बीडब्‍ल्‍यूएफ वर्ल्‍ड टूर फाइनल्‍स: पीवी सिंधू ने आखिरी मुकाबला जीता, किदांबी श्रीकांत हार के साथ हुए बाहर

पीवी सिंधू
पीवी सिंधू

बीडब्‍ल्‍यूएफ वर्ल्‍ड टूर फाइनल्‍स के नॉकआउट की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पीवी सिंधू ने जीत के साथ अपने अभियान का अंत किया जबकि किदांबी श्रीकांत लगातार तीसरा मुकाबला हारकर बाहर हुए। ओलंपिक सिल्‍वर मेडलिस्‍ट पीवी सिंधू ने दुनिया की नंबर-13 पॉर्नपोवी चोचूवोंग को अपने तीसरे व अंतिम मैच में 21-18, 21-15 से मात दी। याद हो कि पीवी सिंधू को शुरूआती दो मैचों में शिकस्‍त झेलनी पड़ी थी।

पीवी सिंधू ने कहा, 'मुझे लगता है कि अंत सही हुआ। असल में कल तक मेरे पास नॉकआउट में प्रवेश करने का मौका था। दुर्भाग्‍यवश ताई के साथ मुकाबले का नतीजा अलग तरह का रहा और इसलिए मुझे मौका नहीं मिला। वरना यह मैच अच्‍छा था।' हालांकि, किदांबी श्रीकांत को तीन गेम के रोमांचक मुकाबले में हांगकांग के एनजी का लांग एंगुस के हाथों 21-12, 18-21, 19-21 से मात दी।

पीवी सिंधू को जोरदार वापसी पर विश्‍वास

पीवी सिंधू ने शुरूआत में 9-5 की बढ़त बनाई थी, लेकिन इंटरवल तक उनके पास केवल दो अंक की बढ़त थी। चोचूवोंग ने बाजी पलटने की कोशिश की और 15-14 से स्‍कोर अपने पक्ष में किया। मगर पीवी सिंधू ने भरोसा दिलाया कि किसी प्रकार की गलती नहीं हो और वो पहला गेम जीतने में कामयाब रहीं। दूसरे गेम में पीवी सिंधू ने अपना दबदबा दिखाया और 6-0 की बढ़त बनाई। उन्‍होंने फिर विरोधी को कोई मौका नहीं दिया और आराम से अपना मुकाबला जीता।

मैच के बाद पीवी सिंधू ने कहा, 'किसी भी एथलीट के लिए लगातार दो मुकाबले गंवाने के बाद वापसी करना मुश्किल है, लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी था कि हारने के बाद मजबूत वापसी की जाए और अपने आप में विश्‍वास रखें। कल के उलटफेर के बाद मैंने बस अपना खेल खेला। आज नया दिन और नई शुरूआत है। ये तीन टूर्नामेंट वैसे नहीं बीते, जैसे मैंने सोचा था और काफी कुछ सीखने को मिला। लंबे अंतराल के बाद मैं कोर्ट पर वापसी को बेकरार थी। मेरे ख्‍याल से यह अच्‍छी चीज थी। अब मैं घर जा रही हूं। खुश रहूंगी, कुछ आराम करूंगी और फिर मजबूत वापसी करूंगी।'

पुरुष सिंगल्‍स में श्रीकांत और एंगुस का हेड टू हेड रिकॉर्ड 2-2 था। दुनिया के नंबर-14 श्रीकांत ने एक बार फिर दमदार प्रदर्शन करते हुए पहला गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में श्रीकांत 13-10 की बढ़त पर थे, लेकिन इस बढ़त का फायदा नहीं उठा सके और विरोधी ने सफल वापसी की। श्रीकांत को एक घंटे और पांच मिनट के संघर्ष के बाद शिकस्‍त मिली।

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