पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक ने गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए पहले टेस्ट के पहले दिन ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर शतक जमाकर इतिहास रच दिया। मिस्बाह टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज कप्तान बन गए हैं। वह पहले दिन स्टंप्स के समय 179 गेंदों में 18 चौकों की मदद से 110 रन बनाकर नाबाद हैं। कप्तान की पारी के बलबूते पाकिस्तान ने पहले दिन 6 विकेट खोकर 282 रन बनाए। चार मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में कप्तान मिस्बाह ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पाकिस्तान ने संभली हुई शुरुआत की, लेकिन 38 के स्कोर पर क्रिस वोक्स ने शान मसूद (7) को विकेटकीपर बैर्स्टो के हाथों कैच कराकर मेहमान टीम को तगड़ा झटका दिया। इसके बाद मोहम्मद हफीज (40) को वोक्स ने अपना दूसरा शिकार बनाया। अजहर अली (7) को डेब्यू करने वाले बॉल ने आउट कर दिया। बॉल का टेस्ट क्रिकेट में यह पहला विकेट रहा। इसके बाद पाकिस्तान की सबसे अनुभवी जोड़ी यूनिस खान (33) और मिस्बाह ने पारी संभाली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी की। यूनिस को ब्रॉड ने मोइन अली के हाथों कैच करा दिया। उल्लेखनीय है कि ब्रॉड ने टेस्ट में यूनिस को छठी बार आउट किया। इससे अधिक बार यूनिस को किसी इंग्लिश गेंदबाज ने आउट नहीं किया था। फिर मिस्बाह को असद शफीक के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिल गया। दोनों ने धैर्य के साथ पारी आगे बढाई और टीम को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया। दोनों ने पांचवे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी करके इंग्लिश गेंदबाजों को परेशां रखा। 130 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 73 रन पर खेल रहे शफीक को वोक्स ने आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा। राहत अली (0) को वोक्स ने क्लीन बोल्ड करके दिन का अपना चौथा विकेट लिया। मिस्बाह ने 154 गेंदों में 17 चौकों की मदद से शतक पूरा किया। वे 179 गेंदों में 18 चौकों की मदद से 110 रन बनाकर नाबाद रहे। मिस्बाह ने 42 वर्ष 47 दिन की उम्र में यह शतक लगाया और उन्होंने इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया के बॉब सिम्प्सन का रिकॉर्ड तोड़ा। सिम्प्सन ने 1977-78 में भारत के खिलाफ एडीलेड में 41 वर्ष 359 दिन की उम्र में शतक बनाया था। मिस्बाह का 40 की उम्र पार करने के बाद यह पांचवां शतक है। उन्होंने सभी शतक कप्तान के रूप में बनाए है। 40 वर्ष की उम्र के बाद दुनिया के किसी भी कप्तान ने 3 से ज्यादा शतक नहीं बनाए है। पाकिस्तान के कप्तान के रूप में मिस्बाह ने आठवां शतक जमाया। वे इसी के साथ इंजमाम उल हक (7 शतक) को पीछे छोड़कर पाकिस्तान की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट शतक लगाने वाले कप्तान भी बन गए।