भारत की जैवलिन थ्रो खिलाड़ी अन्नू रानी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीत देश को एक और तमगा दिया है। 7 बार की नेशनल चैंपियन अन्नू ने 60 मीटर की दूरी नापते हुए ये मेडल जीता। इसी के साथ अन्नू महिला जैवलिन थ्रो में कॉमनवेल्थ गेम्स का मेडल जीतने वाली पहली एथलीट हैं। गरीबी में पली-बढ़ी अन्नू के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था और उन्हें इस स्तर तक आने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश के बहादुरपुर की रहने वाली अन्नू बचपन में क्रिकेट खेलने की शौकीन थीं, लेकिन बड़े भाई को जब लगा कि उनकी बहन की बाजुएं काफी मजबूत हैं, तो अपनी बहन से खेतों में गन्ने फिंकवाकर देखा। जब अन्नू ने अच्छी दूरी तक ये गन्ने फेंके तो भाई ने अन्नू को जैवलिन थ्रो के लिए तैयारी करने को कहा। अन्नू के घर में संसाधनों का अभाव था और ऐसे में अपनी पहली बड़ी प्रतियोगिता में अन्नू ने बांस से बना जेवलिन फेंका क्योंकि महंगा जैवलिन खरीदने के लिए परिवार के पास पैसा नहीं था।
अन्नू रानी ने जेवलिन थ्रो के फील्ड पर आते ही दबदबा बना लिया। साल 2014 में अन्नू ने लखनऊ में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 58.83 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर 14 साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। इसी साल अन्नू ने सियोल एशियन गेम्स में अपना प्रदर्शन बेहतर किया और 59.53 मीटर लंबा थ्रो फेंककर कांस्य पदक अपने नाम किया।
विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज अन्नू रानी 60 मीटर की दूरी से ज्यादा पर भाला फेंकने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अपने प्रदर्शन के दम पर ही अन्नू ने साल 2019 में दोहा में और इस साल ओरेगोन, अमेरिका में हुई विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। मार्च 2021 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अन्नू ने 63.24 मीटर भाला फेंककर अपना ही पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड सुधारा। अन्नू अगस्त 2021 में टोक्यो ओलंपिक के जैवलिन थ्रो में क्वालिफिकेशन से आगे नहीं बढ़ पाईं थी। ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीत अन्नू ने अपना प्रदर्शन बेहतर किया है।