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क्रिकेट इतिहास के 10 सबसे तेज गेंदबाज और उनकी रफ्तार

क्रिकेट का खेल बल्ले और गेंद के ताने-बाने से बुना हुआ है।मैदान पर गेंद और बल्ले के संघर्ष से ही अक्सर अभूतपूर्व रोमांच निकलकर सामने आता है।टीवी स्क्रीन पर देखते हुए लगता है कि बल्लेबाज बड़ी आसानी से गेंद का सामना कर रहा है। दूर से गेंद की रफ्तार देखने में जितनी तेज दिखती है असल में कहीं ज्यादा उससे तेज होती है।

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मैदान पर बल्लेबाज के साथ-साथ गेंदबाज भी हावी होते आए हैं। क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे गेंदबाज रहे हैं जो अपनी रफ्तार के लिए जाने जाते हैं। उनकी गेंदबाजी से सामने बल्लेबाजी करते हुए बल्लेबाजों के पसीने निकलते थे। कई बार ऐसा कहा जाता है कि रफ्तार के साथ-साथ लेंथ पर काबू पाना मुश्किल होता है लेकिन इन गेंदबाजों के ने ना ही तेज रफ्तार से गेंदबाजी की बल्कि अपनी लेंथ से दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान भी किया। आज हम आपको बता रहे हैं क्रिकेट के इतिहास में डाली गई 10 सबसे तेज गेंदों पर:

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#10 शेन बॉन्ड

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न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपनी तेज रफ्तार और इन स्विंग के लिए काफी मशहूर थे। 2001 में अपने करियर का आगाज करने वाले शेन बॉन्ड ने अपनी रफ्तार से क्रिकेट की गलियों में शोर मचा दिया था। शेन बॉन्ड ने अपने करियर में मैच कम खेले। इसकी वजह उनकी फिटनेस रही लेकिन बॉन्ड ने जितने भी मैच खेले अपनी रफ्तार का खौफ बरकरार रखा।

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7 जून 1975 को जन्में इस खिलाड़ी ने 18 टेस्ट मैचों में 87 विकेट लिए वहीं 82 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 147 विकेट चटकाए। इसके अलावा न्यूजीलैंड के लिए 20 टी-20 मैच में उन्हें 25 विकेट हासिल हुए। बॉन्ड के करियर की सबसे तेज गेंद की रफ्तार 156.4 प्रति घंटे रहीं जो उन्होंने 2003 के विश्व कप के एक मैच में फेंकी थी।

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#9 मोहम्मद सामी

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2003 के विश्व कप में एक और तेज गेंद फेंकी गई जो़ पाकिस्तान के इतिहास के दूसरे सबसे तेज गेंदबाज के हाथ से निकली। जिम्बाब्वे के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए मोहम्मद सामी ने 156.4 की रफ्तार से एक गेंद फेंकी जिसे लंबे समय तक याद किया जाएगा। समी ने 36 टेस्ट मैच में 85 विकेट और वनडे में 87 मैच खेलते हुए 121 विकेट लिए अपने नाम किए थे।

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खराब फॉर्म और फिटनेस के चलते इस क्रिकेट का करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा। हालांकि मैदान पर इस खिलाड़ी ने अपनी जोरदार गेंदाबाजी के चलते लोगों को खूब एंटरटेन किया और सामने खड़े बल्लेबाजों की गिल्लियां भी बिखेरी।

अपनी तेज गति को बरकरार रखने के चलते कई बार इस खिलाड़ी को अपनी फिटनेस की वजह से जूझना पड़ा। कराची में जन्मे इस क्रिकेटर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। 2001 में इस खिलाड़ी ने श्रीलंका के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और तेज गेंदबाज के तौर पर स्थापित करने में इस खिलाड़ी को ज्यादा समय नहीं मिला।

#8 मिचेल जॉनसन

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन की गेंदबाजी का लोहा दुनिया मानती है। उनके गेंद में रफ्तार और उछाल का सही मिश्रण रहा है। इंग्लैंड की टीम के खिलाफ इस खिलाड़ी का प्रदर्शन लाजवाब रहा। 2013 में एमसीजी मैदान पर जॉनसन नें इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर की सबसे तेज गेंद 156.8 किलोमीटर प्रति घंटे से फेंककर सभी को चौंका दिया था।

