• Sports News
  • फ़ुटबॉल
  • आईएम विजयन: सोडा की बोतल बेचने से लेकर भारतीय फुटबॅाल टीम के कप्तान बनने तक का सफर 

आईएम विजयन: सोडा की बोतल बेचने से लेकर भारतीय फुटबॅाल टीम के कप्तान बनने तक का सफर 

बीते कुछ वर्षों में भारतीय फुटबॅाल में अनेक प्रकार के बदलाव देखने को मिले हैं। चाहे वो खिलाड़ियों को मिल रही आर्थिक सुविधा हो या फिर फीफा रैंकिंग में 150 से 97वें स्थान पर आना। बता दें कि 2017 में भारत अंडर-17 विश्व कप का गवाह बना था। 4 साल पहले रिलायंस, स्टार और आल इंडिया फुटबॅाल संघ ने इंडियन सुपर लीग की शुरूआत की थी, जिसके वजह से आधा दर्जन से ज्यादा फुटबॅालर रातों-रात करोड़पति बन गए। लेकिन आज जहां भारतीय फुटबॅाल मौजूद है उसे वहां तक पहुंचाने में कई दिग्गज फुटबॅालर का योगदान रहा। जिनमें से एक आईएम विजयन हैं, जिन्होंने देश-विदेश में अपने खेल से अच्छे-अच्छे प्रशंसकों को अपना फैन बना दिया।

इसी क्रम में हम एक नजर डालते हैं विजयन से जुड़ी 10 अहम बातों पर:

Ad

1) विजयन का जन्म केरल के एक गरीब परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए इस दिग्गज ने बचपन में अपने परिवार का पेट पालने के लिए सोडा बेचना शुरू कर दिया था। उस दौरान विजयन को एक बोतल से 10 पैसे की आमदनी होती थी ।

2) विजयन की पढ़ाई-लिखाई चर्च त्रिशूर के चर्च मिशन सोसाइटी हाई स्कूल से हुई। जब उन्हें खाली समय मिलता तो वह मैदान में फुटबॅाल खेलने निकल जाते। एक दिन जब विजयन बड़े चाव से फुटबॅाल खेल रहे थे, उसी दौरान केरल पुलिस के डीजीपी एमके जोसेफ की निगाह उनपर पड़ी और उन्होंने बिना किसी विलंब के 17 साल के विजयन को केरल पुलिस क्लब के लिए खेलने की पेशकश की और वो जोसेफ की बात को स्वीकारते हुए उनकी टीम के साथ खेलने लगे। इसके बाद विजयन ने काफी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुछ सालों में देखते ही देखते उनकी गिनती घरेलू स्तर के दिग्गज खिलाड़ियों से होने लगी।

Ad

3) 1989 से 2003 के दौरान विजयन ने भारत के लिए 79 मुकाबले खेले। वही क्लब स्तर पर वह मोहन बागान के लिए खेलते थे ।

4) विजयन की गिनती एशिया और भारत के दिग्गज फुटबॅालरों में होती थी। इस दिग्गज खिलाड़ी के नाम कई सालों तक भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में सबसे ज्यादा गोल दागने का रिकॅार्ड दर्ज था।

Ad

5) विजयन के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 2003 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। केरल की ओर से यह सम्मान पाने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं। बता दें कि 2000 से 2004 तक विजयन भारतीय फुटबॅाल टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।

6) आईएम विजयन भारत की ओर से पहले ऐसे फुटबॅालर थे, जिन्होंने दो बार बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार अपने नाम किया।

7) खेलों के साथ फिल्मों को शौक रखने वाले विजयन फिल्मों में भी काम कर चुके हैं।

8) हर खिलाड़ी के जीवन में एक क्षण ऐसा आता है, जिसे वह गोल्डेन मोमेंट कहता है । कुछ ऐसा विजयन के साथ 1999 सैफ कप में हुआ जब इस खिलाड़ी ने भूटान के खिलाफ मात्र 12 सेकेंड में गोल दागकर सनसनी मचा दी थी। बता दें कि इतिहास में इस गोल की गिनती पांचवे नंबर पर होती है। इस सूची में पहले स्थान पर जर्मनी के लुकास पोडोलस्की हैं, जिन्होंने इक्वाडोर के खिलाफ मात्र 6 सेकेंड में गोल दागा था।

Ad

Quick Links

Edited by
निशांत द्रविड़
 
See more
More from Sportskeeda