नए साल की शुरुआत होते ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए मुसीबतें बढ़ना शुरू हो गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए मौजूदा अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा बोर्ड के सचिव अजय शिर्के को भी सर्वोच्च न्यायालय ने हटा दिया है। कोर्ट ने यह आदेश लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों का पालन नहीं करने के कारण जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में अनुराग ठाकुर से कहा कि क्यों न उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए, इसके अलावा कोर्ट ने उनसे इस मामले में जवाब पेश करने को भी कहा है। इसी कड़ी में कोर्ट ने यह कहा कि 18 जुलाई 2016 के आदेश का इन (अनुराग ठाकुर, अजय शिर्के) दो अधिकारियों ने पालन नहीं किया इसलिए इन्हें इनके पदों से बर्खास्त कर दिया गया है। लोढ़ा समिति के अध्यक्ष जस्टिस लोढ़ा ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा "यह तो होना ही था, और हो गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में संज्ञान लेने से पहले मैंने 3 रिपोर्ट भेजी थी लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया।" सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि 15 जनवरी से भारत और इंग्लैंड के बीच सीमित ओवर सीरीज होनी है ऐसे में अध्यक्ष और सचिव की बर्खास्तगी से सीरीज को भी नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि बोर्ड के कामों को देखने के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्य जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठन की थी। इस समिति ने क्रिकेट और प्रबंधन में सुधार के लिए कुछ सिफ़ारिशें जारी की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता प्रदान कर दी थी और बीसीसीसआई को उन्हें लागू करने को कहा गया था। लेकिन बोर्ड द्वारा इस आदेश की अनुपालना नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। गौरतलब है कि 18 जुलाई 2016 के आदेश अनुसार सभी अधिकारियों को लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों के अंतर्गत काम करना जरूरी माना गया। इसी मामले की वजह से भारत और इंग्लैंड के बीच हुए राजकोट टेस्ट मैच में भी फंड की समस्या खड़ी हो गई थी, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की देखरेख में फंड जारी करने का आदेश दिया था। इसके अलावा राजस्थान रणजी टीम के सदस्यों के भुगतान मामले पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने अनुमति प्रदान की थी।