जब ड्वेन ब्रावो और पोलार्ड ने सचिन तेंदुलकर का मजाक उड़ाने की ठानी

विश्व भर में क्रिकेटरों के अपने अलग टोटके और मान्यताएं हैं। भारतीय टीम के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर उनमें से अलग नहीं हैं। अधिकांश क्रिकेट फैंस को पता होगा कि सचिन हमेशा बाएं पैर का पेड पहले पहनते हैं, क्योंकि यह उनके लिए भाग्यशाली साबित होता था। हाल ही में एक इवेंट के दौरान सचिन तेंदुलकर ने एक याद ताजा करते हुए बताया कि वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर किरोन पोलार्ड और ड्वेन ब्रावो ने उनके साथ मस्ती करने की कोशिश की थी। तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उनका क्रिकेट उपकरणों के साथ एक विशेष रिश्ता रहा है। यह भी पढ़ें : जब सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाजी सुधारने के लिए एक वैटर की सलाह मानी उन्होंने कहा कि वह बल्ले को उंगली से ठोंककर उनसे बात किया करते थे, और बल्ले से बात करने की उनकी अपनी अलग भाषा है। इस बात को सुनकर ब्रावो और पोलार्ड ने तेंदुलकर के साथ मजाक करने की ठानी। हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में तेंदुलकर ने कहा, 'हम आईपीएल खेल रहे थे जब ब्रावो और पोलार्ड लगातार मुझसे बल्ले को उंगली से ठोंकने की आदत के बारे में पूछ रहे थे। मैंने उनसे कहा कि बल्ला मुझसे बात करता है और हमारे संचार की अलग भाषा है। तो दोनों ने मेरे साथ मस्ती करने की ठानी।' उन्होंने आगे कहा, 'ब्रावो को एक आईडिया आया। उन्होंने ड्रेसिंग रूम में अपने पास चार बल्ले रखे और मुझसे पुछा कि 'आज कौनसे बल्ले का इस्तेमाल करूं'। तो मैंने अपने रूटीन के मुताबिक बल्ले को उंगली से ठोंकना शुरू किया और उसकी ध्वनि सुनना शुरू की। चेक करने के बाद मैंने उन्हें एक बल्ला दिया और कहा कि यह अच्छा चलेगा। इसमें मुझ कुछ हैरान करने वाला नहीं लगा और मैंने उन्हें कहा कि कौनसा बल्ला अच्छे रन बनाने के लिए मददगार साबित होगा।' क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'मुझे सुनने के बाद, ब्रावो और पोलार्ड जोर-जोर से ठहाका लगाने लगे और मैंने कहा कि आप इसे मजाक समझ रहे हैं कि बल्ला मुझसे बात करता है। तब ब्रावो ने एक बल्ला अपने किट बैग से बाहर निकला और मुझे देकर पूछा इसके बारे में आप क्या कहेंगे? इस बल्ले को मैंने अभ्यास सत्र में इस्तेमाल किया था तब यह टूट गया और इसके बाद से इस पर गेंद ठीक से नहीं आती और मैं शॉट नहीं जमा पाता। मैंने फिर वह बल्ला देखा, उस पर ठोंककर देखा और ध्वनि सुनी। फिर मैंने कहा कि मेरे दोस्त, आपका असली बल्ला तो किट बैग में छुपा हुआ था, यही आपका असली बल्ला है।' दरअसल, यही बल्ला उनका असली बल्ला था और वह मेरा टेस्ट लेने की कोशिश कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि मुझ पर विश्वास कीजिये क्योंकि बल्ले से मेरी बात होती है। तेंदुलकर क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने 24 वर्षों में 100 अंतर्राष्ट्रीय शतकों के साथ करीब 35,000 रन बनाए हैं।

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