध की शुरुआत 31 जनवरी से शुरू होगी। रसेल के वकील पैट्रिक फोस्टर ने इस बात की पुष्टि की है और साथ ही कहा कि बैन के खिलाफ अपील करने समेत सभी विकल्पों पर वह अपने क्लाइंट से विचार कर चुके हैं। ठिकाना उल्लंघन वो होता है जब एक एथलीट स्थानीय एंटी-डोपिंग एजेंसी को अपनी दिशा नहीं बताता है। रसेल ने 2015 में तीन बार अपनी दिशा एजेंसी को नहीं बताई यानी उन्होंने स्थानीय एजेंसी को यह जानकारी नहीं दी कि वे कहा हैं। इसकी वजह से वाडा (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत उनका ड्रग टेस्ट फ़ैल माना गया। जमैका एंटी-डोपिंग कमीशन ने पिछले वर्ष मार्च में रसेल पर अपनी दिशा नहीं बताने के लिए जुर्माना लगाया था। रसेल ने 2015 में 1 जनवरी, 1 जुलाई और 25 जुलाई को स्थानीय एंटी-डोपिंग एजेंसी को यह जानकारी नहीं दी थी कि वे किस देश में हैं और कहां खेल रहे हैं। तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल के सामने आपका पक्ष रखते हुए रसेल ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने अपने एजेंट विल कुइन को प्रक्रिया पर ध्यान देने के लिए कहा है, क्योंकि वह इस मामले के चलते ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल में शामिल हुघ फ़ॉकनर, डॉ मारजोरी वासेल और पूर्व जमैकाई क्रिकेटर दिक्सेथ पामर को पिछले दिसंबर में फैसला सुनाना था।

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