5 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम तीन वन-डे के लिए टीम में जगह नहीं मिली

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला वन-डे मुकाबला जीतने के बाद भारतीय टीम ने विशाखापट्टनम में हुए दूसरे मैच में भी 321 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। विंडीज ने भी उसी अंदाज में खेलते हुए मैच टाई करवा दिया। अंतिम गेंद पर जीत के लिए 5 रन वेस्टइंडीज को चाहिए थे और शाई हॉप ने गेंद को चार रन के लिए भेजकर मैदान में हो रहे शोर को शांत कर दिया।

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बचे हुए तीन मैचों के लिए बीसीसीआई ने टीम घोषित कर दी। तीसरा मुकाबला 27 अक्टूबर को पुणे में खेला जाएगा। मोहम्मद शमी को बाहर करके जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को शामिल कर लिया गया। टीम में कुछ ऐसे नाम नदारद हैं जिन्हें शामिल करने की उम्मीद सभी को थी लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। आइए जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जो एक बार फिर टीम इंडिया में शामिल नहीं किये गए। इनमें से कई नाम काफी चौंकाने वाले हैं।

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5. पृथ्वी शॉ

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इस 18 वर्षीय युवा खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। उन्हें इसमें एक बार मैन ऑफ़ द मैच मिला, इसके अलावा वे मैन ऑफ़ द सीरीज भी चुने गए। डेब्यू टेस्ट में शतक बनाने के बाद यह खिलाड़ी भारत के अलावा विश्व मीडिया में भी छा गया। अगले मैच में उन्होंने अर्धशतक भी जड़ा।

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इसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के खेलते हुए एक अर्धशतक जमाने वाले पृथ्वी शॉ को वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज के अंतिम तीन मैचों के लिए टीम इंडिया में शामिल किया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि पहले ऐसी कई खबरें आई थी कि टेस्ट के बाद वन-डे क्रिकेट में भी पंत विंडीज के खिलाफ डेब्यू करेंगे। अब रणजी ट्रॉफी में वे मुंबई के लिए खेलेंगे और प्रदर्शन अच्छा रहने पर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में चुने जा सकते हैं।

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4. क्रुणाल पांड्या

एशिया कप में हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बड़े भाई क्रुणाल पांड्या को टीम में जगह मिलेगी लेकिन यह नहीं हुआ। वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरूआती दो वन-डे मैचों में भी उन्हें नहीं चुना गया था। लम्बे समय से क्रुणाल पांड्या बल्ले और गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम के दरवाजा खटखटा रहे थे मगर अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। आईपीएल में पिछले दो साल से मुंबई इंडियंस के लिए वे टॉप खिलाड़ियों में से एक रहे हैं।

इसके अलावा भी उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। विजय हजारे ट्रॉफी में क्रुणाल पांड्या ने 3 अर्धशतक जमाए। इसके अलावा गेंदबाजी में भी उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है। एक मैच में उन्होंने गोवा के खिलाफ पारी में 6 विकेट भी चटकाए। इस खेल के बाद उन्हें वन-डे टीम में चुना जा सकता था लेकिन अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

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3. दिनेश कार्तिक

इस दिग्गज खिलाड़ी के करियर में कई बार ऐसे मौके आए हैं जब उन्हें टीम से अंदर-बाहर होना पड़ा है। उन्हें एशिया कप की भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वहां कुछ मैचों में 30-40 रनों की पारियां खेल उन्होंने अपनी फॉर्म और कुशलता दर्शाई थी। कार्तिक को इंग्लैंड दौरे पर भी भेजा गया था, पहले दो टेस्ट मुकाबलों में खराब खेल के बाद उन्हें अंतिम 3 टेस्ट मैचों से बाहर कर दिया गया। प्रदर्शन की बात करें, तो एशिया कप में उनके खेल को खराब नहीं कहा जा सकता।

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आईपीएल में उन्होंने लगातार शानदार खेल दिखाया। श्रीलंका में हुई टी20 त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में बांग्लादेश को कार्तिक ने ही हराया था। उस ताबड़तोड़ पारी के बाद उनकी फॉर्म ऊपर ही रही है। देवधर ट्रॉफी में उन्होंने भारत ए के लिए खेलते हुए 99 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली है और यह वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम 3 वन-डे मैचों के चयन से पहले बनाया हुआ स्कोर है। कार्तिक को टीम में शामिल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण कहा जा सकता है।

2. शुभमन गिल

पृथ्वी शॉ के अलावा अंडर 19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम में शुभमन गिल का नाम भी शामिल है। हालांकि उन्हें फ़िलहाल भारतीय टीम के लिए किसी भी प्रारूप में खेलने का मौका नहीं मिला है। घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हुए उन्होंने अलग-अलग मौकों पर शानदार पारियां खेली है। आईपीएल में गिल को कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से डेब्यू करने का मौका मिला। हालांकि वहां उनको ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन कुछ असरदार पारियां खेलकर उन्होंने सब का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया।

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मौजूदा देवधर ट्रॉफी में भारत 'सी' की तरफ से खेलते हुए शुभमन गिल ने करो या मरो वाले मैच में शतकीय पारी खेलकर टीम को मैच में जीत दिलाई और फाइनल में भी प्रवेश कराया। यह युवा खिलाड़ी लगभग भारतीय टीम के दरवाजे पर खड़ा है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में जगह नहीं मिलने के बाद अब उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।

1. केदार जाधव

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केदार जाधव ज्यादातर चोटिल रहे हैं। चोट से जूझना उनके लिए एक प्रमुख समस्या बन गई है। सबसे पहले इस वर्ष आईपीएल में उन्हें मुंबई इंडियंस के खिलाफ उद्घाटन मैच में चोटिल होना पड़ा। इसके बाद भी उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग्स को मैच जिताने में सफलता हासिल की। इसके बाद वापस उन्हें एशिया कप के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया। वहां बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में वे चोटिल हो गए। टीम इंडिया ने यह मुकाबला अंतिम ओवर में जीता था। जाधव उस वक्त क्रीज पर चोटिल अवस्था में ही खेल रहे थे।

देवधर ट्रॉफी में उन्होंने एक शानदार पारी खेली है। इसके अलावा उनकी स्पिन गेंदबाजी भी प्लस पॉइंट साबित होती है। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों के लिए उन्हें टीम में नहीं चुने जाने पर एक कारण बताते हुए कहा है कि सीधा टीम में लेने पर वे चोटिल हो जाएंगे इसलिए उनकी फिटनेस के लिए शामिल नहीं किया गया है।

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Edited by
Naveen Sharma
 
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