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3 मुख्य खामियां जिन्हें वर्ल्ड कप जीतने के लिए भारतीय टीम को दूर करना होगा 

जैसा कि कहते हैं कोई भी परफ़ेक्ट नहीं होता, उसे परफ़ेक्ट बनाना पड़ता है।" खैर, यह तर्क सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष पर ही नहीं बल्कि एक टीम पर भी उतना ही फिट बैठता है।

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हरेक टीम में कुछ सकारात्मक पहलू होते हैं और कुछ नकारात्मक। तो इसी तरह से वर्ल्ड कप 2019 के लिए चुनी गई भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ खामियाँ हैं। 15 अप्रैल 2019 को बीसीसीआई ने इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की।

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30 मई से शुरू होने वाले इस मेगा टूर्नामेंट में भारत अपना पहला मैच 5 जून को खेलेगा। जबकि कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है और 15 सदस्यीय स्क्वाड पूरी तरह से संतुलित दिखती है, लेकिन फिर भी टीम में अभी भी कुछ खामियां हैं जिन्हें दूर किये बगैर भारत तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना नहीं देख सकता।

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तो आइए एक नज़र डालते हैं उन तीन प्रमुख ख़ामियों पर जिन्हें वर्ल्ड कप से पहले विराट ब्रिगेड को दूर करना होगा:

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#1. स्विंग के खिलाफ लचर प्रदर्शन

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जब भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड का दौरा किया था, तो विराट कोहली को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों को स्विंग के खिलाफ रन बनाने के लिए संघर्ष पड़ा था।

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यहां तक कि अभी कुछ महीने पहले ही न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चौथे एकदिवसीय मैच में, पूरी भारतीय टीम सिर्फ 92 रनों पर ही ढेर हो गई क्योंकि गेंद स्विंग कर रही थी और ट्रेंट बोल्ट की कहर बरपाती गेंदों के आगे कोई भी भारतीय बल्लेबाज ज़्यादा देर तक टिक नहीं पाया।

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तो ऐसे में इंग्लैंड की ओवरकास्ट परिस्थितियों में जहां पिचें तेज़ गेंदबाज़ों के मुफीद होती हैं और गेंद को अच्छी स्विंग मिलती है, भारतीय बल्लेबाजों को हम सँघर्ष करते देख सकते हैं।

ख़ासकर केएल राहुल, शिखर धवन और एमएस धोनी स्विंग के सामने असहाय दिखते हैं। तो इसलिए भारतीय बल्लेबाजों, विशेष रूप से सलामी बल्लेबाजों को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार करने की आवश्यकता होगी।

इसकी वजह यह है कि भारतीय बल्लेबाज़ी शीर्ष तीन बल्लेबाजों पर ही निर्भर करेगी और अगर यह तीनों बल्लेबाज़ जल्दी अपना विकेट गंवा देते हैं तो भारत के लिए मैच में वापसी कर पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा जैसा कि हम चैंपियंस ट्रॉफी, 2017 के फाइनल में देख चुके हैं।

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#2. आईपीएल में खिलाड़ियों का प्रदर्शन

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हालाँकि चयनकर्ताओं ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि खिलाड़ियों का आईपीएल प्रदर्शन उनके वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने का आधार नहीं होगा। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि खिलाड़ियों का आईपीएल प्रदर्शन उनकी मौजूदा फॉर्म को ज़रूर दर्शाता है।

विश्व कप के लिए चुनी गई भारत की 15 सदस्यीय टीम के सभी खिलाड़ी इस समय आईपीएल में खेल रहे हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। मसलन, विजय शंकर, जिन्हें भारतीय टीम के नंबर 4 स्लॉट का बल्लेबाज़ समझा जा रहा है, अभी तक गेंद और बल्ले, दोनों से ही कमाल नहीं दिखा पाए हैं।

यही हाल भारत के सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का भी है। विश्व कप के दौरान उनपर शुरुआती विकेट निकालने का दारोमदार होगा और अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो इससे भारत के विश्व कप जीतने की उम्मीदों को गहरा झटका लग सकता है।

कुलदीप यादव, दिनेश कार्तिक, और केदार जाधव जैसे खिलाड़ियों ने भी निराश किया है। रोहित शर्मा भी उम्मीद के मुताबिक खेलने में नाकाम रहे हैं। लेकिन फिर भी आईपीएल में उनके पास वापसी करने का पर्याप्त मौका है।

#3. निचले मध्य-क्रम की कमज़ोरी

भारत के पास इस समय निचले मध्य-क्रम में हार्दिक पांड्या के अलावा कोई अच्छा फिनिशर नहीं है। इंग्लैंड में, सपाट पिच होने की वजह से अंतिम 10 ओवरों में 90-100 रन बनाना लाज़मी होगा।

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पिछले कुछ सालों से शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों- शिखर धवन, विराट कोहली, रोहित शर्मा के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहा है।

तो अगर विश्व कप में भारत को अपनी जीत की संभावनायें बढ़ानी हैं तो हार्दिक पांड्या के जोड़ीदार के तौर पर किसी बल्लेबाज़ को फिनिशर की भूमिका निभानी होगी। मध्य-क्रम में भारत के पास विजय शंकर, केदार जाधव और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी हैं जो लंबी पारी खेलने के लिए नहीं जाने जाते।

क्रिकेट फैंस एमएस धोनी से यह उम्मीद करेंगे कि वे निचले क्रम में फिनिशर की भूमिका बखूबी निभाएंगे।आईपीएल में धोनी ज़बरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं और अगर वह विश्व कप में भी इस प्रदर्शन को दोहरा पाते हैं तो भारत को तीसरी बार विश्व विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकेगा।

लेखक: अयुज आर्यन अनुवादक: आशीष कुमार

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Edited by
मयंक मेहता
 
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