2005 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पदार्पण करने वाले इस खिलाड़ी के नाम वनडे मैच में 130 मैच में 239 विकेट और 73 टेस्ट मैच में 313 विकेट दर्ज हैं। 2015 में इस खिलाड़ी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। हालांकि क्रिकेट को लेकर जॉनसन काफी सक्रिय रहते हैं। हाल ही में भारत ने एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में मात दे दी थी। इसके बाद जॉनसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के साथ कुछ गलत हो रहा है वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंंने मिचेल को मदद और सलाह देने की पेशकश की थी।

#7 फिडेल एडवर्ड्स

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फिडेल एडवर्ड्स वेस्टइंडीज के इतिहास के दूसरे सबसे तेज गेंदबाज रहे हैं। मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली को उनके डेब्यू के दौरान इस खिलाड़ी ने खासा परेशान किया और दो बार आउट भी किया था। 2003 में इस खिलाड़ी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 157.7 की रफ्तार से गेंद फेंकी थी जिसकी काफी चर्चा हुई थी।

इस खिलाड़ी के बारे में खास बात यह रही कि इस खिलाड़ी को वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी ब्रायन लारा ने नेट्स पर गेंदबाजी करते हुए देखा था। इस गेंदबाज की गेंदबाजी से प्रभावित होकर लारा ने बारबडोस के खिलाफ एक मैच खेलने के बाद ही फिडेल एडवर्ड्स को लारा ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण कराया था। इस मैच में फिडेल एडवर्ड्स ने भी लारा का भरोसा जीतते हुए अपने पहले मैच में कुल 6 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। उन्होंने पहली पारी के दौरान 36 रन देकर पांच विकेट चटकाए थे और दूसरी पारी के दौरान 54 रन देकर एक विकेट हासिल किए थे। यह मैच वेस्टइंडीज ने जीत लिया था।

#6 एंडी रॉबर्टस

वेस्टइंडीज के यह खिलाड़ी अपने जमाने का सबसे खतरनाक गेंजबाज माना जाता था। एंडी की गेंद के सामने बड़े से बड़ा गेंदबाज थर्राता था।1975 से 1983 तक के अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 47 टेस्ट मैच खेलते हुए इस खिलाड़ी ने 202 विकेट लिए और 56 एक दिवसीय क्रिकेट मैच में उन्होंने 20.35 की औसत से 87 विकेट अपने नाम किए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 1975 में पर्थ की पिच पर इस खिलाड़ी ने 159.5 की रफ्तार से बॉलिंग कर सभी को चौंका दिया था।

एंटीगा का रहने वाला यह खिलाड़ी वेस्टइंडीज के लिए पहला क्रिकेटर भी रहा। इस खिलाड़ी को हॉल आफ फेम भी मिला। क्रिकेट से संन्यास लेने के भी इस खिलाड़ी ने क्रिकेट के लिए काफी योगदान दिया। एंटिगा में इस खिलाड़ी के नेतृत्व में पिच तैयार की गई। खास बात यह रही कि ब्रायन लारा ने दो बार टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्कोर जिस पिच पर बनाया वो पिच रॉबर्टस के नेतृत्व में ही तैयार की गई थी।

#5 मिचेल स्टार्क

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ऑस्ट्रेलियाई टीम में मौजूदा समय में तेज गेंदबाजी की रीढ़ की हड्डी साबित हुए इस खिलाड़ी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वाका यानी पर्थ में टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे तेज गेंद (160.4 की रफ्तार से गेंद फेंक कर खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस खिलाड़ी ने 2011 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया और 2010 में भारत के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया। 75 वनडे मैच में इस खिलाड़ी के नाम 145 विकेट दर्ज है और वहीं 47 टेस्ट मैच में 191 विकटे इस खिलाड़ी ने अपने नाम किए हैं।

मिचेल की गेंदबाजी की धार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह सलामी बल्लेबाजों को आउट करने में सबसे आगे रहे हैं। टेस्ट टी 20 वनडे तीनों प्रारूपों में मिशेल ने 74 बार सलामी बल्लेबाजों का विकेट निकालकर अपनी टीम की झोली में डाला है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड डेनिस लिली के नाम था उन्होंने ऐसा 73 बार किया था।

