SAvAUS: जब बैंड की तेज़ आवाज़ की वजह से दो बार मैच को रोकना पड़ा

दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही चार टेस्ट मैचों की शृंखला का दूसरा टेस्ट मैच पोर्ट एलिज़ाबेथ में जारी है, इस मैच में कुछ ऐसा हुआ जिस कारण ये सुर्ख़ियों में बना रहा। पहला टेस्ट मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया शृंखला में 1-0 से आगे है, दूसरा टेस्ट मैच पोर्ट एलिज़ाबेथ के सेंट जॉर्ज में खेला जा रहा है। जहां मेज़बान टीम को एबी डीविलियर्स के शानदार शतक की बदौलत बड़ी बढ़त हासिल हुई। इस स्टेडियम की ख़ास बात यह है कि यहाँ करीब दो दशक से मैच के दौरान ब्रास बैंड मैच देखने आये दर्शकों का मनोरंजन करता है। 10 मार्च यानी शनिवार को अंपायर कुमार धर्मसेना और सुंदरम रवि ने इस बैंड के संगीत को बंद करने का आदेश देने के लिए चलते मैच को रोक दिया था, इससे दर्शकों को भी आक्रोश आ गया। दरअसल अंपायर धर्मसेना और सुंदरम रवि ने रिपोर्ट में कहा है कि बैंड द्वारा ज़ोर से संगीत बजाया जा रहा था जिस कारण से उन्हें बल्ले द्वारा उत्पन्न निक्स सुनने में दिक्कत हो रही थी। आपको बता दे कि जब गेंद बल्ले को छूकर निकलती है तो स्निकोमीटर नामक यंत्र आवाज़ में हल्के से बदलाव को भी पहचान लेता है जिससे अंपायर को निर्णय लेने में मदद मिलती है। जब अंपायर में लंच के बाद बैंड को बंद करने का निर्देश दिया तो स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने ‘वी वांट द बैंड (हमें बैंड चाहिए)’ के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। लोगों के कारण फिर से बैंड शुरू किया गया लेकिन फिर अंपायर ने बैंड बंद करने का आदेश दिया। इस टकराव को देख मैच रेफरी जेफ क्रो हालात का जायजा लेने मैदान के बीच पहुंच गए। इस घटना के कारण मैच को दो बार रोका गया था लेकिन अंत तक बैंड बजता रहा था। इसे भी पढ़ें: SAvAUS, दूसरा टेस्ट: तीसरे दिन एबी डीविलियर्स के शतक की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया पर कसा शिकंजा इस घटना पर पूर्व दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर मार्क बाउचर ने दुख जताया और ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, उन्होंने लिखा ''अगली बार जब द ग्रेट ईडन गार्डंस में 100000 लोग इतना शोर मचाना शुरू करें (जो कि सेंट जॉर्ज की तुलना में ज्‍यादा भारी है), तब क्‍या अधिकारी खेल रोक सकते हैं। बकवास! धर्मसेना (अंपायर) जाग जाओ। आपको पता होना चाहिए था, आपने खेल किया है।''

उन्होंने कहा कि बैंड का मैच छोड़ कर जाना पोर्ट एलिज़ाबेथ में बिल्कुल अच्छा नहीं था यह दशकों पुरानी परंपरा है और हर मैदान और देश की कुछ पहचान होती है, उनके इस ट्ववीट को ऐडम गिल्क्रिस्ट का समर्थन भी मिला।