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5 भारतीय बल्लेबाज जिन्होंने गेंद के साथ यागदान देते हुए मैच का रुख बदला

दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड की तरह भारत को ज्यादातर ऑलराउंडर्स नहीं मिले। अगर एक गुणवत्ता वाला ऑलराउंडर टीम में नहीं हो तो ये कप्तान के फैसले को प्रभावित करती है क्योंकि उन्हें वनडे क्रिकेट में 10 ओवरों के लिए पांचवें गेंदबाज के विकल्पों को देखना पड़ता है जो कि टीम के संतुलन को प्रभावित करती है।

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टीम को संतुलन प्रदान करने के लिए शीर्ष क्रम के बल्लेबाज जोकि पार्ट टाईम गेंदबाजी करते हो उन्हें कुछ ओवरों की गेंदबाजी दी जाती है, इसी प्रक्रिया में उन्होंने कई दफा कुछ महत्वपूर्ण साझेदारियां तोड़ दी और मैच का रुख अपनी टीम की ओर मोड़ दिया था।

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आइए हम यहां 5 ऐसे प्रदर्शनों को देखें, जहां पार्ट टाइम गेंदबाजों ने अपनी आश्चर्यजनक गेंदबाजी से मैच में काफी अंतर पैदा कर दिया और टीम को जीतने में काफी मदद की।

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#5 राहुल द्रविड़ - 2/43 बनाम दक्षिण अफ्रीका - 2000, कोच्चि

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दक्षिण अफ्रीका ने साल 2000 के सीरीज के पहले वनडे मैच में भारत के खिलाफ पहले बैटिंग करने का फैसला किय और उनके फैसले को सलामी बल्लेबाज गैरी कर्स्टन और हर्शेल गिब्स ने सही साबित कर दिया और एक शानदार साझेदारी की।

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सौरव गांगुली जो कप्तान के रूप में पहली बार भारत का नेतृत्व कर रहे थे, एक आउट ऑफ द बॉक्स विचार के साथ आए और राहुल द्रविड़ से गेंदबाजी करने को कहा। द्रविड़, जोकि पहले सईद अनवर को भी अपने ऑफ स्पिन से आउट कर चुके थे।

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दक्षिण अफ्रीका ने 42 ओवरों में 249 रन एक विकेट के नुकसान पर बनाए थे, द्रविड़ ने कर्स्टन को 115 रन और क्लूजनर को 0 रन के स्कोर पर एक ही ओवर में चलता कर दिया था, उनका बॉलिंग फिगर 9-1-43-2 था।

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#4 युवराज सिंह - 5/31 बनाम आयरलैंड - विश्वकप 2011, बेंगलुरु

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वर्ल्ड कप 2011 को शायद ही कोई भूल सकता है। भारत ने इस विश्व कप में जीत हासिल की थी। विश्व कप में युवराज को स्ट्राइक बॉलर की तरह पेश किया गया था । आयरलैंड के खिलाफ मुकाबले में युवराज सिंह ने पहली बॉल पर व्हाइट को आउट कर दिया, इसके तुरंत बाद ही उन्होंने केविन ओ'ब्रायन को 9 रन पर ही चलता कर दिया।

युवराज धीमी गति से गेंदबाजी कर रहे थे और पिच से उन्हें टर्न भी मिल रहा था। उन्होंने पारी के टॉप स्कोरर पोर्टरफील्ड, एलेक्स कुसैक और जॉन मूनी को भी आउट कर दिया। युवराज ने 10-0-31-5 के जादुई फिगर के साथ अपना स्पैल समाप्त किया। भारत ने आसानी से इस मैच को जीत लिया और उसमें भी युवराज ने अर्धशतक लगाया था।

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#3 वीरेंदर सहवाग - 3/25 बनाम दक्षिण अफ्रीका 2002, कोलंबो

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भारत ने इस मैच में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गांगुली और सहवाग ने 5 ओवरों में 40 रन बनाकर भारत की अच्छी शुरुआत की। भारत ने मध्य के ओवर में कुछ विकेट गंवाए लेकिन युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की पारी से भारत ने 261 रन बनाए।

दक्षिण अफ्रीका ने 1 विकेट के नुकसान पर 176 रन बना लिए थे। इसके बाद हर्शेल गिब्स 116 रन के निजी स्कोर पर चोट के कारण बाहर हो गए थे। फिर गांगुली ने सहवाग को गेंद थमा दी, सहवाग ने कई डॉट गेंद की और दक्षिण अफ्रीका को अंत के 4 ओवरों में 34 रन की जरूरत थी। सहवाग ने आखिरी ओवर किया जिसमें दक्षिण अफ्रीका को 21 रन की जरूरत थी और सहवाग ने मात्र 11 रन दिए और भारत ने इस मैच को 10 रनों से जीत लिया।

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# 2 सचिन तेंदुलकर - 5/32 बनाम ऑस्ट्रेलिया - 1998, कोच्चि

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इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 309 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया के ओपनर एडम गिलक्रिस्ट और मार्क वॉ ने भारतीय गेंदबाजों की काफी पिटाई की। अजीत आगरकर ने अपने वनडे पदार्पण में 61 रनों पर खेल रहे खतरनाक गिलक्रिस्ट को आउट कर दिया और इस तुरंत बाद पोंटिंग भी जल्दी ही आउट हो गए।

ऑस्ट्रेलिया ने 33 ओवरों में 202/3 का स्कोर बना लिया था। इसके बाद सचिन गेंदबाजी के लिए आए और उन्होंने तुरंत ही स्टीव वॉ को चलता कर दिया। फिर उन्होंने डैरेन लेहमन को भी आउट कर दिया और इसके बाद विकेट गिरते ही चले गए और ऑस्ट्रेलिया इस मैच को हार गया।

तेंदुलकर ने अपने सर्वश्रेष्ठ वनडे आंकड़े 10-1-32-5 का प्रदर्शन किया और मैन ऑफ द मैच बने।

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#1 सौरव गांगुली - 5/16 बनाम पाकिस्तान -1997, टोरंटो

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भारत ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में केवल 182/6 रनों का स्कोर बनाया। पाकिस्तान ने 8वें ओवर में अपनी टीम का स्कोर बिना किसी विकेट के नुकसान पर 50 रन बना लिए थे।

हालांकि, कप्तान सचिन तेंदुलकर की अन्य योजनाएं थीं और उन्होने गेंद सौरव गांगुली को थमा दी। गांगुली ने 6 के स्कोर पर खेल रहे खतरनाक सलीम मलिक और हसन रजा को बिना खाता खोले आउट कर दिया। इजाज अहमद अपना कैच कांबली को थमा बैठे और मात्र 13 रन बना सके। इसके बाद मोइन खान भी लंबे समय तक नहीं टिक सके और 7 रन बनाकर आउट हो गए।

गांगुली ने शानदार गेंदबाजी की और 10-3-16-5 के आंकड़े के साथ मैच समाप्त किया।

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लेखक: अश्विन श्रीनिवास

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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Edited by
मयंक मेहता
 
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