भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज़ दौरे की शुरुआत शानदार अंदाज़ में की, एंटिगुआ टेस्ट के पहले दिन का खेल कप्तान विराट कोहली के नाम गया। कोहली ने पहले सिक्के से कमाल करते हुए टॉस जीता और फिर जब हाथ में बल्ला थामा तो एक के बाद एक कीर्तिमान बनाते चले गए। टीम इंडिया को पहला झटका जल्दी ही लग गया था जब मुरली विजय आउट होकर पैवेलियन लौट गए। इसके बाद लंच तक भारत को कोई और नुक़सान नहीं हुआ, लेकिन लंच के ठीक बाद चेतेश्वर पुजारा लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू का शिकार हो गए। क्रीज़ पर कप्तान विराट कोहली आ चुके थे, जिन्होंने आती ही अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए थे और एक के बाद एक ख़ूबसूरत शॉट खेल रहे थे। कोहली के बल्ले से जैसे ही 13वां रन आया, उनके करियर का 3000 टेस्ट रन पूरा हो चुका था। कोहली ने यहां तक पहुंचने के लिए 72 पारियों का इंतज़ार किया। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने 2000 से 3000 का सफ़र सिर्फ़ 19 पारी में पूरा किया, जबकि पहले एक हज़ार के लिए कोहली को 27 और दूसरे हज़ार रन के लिए 26 पारियों का इंतज़ार करना पड़ा था। ये तो बस शुरुआत थी, कोहली के इरादे विराट थे। उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर नया गार्ड लेते हुए ये बताने की कोशिश की, अभी ये सिर्फ़ पहला पड़ाव है। 134 गेंदो का सामना करते हुए कोहली ने अपना 12वां शतक पूरा किया, कोहली के करियर का ये दूसरा सबसे तेज़ शतक था। लेकिन इससे अहम बात ये थी कि कोहली के नाम बेहद शानदार रिकॉर्ड जुड़ चुका था। वेस्टइंडीज़ की सरज़मीं पर कोहली शतक बनाने वाले सिर्फ़ तीसरे भारतीय टेस्ट कप्तान बन गए। इससे पहले राहुल द्रविड़ ने 2006 में और कपिल देव ने 1983 में बतौर कप्तान वेस्टइंडीज़ में शतक जड़ा था। साथ ही साथ इस भारतीय कप्तान ने एक और कीर्तिमान हासिल कर लिया, कोहली ने कप्तान के तौर पर टेस्ट में 1000 रन भी पूरे कर लिए हैं। विराट कोहली यहीं नहीं रूके, वह राहुल द्रविड़ के 146 रनों को पीछे छोड़ने के बेहद क़रीब खड़े हैं और सिर्फ़ 3 रन और बनाते ही विराट कोहली वेस्टइंडीज़ में कप्तान के तौर पर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज़ बन जाएंगे। कोहली जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, उसे देखते हुए यही लग रहा है कि इसके अलावा भी कई और रिकॉर्ड वह अपने नाम कर सकते हैं।