भारत के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में बांग्लादेशी कप्तान मुश्फिकुर रहीम से बड़ी गलती होते-होते बची

भारत और बांग्लादेश के बीच हैदराबाद में गुरुवार से एकमात्र टेस्ट शुरू हुआ और इसी के साथ ड्रामा भी शुरू हो गया। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। हैदराबाद की पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार नजर आ रही है। हालांकि, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला भारतीय टीम के लिए सफल साबित होता नहीं दिखा क्योंकि ओपनर लोकेश राहुल पारी के पहले ही ओवर में आउट हो गए। बांग्लादेश के तेज गेंदबाज तस्कीन अहमद ने राहुल को क्लीन बोल्ड किया। इसके बाद पारी का तीसरा ओवर करने आए तस्कीन ने पुजारा को गेंदबाजी की, जिन्हें अपना पहला रन बनाने की दरकार थी। तस्कीन की गेंद मिडिल स्टंप लाइन पर टप्पा खाकर लेग स्टंप के बाहर गई। विकेटकीपर रहीम ने अपने बाई और गोता लगाते हुए गेंद को लपका। पुजारा इस गेंद के आस-पास भी नहीं थे। गेंद ने पुजारा की जर्सी को भी नहीं छुआ था, लेकिन पूरी बांग्लादेशी टीम ने उनके आउट होने की अपील करना शुरू कर दी। हद तो तब हो गई जब रहीम भी टीम के साथ अपील करने लगे और फिर अपनी टीम के साथियों से DRS लेने के बारे में विचार करने लगे। यही नहीं मुश्फिकुर सीधे पुजारा के पास पहुंच गए और पूछने लगे कि उनके बल्ले का किनारा लगा भी था या नहीं।

विकेटकीपर को स्पष्ट रूप से दिखा होगा कि गेंद इतनी दूर गई है और बल्ले का किनारा भी नहीं लगा होगा। फिर भी कैच आउट की अपील करना शर्मनाक हरकत है। माना जा सकता है कि पुजारा पर दबाव बनाने के इरादे से बांग्लादेशी टीम ने जानबूझकर फालतू की अपील की, लेकिन किसी टीम से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती कि वो खेल भावना का उल्लंघन करे। बहरहाल, पुजारा को अंपायर ने आउट नहीं दिया और उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 83 रन की पारी खेली। पुजारा ने मुरली विजय के साथ शतकीय साझेदारी करते हुए भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। पुजारा ने इसके साथ ही एक टेस्ट सत्र में 1605 रन पूरे किये और चंदू बोर्डे के रिकॉर्ड को तोड़ा।

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