ब्रिस्बेन का मैदान (गाबा) जहाँ ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) को हराना नामुमकिन सा था, भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने चौथे और निर्णायक टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराकर सीरीज पर 2-1 से कब्ज़ा जमाया और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम एक बार फिर से कर ली है। ऑस्ट्रेलिया को लगातार उसके घर में दो सीरीज में हराना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है , खासकर कि तब जब भारत के कई प्रमुख खिलाड़ी सीरीज से बाहर हो चुके थे और ऑस्ट्रेलिया अपनी पूरी मजबूत टीम के साथ खेली रहा था। इस सीरीज में भारत के बल्लेबाजों ने लड़ने का जज्बा दिखाया और बेहतर प्रदर्शन करते हुए नजर आये।
इस सीरीज के शुरूआती मैच में भारतीय ओपनर्स का प्रदर्शन खराब रहा था लेकिन इसके बाद भारतीय ओपनिंग बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया में ओपनर्स का काम आसान नहीं रहता क्योंकि नई गेंद काफी मूव करता है और भारतीय हालत से उछाल भी काफी ज्यादा होता है। ऐसे में ओपनर्स के रन बनाने का काम और मुश्किल हो जाता है। हालाँकि गाबा में कई भारतीय ओपनर्स का टेस्ट में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है।
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से अपना करियर शुरू करने वाले शुभमन गिल इस सीरीज में भारत के लिए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। गिल ने इस सीरीज की 6 पारियों में 51 से भी ज्यादा की औसत से 259 रन बनाये हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 2 अर्धशतक भी निकले। गिल ने इस सीरीज में अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी गाबा में खेली। गाबा टेस्ट की चौथी पारी में गिल ने शानदार 91 रन बनाये और भारत को लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार शुरुआत दिलाने में मदद की थी।