AUS v IND: 3 कारण हार्दिक पांड्या को आस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट के लिए टीम में शामिल करना चाहिए

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच पर्थ में खेला जा रहा है। एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 31 रन से जीत हासिल की थी। दूसरे टेस्ट में भारत मजबूत स्थिति में नहीं दिख रहा है। आस्ट्रेलिया के पास भारत पर 175 रन की बढ़त हो गई है। इसके अलावा उसके पास अभी 6 बल्लेबाज खेलने के लिए बचे हैं।

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इस टेस्ट मैच के बाद भारत को भी दो टेस्ट मैच खेलने हैं। इस टेस्ट सीरीज के दौरान भारत की कमजोर कड़ी पांचवें गेंदबाज के तौर पर सामने आई है। इस कमजोर कड़ी का निदान भारत के पास हार्दिक पांड्या के तौर पर है। हाल ही में हार्दिक पांड्या ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से वापसी की है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं वो तीन कारण जो साबित करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार्दिक पांड्या को बचे हुए टेस्ट मैच के लिए टीम में शामिल किया जाना चाहिए:

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दमदार वापसी:

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आईपीएल में अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय टीम तक का सफर तय करने वाले हार्दिक पांड्या हाल के दिनों में टीम इंडिया की जरूरत बन गए हैं। एक सधे हुए मीडियम पेसर और जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी में अच्छे दमखम दिखाने वाले बल्लेबाज के तौर पर हार्दिक पांड्या विश्व क्रिकेट के पटल पर उभरे हैं।

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हाल ही में टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा की तरफ से खेलते हुए पांच विकेट चटकाए। इस दौरान पांड्या ने 19 ओवर फेंके और मंबई के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई और शानदार अर्धशतक भी लगाया। हार्दिक पांड्या के इस प्रदर्शन से यह साफ हो गया कि वह अब बिल्कुल फिट हैं। इतना ही नहीं उनका प्रदर्शन देख टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने खुद ही इस बात को कहा कि रणजी के मौजूदा सीजन में पांड्या की जोड़ का कोई खिलाड़ी नहीं है।

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गेंदबाजी के लिए पांचवां विकल्प

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टीम इंडिया में हार्दिक पांड्या की वापसी के बाद भारत को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारत को टीम के लिए मजबूरी भरा संयोजन और संतुलन नहीं करना पड़ेगा। भारत की टीम संतुलन के हिसाब से काफी परफेक्ट नजर आएगी।ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम में ऑलराउंडर की कमी नजर आ रही है जिसे हार्दिक पांड्या पूरा कर सकते हैं।

पर्थ में जारी दूसरे टेस्ट पर नजर डाले तो भारत चार तेज गेंदबाज, छह बल्लेबाज और एक विकेटकीपर के साथ मैदान पर उतरा। पर्थ के इस नए विकेट पर गेंद में बाउंस काफी ज्यादा देखा गया है ऐसे में टीम में स्पिनर पर ज्यादा भरोसा नहीं जताया जा सकता। यही वजह है कि पांड्या को टीम में वापस बुलाने की बात को बल मिलता है। अगर भारत के पास हार्दिक पांड्या जैसा खिलाड़ी होता तो टीम इंडिया बॉलिंग अटैक में तीन तेज गेंदबाज, एक ऑलराउंडर और एक स्पिनर का मिश्रण रख सकती। बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच 26 दिसंबर से खेला जाएगा।

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कप्तान कोहली का भरोसा

कप्तान का भरोसा हार्दिक पांड्या को शामिल तीन बड़ी वजहों में से एक बड़ी वजह यह है कि कप्तान विराट कोहली को हार्दिक पांड्या पर काफी भरोसा रहा है। विराट कोहली ने कई बार हार्दिक पांड्या पर भरोसा जताया है और वह विराट की उम्मीद पर खरा उतरे हैं। हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी में भारतीय पेसर्स को पांचवे तेज गेंदबाज के हिस्से के अतिरिक्त ओवर भी फेंकने होते हैं। ऐसे में गेंदबाजों को अतिरिक्त ओवर के साथ-साथ लय बरकरार रखने की चुनौती का सामना करना पड़ता है।

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विराट कोहली इस टेस्ट सीरीज की शुरुआत में ही इस बात को स्वीकार चुके हैं कि पांड्या के ना रहने से ईशांत समेत अन्य पेसर्स कोे वो अतिरिक्त ओवर फेंकने होंगे जो हार्दिक पांड्या के हिस्से में आते हैं। विराट ने पहले टेस्ट मैच से पहले कहा था कि ऑलराउंडर खिलाड़ी का नहीं खेलना ज्यादा मायने नहीं रखता।

हर टीम एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज अपनी टीम में चाहती है। ऐसे में हार्दिक के ना होने से टीम पर असर तो पड़ेगा ही। ऐसे में विराट कोहली की इन बातों पर गौर करने से लगता है कि हार्दिक के टीम में होने से कप्तान कोहली का आत्मविश्वास और ज्यादा होता। यही वो कारण है जिनकी वजह से उन्हें टीम में दो टेस्ट के लिए वापस बुलाना चाहिए।

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Edited by
मयंक मेहता
 
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