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5 भारतीय खिलाड़ी जो 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू कर सकते हैं

जब से आईपीएल की शुरुआत हुई है तब से यह, भारत की राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों का जरिया बन गया है। आईपीएल ने भारतीय टीम को कई खिलाड़ी दिए हैं। रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल और हार्दिक पंड्या जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी आईपीएल में अपने प्रदर्शन के बदौलत भारत की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने। आईपीएल के अलावा रणजी, विजय हजारे, देवधर ट्रॉफी जैसे कई अन्य घरेलू प्रतियोगिताओं से भी कई प्रतिभावान खिलाड़ियों का उदय हुआ है।

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भारतीय टीम में एक स्थान के लिए कई विकल्प मौजूद रहते हैं, यह खिलाड़ियों में एक कड़ी प्रतिस्पर्धा पैदा करता है। 2019 विश्व कप समाप्त होने तक भारतीय टीम में कोई नया बदलाव नहीं आएगा। हालांकि विश्व कप खत्म होने के बाद चयनकर्ता अपने स्टार खिलाड़ियों को आराम देना चाहेंगे और उस समय प्रभावशाली घरेलू खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। नजर डालते हैं भारत के ऐसे घरेलू खिलाड़ियों पर जो 2019 में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कर सकते हैं -

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#5. शुबमन गिल

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शुबमन गिल, शायद पृथ्वी शॉ के बाद भारत के घरेलू खिलाड़ियों में से सबसे रोमांचक युवा खिलाड़ी हैं। अंडर-19 विश्व कप 2018 के अधिकतर मुकाबलों में गिल ने खूब रन बटोरे और भारत की जीत में महत्वपूर्ण किरदार निभाया। रन बनाने के मामले में वह सबसे आगे थे। गिल के इसी प्रदर्शन की वजह से उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था।

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अंडर-19 विश्व कप में उनके इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2018 संस्करण के लिए उन्हें अपने खेमे में शामिल किया था। हालांकि आईपीएल के पिछले सत्र के दौरान उन्हें बेहद कम मौके मिले और ज्यादातर उन्हें निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका मिला था। अगर उन्हें ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया तो वह अपने प्रतिभा और कौशल से सबको प्रभावित की क्षमता रखते हैं।

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पंजाब के इस खिलाड़ी ने विजय हजारे और देवधर ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है, और सबसे अच्छी बात यह रही की उनके प्रदर्शन में गिरावट नहीं आई। गिल के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने का बेहतरीन मौका है क्योंकि हाल ही में न्यूजीलैंड दौरे पर घोषित की गई भारतीय टीम में उनका नाम भी शामिल है, और ऐसा संभव है की पांच एकदिवसीय मुकाबलों में उन्हें पदार्पण करने का मौका मिल सकता है।

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#4. ईशान किशन

20 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं। 2016 में किशन ने भारतीय अंडर-19 टीम की कप्तानी की थी और टीम को फाइनल तक पहुंचाया था हालांकि टीम को फाइनल में वेस्टइंडीज से हार का सामना करना पड़ा था। विषम परिस्थितियों में तेजी से रन बटोरने की छमता किशन को भारत की राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए उपयुक्त साबित करती है। इस युवा खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट के पिछले दो सत्रों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।

किशन भारतीय 'ए' टीम के हिस्सा भी हैं जिसने हाल ही में न्यूजीलैंड का दौरा किया था। वही उनका नाम इंग्लैंड लायंस और भारतीय 'ए' टीम के बीच हो रहे एकदिवसीय मुकाबलों की श्रृंखला में भी है। शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने वाले किशन ने प्रथम श्रेणी में 40.6 के औसत से 2398 रन बनाए हैं। वहीं लिस्ट 'ए' में भी उनके रिकॉर्ड इतने ही अच्छे हैं, जहाँ उन्होंने ने 40 की औसत से उन्होंने 1560 बनाये हैं।

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वहीं कोई अन्य घरेलू विकेट कीपर उनके आस पास भी नजर नहीं आता है। तेजी से रन बनाने की क्षमता उन्हें अपने अंडर-19 टीम के साथी ऋषभ पंत के विकल्प के रूप में स्थापित करती है। आईपीएल में ईशान किशन मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हैं।

#3. रजनीश गुरबानी

पिछले रणजी सत्र में विदर्भ के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन करने के बाद रजनीश गुरबानी सुर्खियों में आये थे। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर थे। उन्होंने सिर्फ 6 मैचों में 39 विकेट लिए थे और 12 पारियों में 3 बार 5 और 2 बार 10 विकेट लेने का कारनामा किया था।

