रियो ओलंपिक्स शुरू हो गया है, हम उन 5 मुक्केबाजों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने 'स्वर्णिम' प्रदर्शन करके इतिहास के पन्नों पर अपनी जगह बनाई
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बॉक्सिंग (मुक्केबाजी) एक ऐसा खेल है जिसकी परंपरा बहुत ही अमीर और एक शानदार कहानी है। ओलंपिक्स के कई स्वर्ण पदक विजेताओं ने पेशेवर मुक्केबाजी में भी काफी नाम कमाया। उन्होंने पेशेवर मुक्केबाजी में जो कुछ हासिल किया उसके सामने ओलंपिक्स गेम्स की उनकी उपलब्धि कहीं दब गई। इस लेख में हम 5 ओलिंपिक स्वर्ण पदक और उनकी उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं। यह वह मुक्केबाज हैं जो बॉक्सिंग रिंग में चुस्त और अपने शक्तिशाली पंचों के कारण लोकप्रिय थे। यह वह मुक्केबाज हैं जिन्होंने अपने देश के करोड़ों चेहरों पर गर्व, सम्मान, प्रतिष्ठा और खुशी लेकर आएं।
#5 शुगर रे लियोनार्ड
बॉक्सिंग फैन्स शुगर रे लियोनार्ड को सर्वकालिक महान मुक्केबाजों में से एक के रूप में जानते हैं। मगर प्रो करियर में कई उपलब्धि हासिल करने से पूर्व लियोनार्ड एक उत्साही एमैच्योर मुक्केबाज थे। 1976 मोंट्रियल ओलंपिक्स में अमेरिका की ड्रीम टीम के सदस्य रहे शुगर ने लाइट वेल्टरवेट बॉक्सर के रूप में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने पहले 4 बाउट 5-0 के फैसलों के साथ जीते। सेमीफाइनल में उन्होंने खौफनाक काजीमिएर्ज़ सकजेब्रा को 5-0 के अंतर से हराया।
फाइनल में शुगर रे लियोनार्ड का मुकाबला क्यूबा के आंद्रे अल्डामा से हुआ। इस मैच में शुगर ने फिर दमदार प्रदर्शन किया और 5-0 के अंतर से जीत दर्ज की। स्वर्ण पदक जीतने के बाद लियोनार्ड ने कहा कि उन्होंने काफी मुक्केबाजी कर ली और अब वह स्कालरशिप पर यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड में पढ़ना चाहते हैं। मगर उन्हें जैसे ही पेशेवर मुक्केबाजी का मौका मिला तो लियोनार्ड ने वहां जाने का फैसला किया और इस फैसले ने उन्हें काफी अच्छे परिणाम दिए।