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6 यादगार परियां जो वर्ल्ड कप इतिहास में रन चेज करते हुए खेली गई

वर्ल्ड कप का 12वां संस्करण 30 मई से 14 जुलाई तक इंग्लैंड और वेल्स में खेला जाएगा। इस वर्ल्ड कप में विश्व की शीर्ष 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं। यह वर्ल्ड कप राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला जाएगा जिसमें सभी टीमें एक दूसरे से एक-एक मैच खेलेंगी। वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान में खेला जाएगा।

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वर्ल्ड कप इतिहास में ऑस्ट्रेलिया सर्वाधिक 5 बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी है। इसके अलावा भारत और वेस्टइंडीज टीम दो-दो बार एवं पाकिस्तान और श्रीलंका एक-एक बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुके हैं।

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आज हम बात करने जा रहे हैं वर्ल्ड कप इतिहास की 6 ऐसी पारियों के बारे में जिसे फैंस हमेशा याद किए जाते रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे।

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#6. 97, गौतम गंभीर vs श्रीलंका, मुंबई- 2011

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मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 31 के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग के रूप में 2 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने विराट कोहली के साथ 83 और एमएस धोनी के साथ 109 रनों की साझेदारी की। गौतम गंभीर इस मैच में 97 रनों की पारी खेलकर 42वें ओवर में आउट हो गए लेकिन उनकी यह पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई।

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#5. 107*, अरविंदा डी सिल्वा vs ऑस्ट्रेलिया, लाहौर- 1996:

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वर्ल्ड कप 1996 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिले 242 रनों ले लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। श्रीलंका ने 23 रन पर दो विकेट खो दिए थे। नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने उतरे अरविंदा डी सिल्वा ने 107* रनों की नाबाद पारी खेली। असंका गुरूसिन्हा ने भी 65 और कप्तान अर्जुना राणातुंगा ने नाबाद 47* रन बनाए। इनकी शानदार पारियों की बदौलत श्रीलंका को पहला और इकलौता वर्ल्ड कप खिताब मिला। अरविंदा डी सिल्वा की यह पारी भी फैंस द्वारा हमेशा याद किया जाएगा।

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#4. 98, सचिन तेंदुलकर vs पाकिस्तान, सेंचुरियन, 2003:

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भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हमेशा से ही हाईवोल्टेज मुकाबला रहता है। साल 2003 के वर्ल्ड कप में सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में 273 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की ओर से सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग पहले बल्लेबाजी करने उतरे। तेंदुलकर ने शोएब अख्तर के पहले ही ओवर में दो चौके और एक छक्का जड़ डाला। सचिन-सहवाग की जोड़ी ने 5 ओवरों में 50 रन बना डाले थे। सचिन ने इस मैच में 75 गेंदों पर 98 रनों की शानदार पारी खेली जिसकी बदौलत भारतीय टीम को जीत मिली। उनकी यह पारी क्रिकेट फैंस द्वारा हमेशा याद किया जाता है।

#3. 120*, स्टीव वॉ vs दक्षिण अफ्रीका,हेडिंग्ले, 1999:

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वर्ल्ड कप 1999 में सुपर सिक्स राउंड में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच महत्वपूर्ण मैच खेला जा रहा था। दक्षिण अफ्रीका पहले से ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया को यह मुकाबला जीतना जरूरी था। 272 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही ऑस्ट्रेलिया की टीम 48 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी। 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे स्टीव वॉ ने रिकी पोंटिंग के साथ मिलकर 100 रनों की साझेदारी की। रिकी पोंटिंग 69 रन बनाकर आउट हुए जबकि स्टीव वॉ ने 110 गेंदों पर 120* रनों की नाबाद पारी खेली और अपने टीम को जीत दिलाई।

#2. 60, इंजमाम उल हक vs न्यूजीलैंड, ऑकलैंड, 1992:

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वर्ल्ड कप 1992 के पहले सेमीफाइनल मुक़ाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ 263 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने 140 रन पर 4 विकेट खो दिए थे। 6वें नम्बर पर बल्लेबाजी करने आए 22 वर्षीय इंजमाम उल हक जावेद मियांदाद का साथ देने क्रीज पर उतरे। उस समय पाकिस्तान को जीत के लिए 123 रनों की दरकार थी। इंजमाम उल हक ने इडेन पार्क के चारों तरफ शॉट लगाना शुरू कर दिया और 37 गेंदों पर 60 रनों की पारी खेल डाली। लेकिन लक्ष्य से से 36 रन पहले वे रनआउट हो गए। बाद में जावेद मियांदाद और मोईन खान ने मिलकर इस मैच में जीत दिलाई और फाइनल में प्रवेश किया।

#1. 91*, एमएस धोनी vs श्रीलंका, 2011:

एमएस धोनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में जीत का खिताब हासिल किया है। एस धोनी ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने उतरे थे जबकि युवराज सिंह उस साल अच्छे फॉर्म में थे। लेकिन एमएस धोनी ने विराट कोहली के रूप में तीसरा विकेट गिरने के बाद भारतीय टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लिया। उन्होंने इस मैच में 91 रनों की पारी खेली थी। जबकि लांग ऑन पर छक्का जड़कर भारत को 5 विकेट से जीत दिलाई थी।

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Edited by
निशांत द्रविड़
 
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