#4 जेफ थॉमसन

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज में शुमार जेफ थॉमसन का नाम तेज गेंदबाज के तौर पर बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने 51 टेस्ट और 50 वन-डे मैच खेले हैं। टेस्ट मैच की 90 पारियों में जेफ ने 200 विकेट, जबकि वन-डे के 50 पारियों में 55 विकेट अपने नाम किए हैं। पर्थ में उन्होंने 160.6 kmph की रफ्तार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंद फेंकी थी।

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ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज डेनिस लिली और जेफ थॉमसन की जोड़ी को विश्व की सबसे खतरनाक गेंदबाजों की जोड़ी में शुमार किया जाता था। इस गेंदबाज के खूबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस खिलाड़ी की गेंद की रफ्तार पर यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में स्टडी की गई। इतना ही नहीं डेनिस लिली ने अपनी किताब द ऑर्ट आफ फास्ट बॉलिंग में जेफ की सबेस तेज गेंद के बारे में चर्चा भी की है।

#3 शॉन टे

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में जन्मे इस खिलाड़ी का मैदान पर अपना अलग जलवा था। ऊंची कद काठी का यह खिलाड़ी बल्लेबाजों के लिए काल साबित होता था। तेज रफ्तार और यॉर्कर लेंथ की गेंद फेंकने वाले इस खिलाड़ी के नाम 35 वनडे मैच में 62 विकेट दर्ज है और 3 टेस्ट मैच खेलते हुए इस खिलाड़ी ने 5 विकेट चटकाए हैं। 2011 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ 161.1 kmph के रफ्तार से गेंद फेंकी थी।

इस खिलाड़ी के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि शॉन टेट ने भारतीय मॉडल मशहूम सिंहा से शादी की है। साल 2010 में शॉन टेट इंडियन प्रीमियर खेलने आए थे और इस टूर्नामेंट के दौरान दोनों की मुलाकात हुई। जिसके बाद साल 2014 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। इतना ही नहीं वो भारत की नागरिकता भी ले चुके हैं।

#2 ब्रेट ली

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ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ब्रेट ली क्रिकेट प्रशंसकों के हर घर की पंसद हैं। ब्रेट ली ने साल 2015 में न्यूजीलैंड के खिलाफ (161.1 के रफ्तार से गेंदबाजी फेंकी थी। ऑस्ट्रेलिया के इस खिलाड़ी के बारे में शायद ही कोई नहीं जानता हो। अपनी गेंदबाजी के चलते इस खिलाड़ी ने विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई।

क्रिकेट के मैदान पर ब्रेट ली ने कभी भी अपनी रफ्तार से समझौता नहीं किया। गेंदबाजी के दौरान इस खिलाड़ी की स्लोवर गेंद और ऑफ कटर गेंद मुख्य हथियार के तौर पर जानी जाती थी। ब्रेट ली ने 76 टेस्ट मैच खेलते हुए 310 विकेट अपने नाम किए। वहीं 221 वनडे मैच में ब्रेट ली के नाम 380 विकेट दर्ज हैं। जबकि टी20 में इस खिलाड़ी 25 मैच खेलते हुए 28 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। दिसम्बर 1999 मेx भारतीय टीम के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया और ऑस्ट्रेलिया के तरफ से 383वें टेस्ट क्रिकेटर बने।

#1 शोएब अख्तर

रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज अपनी रफ्तार और लय के लिए काफी मशहूर हुए। 2003 विश्व कप में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 की रफ्तार से गेंद फेंक कर सबको स्तब्ध कर दिया था। शोएब अख्तर की औसतन रफ्तार 145 से 150 रहती थी। क्रिकेट में कम उम्र में आगाज करने वाले इस खिलाड़ी के करियर में विवादों की डोर काफी लंबी रही। उनके करियर का अंत जल्द होने का यह भी एक कारण रहा।

विंडीज के खिलाफ 1997 में इस खिलाड़ी के टेस्ट करियर का आगाज हुआ। वहीं, जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए इस खिलाड़ी ने अपने वनडे करियर की शुरुआत की। रफ्तार के बादशाह इस खिलाड़ी ने 76 टेस्ट मैच में 178 विकेट अपने नाम किए। वहीं, 163 वनडे खेलते हुए अपनी झोली में इस खिलाड़ी ने 247 विकेट डाले।जबकि टी20 में इस खिलाड़ी 15 मैच खेलते हुए 19 विकेट हासिल किए।

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Edited by
मयंक मेहता
 
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