उनके शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन के बदौलत विदर्भ ने पिछले साल अपना पहला रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था। 25 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 11 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले हैं, जिसमें 19.2 के औसत से 56 विकेट इनके नाम है। रजनीश, भुनेश्वर कुमार की तरह गति से ज्यादा स्विंग भरोसा रखते हैं। नागपुर में जन्मे इस खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के परिणाम स्वरूप भारतीय 'ए' टीम में शामिल किया गया है।

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राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में वह न केवल एक अच्छे क्रिकेटर बल्कि एक अच्छे व्यक्ति के रूप में भी निखरेंगे। भारत अगले साल अपनी सरजमीं पर काफी टेस्ट मैच खेलेगा, तब भारतीय चयनकर्ताओं को घरेलू गेंदबाजों को आजमाने का मौका मिलेगा और इस सूची में रजनीश गुरबानी का नाम सबसे ऊपर है।

#2. नवदीप सैनी

दिल्ली के तेज गेंदबाज 26 वर्षीय नवदीप सैनी का प्रदर्शन सनसनीखेज रहा है। भारत और अफगानिस्तान के बीच खेले गए एकमात्र टेस्ट मुकाबले में इस खिलाड़ी को टीम में चुना गया था। हालांकि भारत की मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण के कारण उन्हें उस मुकाबले में खेलने का मौका नहीं मिला था। सैनी की गेंदबाजी क्षमता को कई दिग्गज खिलाड़ियों से सराहना मिली है।

सैनी से घरेलू क्रिकेट में 2013 में प्रदार्पण किया था और अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 28.2 की शानदार गेंदबाजी औसत से 110 विकेट चटकाए हैं । वही लिस्ट 'ए' के 35 मुकाबलों में इनके नाम 55 विकेट दर्ज हैं। दिल्ली के इस तेज गेंदबाज का पिछला रणजी सत्र बेहद शानदार रहा। जहाँ इन्होंने 8 मुकाबलों में 14 विकेट चटकाये।

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आईपीएल में सैनी आरसीबी के लिए खेलते हैं और आईपीएल 2019 के लिए आरसीबी ने उन्हें रिटेन भी किया है। वह इस समय भारतीय 'ए' टीम का हिस्सा भी हैं। विश्व कप के बाद अगर बड़े खिलाड़ियों को आराम दिया जाएगा तब रजनीश गुरबानी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिल सकता है।

#1. मयंक मार्कडेंय

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आईपीएल की देन रहे खिलाड़ियों में से एक नाम मयंक मार्कडेंय का भी है। 21 वर्षीय यह युवा लेग स्पिनर अपने गूगली के लिए बेहद मशहूर है। मयंक ने अपनी शुरुआत एक मध्यम तेज गेंदबाज के तौर पर की थी, लेकिन उनके कोच ने उनके अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी और तब से मयंक स्पिन गेंदबाज बन गए।

मयंक ने घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए 2018 में प्रदार्पण किया था। मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 2018 की नीलामी में मयंक को ₹20 लाख में अपने खेमे में शामिल था। मयंक ने आईपीएल के दौरान अभ्यास करते हुए कप्तान के साथ अन्य खिलाड़ियों को भी काफी प्रभावित किया था और इसी वजह से उन्हें आईपीएल मुकाबले में खेलने का मौका मिला था। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ, आईपीएल में अपना पहला मुकाबला खेल रहे मयंक ने एमएस धोनी को अपनी तेज गुगली से एलबीडब्ल्यू में फंसा दिया था।

एमएस धोनी का विकेट उनके आईपीएल करियर का पहला विकेट रहा। वहीं एक अन्य मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 4 लेकर फिर से चर्चा में आए थे। अपने आईपीएल करियर में उनके नाम 14 मुकाबलों में 24.53 की औसत से 15 विकेट दर्ज है। उनके इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें भारतीय 'ए' टीम में भी शामिल किया गया है। विश्व कप के बाद अगर भारत के नियमित स्पिनर कुलदीप यादव और चहल को आराम दिया जाता है, उस वक्त ऐसा संभव है कि मयंक भारत की राष्ट्रीय टीम में मुख्य स्पिनर के तौर पर दिखाई दे सकते हैं।

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Edited by
सावन गुप्ता
 
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