• Sports News
  • Hindi Cricket News
  • IPL 2024
  • WATCH: शिवम मावी का गली क्रिकेट से अंडर-19 विश्व कप और आईपीएल तक का सफर
Enter caption

WATCH: शिवम मावी का गली क्रिकेट से अंडर-19 विश्व कप और आईपीएल तक का सफर

अंडर-19 विश्वकप की विजयी टीम का हिस्सा रह चुके शिवम मावी की बचपन से क्रिकेटर बनने की तमन्ना थी। हालांकि, शुरुआत में उन्हें नहीं पता था कि वह एक अच्छे तेज गेंदबाज हैं। शिवम की असली काबिलियत को उनके कोच फूलचंद्र ने ढूंढ़कर निकाला और उन्हें तेज गेंदबाज बनाया।

अंडर-19 में 146 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर उन्होंने सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। उन्हें आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स से खेलने का मौका मिला। उत्तर प्रदेश के इस तेज गेंदबाज से बीते दिनों स्पोर्ट्सकीड़ा ने बात की तो शिवम ने अपने सफर के बारे में विस्तार से बताया।

Ad

आस-पड़ोस वाले करते थे पैरंट्स से मेरे क्रिकेट की तारीफ

मैंने शुरुआत बतौर बल्लेबाज की थी। मैं पांच-छह महीने तक नेट्स पर बल्लेबाजी की ही प्रैक्टिस करता रहा लेकिन एक दिन कोच फूलचंद्र ने मुझे गेंद फेंकने को कहा। उन्होंने मेरी काबिलियत देखने के बाद मुझे तेज गेंदबाजी करने के लिए प्रोत्साहित किया। शुरुआत में घरवालों को भी नहीं पता था कि मैं अच्छा क्रिकेट खेल लेता हूं। मैं अक्सर गली क्रिकेट और पास के स्टेडियम में खेलता था।

आस-पड़ोसवाले मेरे क्रिकेट की घरवालों से तारीफ करते थे और कहते थे कि इसे कोई कोचिंग करवाओ। मैंने पहले एक-दो बार अंडर-14 में ट्राई किया था लेकिन मौका नहीं मिला। एक-दो साल कड़ी मेहनत करने के बाद मेरा अंडर-14 में सिलेक्शन हो गया था। मैं तब दिल्ली से खेलता था और वो वक्त सबसे कठिन था।

Ad

पूरा इंटरव्यू यहां देखें:

Ad

एक साल लग गए वापसी करने में

अंडर-14 के दौरान मैंने बहुत मुश्किल समय देखा है। फाइनेंशली मैं इतना मजबूत नहीं था। टीम सिलेक्शन के एक दिन पहले मुझे नी इंजरी हो गई थी। उसके बाद वापसी करने में बहुत दिक्कत आई। मुझे किसी का सपोर्ट नहीं था और ना ही मैं किसी को जानता था।

फीजियो के बारे में भी नहीं पता था। इंजरी की वजह से मेरा एक साल बर्बाद हो गया था। फिर मैंने यूट्यूब पर वीडियोज देखकर खुद को परफेक्ट बनाया। मुझे वापस पुरानी वाली लय में लौटने में एक साल लग गए थे।

Ad

राहुल द्रविड़ की नसीहत काम आई

विश्वकप खेलना हर किसी के लिए खुशी की बात होती है। मैं इतना स्ट्रगल करके आया था इसलिए बहुत ज्यादा खुश था। हमने सोचा नहीं था कि विश्वकप जीतकर आएंगे।

बस हम अपने तरीके से खेल रहे थे। वहां पर राहुल द्रविड़ सर ने मुझसे कहा था कि जो तुम्हारा रिदम है, उसी पर फोकस करते हुए गेंदबाजी करो। मैंने उनकी बात मानी और पूरे टूर्नामेंट में सफल रहा।

बुमराह और भुवनेश्वर की तरह यॉर्कर की प्रैक्टिस करता हूं

राहुल द्रविड़ सर दो बार विश्वकप खेल चुके थे लेकिन एक बार भी जीतने का सौभाग्य उन्हें नहीं मिल पाया था। हमने जब विश्वकप जीता तो मैंने पृथ्वी से विश्वकप की ट्रॉफी राहुल द्रविड़ सर को देने को कहा। उस वक्त राहुल सर बहुत इमोशनल हो गए थे।

मैं जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की तरह यॉर्कर की प्रैक्टिस करता हूं। यही वजह है कि आईपीएल में जब मैं गेंद फेंक रहा था तो जैसी चाह रहा था, वैसी पड़ रही थीं।

लंबे वक्त के लिए टीम इंडिया में शामिल होना है

मैंने अंडर-19 विश्वकप तो खेल लिया अब मुझे लंबे समय के लिए टीम इंडिया से जुड़ना है। मैं सिर्फ एक-दो मैच ही नहीं बल्कि आठ-दस साल तक के लिए देश को अपनी सेवाएं देना चाहूंगा। मैं चाहूंगा कि हमेशा नया सीखता रहा हूं और दुनियाभर में नाम कमा सकूं।

YouTube पर स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी चैनल को फॉलो करें

Ad
Edited by
Pritam Sharma
 
See more
More from Sportskeeda