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सन् 2000 के बाद भारतीय टीम के 3 सर्वश्रेष्ठ फील्डर

क्रिकेट मैच के दौरान गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम अपने क्रिकेट इतिहास के शुरुआती वर्षों में इतनी अच्छी फील्डिंग नहीं कर पाती थी क्योकिं भारतीय क्रिकेट मैदानों के बाहरी भाग पर ज्यादा घास नहीं होती थी और क्षेत्र भी कठोर होता था। इसलिए भारतीय खिलाड़ी मैदान पर गोता लगाने से संकोच करते थे।

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हाल ही के सालों में भारतीय मैदानों की स्थिति में सुधार हुआ है। इसीलिए भारतीय खिलाड़ियों की फील्डिंग भी सुधर गई है। वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली भी अपनी फिटनेस पर ज्यादा जोर देते हैं और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी क्षेत्ररक्षण को अधिक महत्व देते थे।

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अच्छी टेक्निक और बेहतर मैदान की वजह से भारतीय खिलाड़ी और भारतीय टीम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग टीमों में से एक बन गए हैं। फील्डिंग किसी भी मैच में प्रमुख कारण होता है जो टीम को जीतने में मदद करता है। भारतीय टीम में वर्तमान में हार्दिक पांड्या, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा ऐसे खिलाड़ी है जो सबसे अच्छी फील्डिंग करते हैं। हम आपको इस आर्टिकल में सन् 2000 के बाद से भारत के 3 सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स के बारे में बताएंगे।

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रविंद्र जडेजा:

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रविंद्र जडेजा जो काफी सालों से भारतीय टीम का हिस्सा है। उनकी फील्डिंग की बात करें तो वह बहुत ही चुस्त और तंदुरुस्त खिलाड़ी है। जब वह पॉवरप्ले के दौरान को गोले के अंदर खड़े होते हैं तो विरोधी बल्लेबाज भी उनके आसपास शॉट लगाने से कतराते हैं।

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बाएं हाथ के बल्लेबाज और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डर में से एक रविंद्र जडेजा की फील्डिंग के दौरान अगर गेंद उनके हाथ मे होती है तो कोई भी विरोधी बल्लेबाज दूसरा रन दौड़ने का जोखिम नहीं उठाता है। क्योंकि वह बहुत ही तेज गति से थ्रो फेकतें हैं।

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जब डायरेक्ट हिट की बात आती है तो जडेजा का इसमें कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कई बार खिलाड़ियों को डायरेक्ट हिट से आउट किया है। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के अंतरराष्ट्रीय मैचों में 101 कैच लिए हैं।

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सुरेश रैना:

सुरेश रैना ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में 322 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वह एकदिवसीय मैचों में स्लिप के फील्डर के तौर पर फील्डिंग करते हैं। रैना भारतीय टीम में सबसे भरोसेमंद आउटफील्डर हैं। वह ऑस्ट्रेलियन शैली की तरह अपनी उंगलियों की सहायता से कैच पकड़ते हैं हालांकि कई भारतीय खिलाड़ी इस शैली का प्रयोग नहीं करते हैं।

रैना ने वनडे मैचों में 100 से ज्यादा कैच पकड़ लिए हैं और वह ऐसे करने वाले पांच भारतीय फील्डर में से एक है। अजहरुद्दीन, सचिन, राहुल द्रविड़ और कोहली अन्य चार खिलाड़ी हैं जिन्होंने 100 से ज्यादा कैच वनडे क्रिकेट में लपके हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारत के लिए तीनों प्रारूपों में 167 कैच लिए हैं। रैना का आईपीएल में भी शानदार रिकॉर्ड है।

उन्हें आईपीएल में भी 100 कैच लेने में सिर्फ 5 ओर कैच की जरूरत है। पांच और कैच लेने के बाद में रैना आईपीएल में 100 कैच पकड़ने वाले पहले बल्लेबाज बन जाएंगे।

मोहम्मद कैफ:

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मोहम्मद कैफ भारतीय टीम के बेहतरीन फील्डर में से एक है। 2002 में लॉर्ड्स में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में युवराज सिंह के साथ साझेदारी करने पर वह सुर्खियों में आए थे और वह मैच भारतीय टीम जीत गई थी।

कैफ की बल्लेबाजी फॉर्म उतनी शानदार नहीं थी जितना वह फील्डिंग के क्षेत्र में अव्वल थे। गांगुली की कप्तानी के दौरान भारत के पास अच्छे फील्डर की कमी थी। उस दौरान कैफ और युवराज जैसे ही खिलाड़ी अच्छे फील्डर के तौर पर गिने जाते थे। कैफ ने अपनी फिटनेस का इस्तेमाल मैदान पर फील्डिंग के अंदर किया। वह बॉल को पकड़ने के लिए कभी भी गोता लगाने से भी नहीं हिचकिचाते थे।

उन्होंने कई शानदार रन आउट भी किए हैं। अपने करियर में वनडे में 55 और टेस्ट में 14 कैच लपके हैं। हालांकि यह रिकॉर्ड यह नहीं दर्शाते हैं कि वह मैदान पर कितनी चुस्ती और प्रभावी रूप से फील्डिंग करते थे।

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Edited by
Naveen Sharma
 
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