IND v NZ: तीसरे टी20 में भारतीय टीम की हार के 4 प्रमुख कारण

हैमिल्टन में खेले गए तीसरे और आखिरी टी20 मैच में भारतीय टीम को 4 रन से हार का सामना करना पड़ा। न्यूजीलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 212 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम ने भी जबरदस्त बल्लेबाजी की लेकिन 6 विकेट के नुकसान पर 208 रन ही बनाई। इस तरह से 2-1 से ये सीरीज कीवी टीम के नाम रही।

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आइए जानते हैं किन वजहों से तीसरे मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा:

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4.युजवेंद्र चहल को अंतिम एकादश में नहीं शामिल करना:

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तीसरे मैच के लिए भारतीय टीम में एक बदलाव हुआ। युजवेंद्र चहल की जगह कुलदीप यादव को मौका दिया गया। हालांकि कुलदीप यादव ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए हाई स्कोरिंग मैच में भी 4 ओवर में सिर्फ 26 रन दिए और कॉलिन मुनरो और टिम साइफर्ट के बेहद अहम विकेट चटकाए। लेकिन चहल की कमी इस मैच में जरुर खली।

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सभी जानते हैं कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम को कई मैच जिता चुकी है। ऐसे में जहां कुलदीप यादव एक छोर से शानदार गेंदबाजी कर रहे थे तो वहीं दूसरे छोर से क्रुणाल पांड्या की गेंदों पर लगातार रन बन रहे थे। इसलिए न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों पर कोई दबाव नहीं बन पा रहा था और वे लगातार रन बना रहे थे। चहल एक विकेटटेकिंग गेंदबाज हैं और अगर वो ये मैच खेल रहे होते तो शायद मध्य के ओवरों में विकेट चटकाकर कीवी टीम को एक बड़ा स्कोर बनाने से रोक सकते थे।

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हालांकि पहले दो मैचों में चहल उतने प्रभावशाली नहीं रहे थे लेकिन उन्हें टी20 मैचों का काफी अनुभव है और कुलदीप यादव के साथ उनकी जोड़ी काफी खतरनाक साबित हो सकती थी।

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3.रोहित शर्मा की धीमी बल्लेबाजी और गलत समय पर आउट होना

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भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस मैच में ओपनिंग के लिए आए और 14वें ओवर में आउट हुए, लेकिन इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ 38 रन निकले और वो भी 32 गेंदों पर। रोहित शर्मा ने अपनी पारी में सिर्फ 3 चौके लगाए और पावरप्ले के बाद बिल्कुल भी बड़ा शॉट खेलने की कोशिश नहीं की।

आमतौर पर रोहित शर्मा अगर इतनी देर बल्लेबाजी करते हैं तो उनके बल्ले से चौके-छक्कों की बारिश होने लगती है लेकिन इस मैच में ऐसा नहीं हुआ। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि वो आखिर तक बल्लेबाजी करना चाहते हों और मैच खत्म करना चाह रहे थे। लेकिन जिस समय टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी वो आउट हो गए। अगर उन्होंने बीच में कुछ बड़े शॉट्स लगाए होते तो शायद स्थिति कुछ और होती।

इसके अलावा रोहित शर्मा अगर आखिर के ओवरों तक बल्लेबाजी करते तो निश्चित तौर पर टीम को मैच जिता सकते थे। उनका आउट होना शायद मैच का टर्निंग प्वॉइंट रहा।

2. शुरुआत में विकेट नहीं मिलना

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न्यूजीलैंड ने इस मैच में जबरदस्त शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 7.4 ओवर ही 80 रनों की बेहतरीन साझेदारी की। भारतीय टीम पावरप्ले में एक भी विकेट निकालने में नाकाम रही और उसका पूरा फायदा न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने उठाया। टिम साइफर्ट और कॉलिन मुनरो ने बेहद आक्रामक बल्लेबाजी की और पावरप्ले का आखिरी ओवर डालने आए क्रुणाल पांड्या के एक ही ओवर में 20 रन बना डाले।

पिछले मैच में भारतीय टीम ने पावरप्ले के 6 ओवरों के अंदर न्यूजीलैंड के 3 विकेट चटका दिए थे और इसी वजह से कीवी टीम सिर्फ 158 रन ही बना पाई थी। भारत ने वो मैच बेहद आसानी से जीत लिया था लेकिन इस मैच में टीम शुरुआत में विकेट नहीं निकाल पाई और कीवी टीम ने 212 रनों का एक विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। टिम साइफर्ट ने 25 गेंद पर 43 रनों की धुंआधार पारी खेली और कॉलिन मुनरो ने 40 गेंद पर 72 रन बनाए। अगर इन दोनों के विकेट पहले 6 ओवरों के अंदर भारतीय टीम निकालने में सक्षम रहती तो कीवी टीम इतना बड़ा स्कोर नहीं बना पाती।

1.खराब फील्डिंग

पहले मैच की ही तरह इस मैच में भी भारतीय टीम की फील्डिंग काफी खराब रही। खलील अहमद ने हार्दिक पांड्या की गेंद पर खतरनाक ढंग से बल्लेबाजी कर रहे कॉलिन मुनरो का एक आसान सा कैच छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अगली 2 गेंद पर चौका और छक्का जड़ दिया।

यही नहीं भारतीय टीम ने मिसफील्ड कर 4 रन भी छोड़े। टीम को सिर्फ 4 रनों से इस मैच में हार मिली है। अगर खलील अहमद ने वो कैच पकड़ा होता या फिर 4 रन का मिसफील्ड नहीं हुआ होता तो शायद मैच का नतीजा भारतीय टीम के पक्ष में होता और सीरीज मेन इन ब्लू के नाम होती। करीबी मुकाबलों में अच्छी फील्डिंग का काफी महत्व होता है। पहले मैच में भी खराब फील्डिंग का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था।

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Edited by
सावन गुप्ता
 
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