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विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद श्रीलंकाई टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जबरदस्त वापसी की है। मेजबानों ने पहले टेस्ट मैच में कीवी टीम को छह विकेट से पराजित कर दिया। इस जीत के हीरो श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करुणारत्ने रहे, जिन्होंने खेल के आखिरी दिन 122 रनों की पारी खेल अपनी टीम की जीत की नींव रखी। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। इस जीत पर कप्तान करुणारत्ने ने कहा कि टॉस हारने के बावजूद गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। साथ ही, इस शतकीय पारी ने मुझमें आत्मविश्वास भर दिया है।
श्रीलंकाई कप्तान ने कहा कि हमारे गेंदबाजों ने कीवी टीम को 249 रनों पर ही रोक दिया था। यह बड़ी बात थी। गेंद जब नई थी, तब टर्न और उछाल ले रही थी लेकिन बाद में जब पुरानी हो गई तो बल्लेबाजी करना आसान हो गया था। हमने हर स्तर पर अच्छी गेंदबाजी की। गेंद स्पिन हो रही थी इसलिए हमारे गेंदबाजों का काम और आसान हो गया था।
शतक के बारे में करुणारत्ने ने कहा कि मैंने पिछले कुछ मैचों में शतक नहीं लगाया था। मैंने यह बात टीम को भी बताई थी। मुझे इस मैच में किसी भी तरह से कुछ कर दिखाना था। मैं रनों का भूखा हूं। मैं जितना बड़ा स्कोर बना सकता हूं, उतना बनाने की कोशिश करता हूं। मुझे जब मौका मिलता है तो मैं उसे भुनाने में अपना सौ प्रतिशत देता हूं। दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैं जिस तरह की बल्लेबाजी करना चाहता था, वो नहीं कर पाया था। मुझे श्रीलंका में जब यह मौका मिला तो मैंने इसे जाने नहीं दिया। इस शतक ने मेरे आत्मविश्वास को और बढ़ाया है।
करुणारत्ने ने लाहिरू थिरमाने के साथ मिलकर चौथी पारी में 161 रनों की साझेदारी की थी। उन्होंने कहा कि चौथी पारी में बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। हम एक अच्छी साझेदारी चाहते थे। आप जब एक बार विकेट पर सेट हो जाते हो तो फिर काम खत्म करना आसान हो जाता है। श्रीलंका ने गॉल के मैदान पर अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड बनाया है। इस मैदान पर कोई भी टीम 99 रन से ज्यादा का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई थी लेकिन श्रीलंका ने चौथी पारी में 268 रनों के लक्ष्य को हासिल किया और टेस्ट मैच अपने नाम किया।
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