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वर्ल्ड कप 2019: 4 कारण क्यों ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को मिला भारतीय टीम में मौका

बीसीसीआई के चयनकर्ताओं ने वर्ल्ड कप 2019 के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है। इस टीम में ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को मौका दिया गया है। हालांकि टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने पहले भी संकेत दिए थे कि वर्ल्ड कप के लिए वे अनुभव को प्राथमिकता देंगे। ऐसे में ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक का टीम में चुना जाना लगभग पहले से ही तय था क्योंकि बीसीसीआई इस बार के वर्ल्ड कप में किसी भी प्रकार की कमी नहीं देखना चाहती है। गौरतलब हो कि पिछले वर्ल्ड कप 2015 में भारतीय टीम ने लगातार 6 मैच जीत लिए थे, लेकिन सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से उन्हें 95 रन से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे और महेंद्र सिंह धोनी के अलावा किसी भी बल्लेबाज ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था

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आज हम बात करने जा रहे हैं वे 4 कारण कि ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को क्यों विश्वकप टीम में मौका मिला?

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#4. संयम और आक्रामकता का मिश्रण:

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ऋषभ पंत एक आक्रामक बल्लेबाज हैं जो तेज पारियां खेलने में माहिर हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में भी तेज बल्लेबाजी करते हैं इसीलिए वे अधिकतम मैचों में जल्दी ही अपना विकेट खो देते हैं साथ ही वे कम अनुभवी होने के कारण दबाव भी नहीं झेल पाते हैं।

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जबकि इसके विपरीत दिनेश कार्तिक एक अनुभवी बल्लेबाज हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में अच्छे फिनिशर की भूमिका निभाई है। उन्होंने पिछले साल मार्च में श्रीलंका में हुए निदहास ट्रॉफी के फाइनल मैच में 8 गेंदों पर 29 रन बनाए थे। उन्होंने सौम्या सरकार के अंतिम ओवर की अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर भारत को जीत दिलाई थी। उस मैच में उन्होंने संयम और आक्रामकता दोनों दिखाया था। कार्तिक अनुभवी हैं इसीलिए वो दबाव को झेलकर संयम बरतते हुए टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

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3. विदेशी पिचों पर खेलने का अधिक अनुभव:

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दिनेश कार्तिक ऋषभ पंत से कहीं अधिक अनुभवी हैं जिन्हें ऋषभ पंत से कहीं ज्यादा विदेशी पिचों पर खेलने का अनुभव है। हालांकि ऋषभ पंत ने भी इंग्लैंड के पिचों पर टेस्ट क्रिकेट खेला है और उसमें शतक भी लगाया है। लेकिन सीमित ओवरों में दिनेश कार्तिक विदेशी पिचों पर ऋषभ पंत से ही कहीं अधिक शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

दिनेश कार्तिक इससे पहले 2004, 2007 और 2018 में इंग्लैंड में वनडे सीरीज खेल चुके हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि दिनेश कार्तिक ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ ही एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके अलावा वो तेज पिचों पर भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

2. बेहतरीन विकेटकीपर और फील्डर:

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ऋषभ पंत के मुकाबले दिनेश कार्तिक बेहद सक्रिय विकेटकीपर और फील्डर हैं। दिनेश कार्तिक ने कई बार जबरदस्त विकेटकीपिंग के चलते बल्लेबाजों को पवेलियन लौटने पर विवश कर दिया है। इसके अलावा वे फील्डर के तौर पर ग्राउंड के किसी भी कोने में बेहतरीन फील्डिंग कर सकते हैं।

जबकि इसके विपरीत ऋषभ पंत ने कई बार खराब विकेटकीपिंग के चलते विपक्षी बल्लेबाजों को जीवनदान दिया है जिसके कारण भी वे आलोचनाओं से भी घिरे रहते हैं। साथ ही साथ वे उतने अच्छे फील्डर नहीं हैं जितने की दिनेश कार्तिक हैं। कप जीतने के लिहाज से इस तरह की गलतियां भारतीय टीम के हार का कारण बन सकती है।

#1. टिकाऊ बल्लेबाजी करने की क्षमता:

कम गेंदों पर बड़ा स्कोर बनाने की तकनीक किस बल्लेबाज को इंडियन प्रीमियर लीग और टी20 प्रारूप के खेल में तो सफलता दिलवा सकती है, लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट में इससे ज्यादा संयम की जरूरत होती है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दौरों पर जब भी टीम को एक टिकाऊ खिलाड़ी की जरूरत होती, पंत तभी बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा देते थे।

जबकि इसके विपरीत दिनेश कार्तिक पिच पर अधिक समय तक टिके रह सकते हैं और अच्छे रन बना सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में दिनेश कार्तिक सीमित ओवर क्रिकेट में अच्छे बल्लेबाज बन कर उभरे हैं। इसके अलावा उन्होंने पिछले सीजन आईपीएल में भी 500 के लगभग रन बनाए थे और यह दिखा दिया था कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल सकते हैं। इसके अलावा अगर ऋषभ पंत की बात करें तो वे टी20 प्रारूप के अच्छे बल्लेबाज हैं पर एकदिवसीय क्रिकेट में उन्हें अभी और अनुभव की आवश्यकता है।

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Edited by
निशांत द्रविड़
 
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