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IPL 2020: चेन्नई सुपर किंग्स के टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन के 3 बड़े कारण 

इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन (IPL 2020) में चेन्नई सुपर किंग्स का प्रदर्शन फैंस के लिए काफी ज्यादा निराशाजनक रहा। सीएसके की टीम ने IPL के इस सीजन में 14 मुकाबले खेले और 6 जीत के साथ पहली बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई। हालाँकि आखिरी तीन मैच में उन्होंने लगातार तीन मैच में जीत हासिल की, लेकिन फिर भी टॉप चार में वह जगह नहीं बना पाए।

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इस सीजन से पहले चेन्नई सुपर किंग्स IPL इतिहास की इकलौती ऐसी टीम रही थी, जोकि हर बार प्लेऑफ में पहुंची थी। यह पहला मौका है, जब टीम अंतिम 4 में नहीं पहुंच पाई। टूर्नामेंट की शुरुआत उन्होंने जीत के साथ की थी, लेकिन उसके बाद टीम को लगातार कई मैचों में हार का सामना करना पड़ा।

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इस आर्टिकल में हम नजर डालेंगे IPL 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स के खराब प्रदर्शन के मुख्य कारण पर:

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#) सुरेश रैना और हरभजन सिंह का रिप्लेसमेंट नहीं लेना

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IPL के 13वें सीजन की शुरुआत से पहले ही चेन्नई सुपर किंग्स को दो बड़े झटके लगे और टीम के दो मुख्य खिलाड़ी सुरेश रैना और हरभजन सिंह ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया था। चेन्नई सुपर किंग्स की सफलता में खासकर पिछले दो सीजन में इन दोनों खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है और इनके नहीं रहने से टीम को जरूर झटका लगा।

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हालांकि सीएसके के पास मौका था कि वो इन खिलाड़ियों का रिप्लेसमेंट ले पाए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और कही न कही उसका खामियाजा वो भुगत भी रहे हैं। सीएसके की बल्लेबाजी इस साल काफी संघर्ष कर रही है और उन्हें यह फैसला महंगा पड़ा।

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#) युवा खिलाड़ियों की कमी

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चेन्नई सुपर किंग्स में ज्यादातर खिलाड़ी 33 साल से ऊपर के हैं और काफी खिलाड़ी अभी रिटायर हो चुके हैं और प्रोफेशनल क्रिकेट से दूर हैं। पिछले दो सीजन में टीम की यह सबसे बड़ी ताकत रही है, लेकिन इस साल जब ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली गई है, तो साफ तौर पर सीएसके के प्लेयर्स में मैच प्रैक्टिस की कमी देखने को मिली है।

हालांकि टीम के पास अगर युवा खिलाड़ी होते हैं, तो शायद टीम बेहतर प्रदर्शन कर पाती। शेन वॉटसन, अंबाती रायडू, एमएस धोनी, केदार जाधव, पीयूष चावला यह ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्हें प्लेइंग इलेवन में लगातार मौके मिले, लेकिन प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इसके अलावा टीम ने जिन युवा प्लेयर्स को मौका दिया वो भी इसका फायदा उठाने में कामयाब नहीं हुए। इसी वजह से धोनी को वापस सीनियर प्लेयर्स के पास ही वापस जाना पड़ा। हालाँकि आखिरी तीन मैच में ऋतुराज गायकवाड़ ने लगातार तीन अर्धशतक लगाकर अगले सीजन के लिए अच्छे संकेत दिए हैं।

#) महेंद्र सिंह धोनी की खराब फॉर्म

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चेन्नई सुपर किंग्स टीम की सबसे बड़ी ताकत कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं। धोनी अपनी कप्तानी में सीएसके को तीन बार खिताब जिता चुके हैं और इस बीच बल्ले के साथ भी उनका प्रदर्शन काफी बेमिसाल रहा है। हालांकि इस साल धोनी का प्रदर्शन बल्ले के साथ तो खराब रहा ही है और इसका असर उनकी कप्तानी में भी देखने को मिला।

इस साल खेले 14 मुकाबलों में महेंद्र सिंह धोनी ने 25 की औसत और 116.27 के स्ट्राइक रेट से 200 रन बनाए। इस बीच उनके बल्ले से कोई अर्धशतक नहीं निकला। धोनी की बैटिंग में मैच प्रैक्टिस की कमी दिखाई दी और अगर वो अच्छा करते, तो निश्चित ही सीएसके की स्थिति काफी बेहतर हो सकती थी।

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Edited by
मयंक मेहता
 
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