योगेश्वर दत्त ने लंदन ओलंपिक रजत पदक लेने से किया इनकार

भारत के ओलंपिक पदक विजेता और रेसलर योगेश्वर दत्त ने लंदन ओलंपिक 2012 में मिले रजत पदक को लेकर बुधवार को ट्विटर के ज़रिये एक कमेंट किया। हालांकि रियो ओलंपिक 2016 में उनका सफ़र काफी निराशाजनक रहा था, उनके लिए एक अच्छी खबर ये आई कि लंदन में मिले उनके कांस्य पदक को रजत पदक में तब्दील कर दिया जायेगा। लंदन ओलंपिक्स में योगेश्वर दत्त कुदुखोव से प्री-क्वार्टरफाइनल में हार गए थे, लेकिन जब कुदुखोव फाइनल तक पहुंच गए तो योगेश्वर को रेपचेज़ राउंड के ज़रिये दूसरा मौका मिला जिसमें उन्होंने पुएर्टो रीको के फ्रेंक्लिन गोमेज़ को हराया और फिर अगले राउंड में ईरान के मासौद इस्माइलपौर को हराया। इन दोनों राउंड में जीत हासिल करने के बाद योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक जीतने के लिए नॉर्थ कोरिया के री-जोंग म्योंग को मात दी और कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। इसके बाद योगेश्वर दत्त ने इसपर कुछ बयान नहीं दिया था कुछ समय पहले योगेश्वर दत्त ने इसपर टिपण्णी करते हुए कहा “जो लिखा होता है, वो होकर रहता है”। उसके बाद योगेश्वर दत्त ने ये भी कहा कि भारत के लिए ये एक बड़ी जीत है। योगेश्वर ने ये साफ़ किया है कि उन्हें पदक के इस बदलाव पर अधिकारिक रूप से कोई पुष्टिकरण नहीं हुआ है कि उनके कांस्य पदक को राजद पदक में तब्दील किया जायेगा। योगेश्वर ने अपने राजद पदक को ट्वीट के ज़रिये भारत के लोगों के नाम किया है। बुधवार की सुबह योगेश्वर ने ये भी कहा कि, वो चाहते हैं कि ये राजद पदक बेसिक कुदुखोव के परिवार वालों को दिया जाये। बेसिक खुदुखोव की मृत्यु लंदन ओलंपिक के बाद साल 2013 में एक कार दुर्घटना में हुई थी। योगेश्वर ने बेसिक के परिवार वालों को सत्त्ताव्ना देते हुए कहा कि “वो एक वो एक महान रेसलर थे और मैं आज भी उनकी बहुत इज्ज़त करता हूँ”।