जब इस साल जुलाई में कोरोना वायरस महामारी के बीच नेशनल कैंप दोबारा शुरू करने के लिए मुक्केबाजी संघ आगे आई, तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के पूर्ण संपर्क वाले खेलों के लिए निर्देश साफ थे। चुनिंदा ट्रेनिंग, व्यक्तिगत स्तर पर बिना अन्य एथलीथ से शारीरिक छुअन के साथ करना होगी। मुक्केबाजी की भाषा में ह्यूमन स्पेरिंग (मानव विरल) निषेध थी। उस दिन के दो महीने बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) हाई परफॉर्मेंस निदेशक सेंटियागो निएवा का मानना है कि अब ट्रेनिंग के अगले चरण यानी विरल पर जाने का समय आ गया है।
भारत के अधिकांश शीर्ष पुरुष और महिला मुक्केबाज इस समय पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट में हैं और निएवा के मुताबिक उन्हें अब स्परिंग के लिए उतरना चाहिए बशर्ते कि कैंप को इसके लिए साई की मंजूरी मिले। निएवा ने पटियाला से टीओआई से बात की, जब उनसे कांटेक्ट ट्रेनिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'निश्चित ही हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं।'
यह पूछने पर कि बीएफआई और साई से आधिकारिक मंजूरी का मामला सुलझा तो निएवा ने कहा, 'हम इंतजार कर रहे हैं। इस पर बातचीत चल रही है। मामला ठीक लग रहा है।' निएवा ने कहा कि मुक्केबाजों ने फिटनेस हासिल कर ली है, जो मार्च के बाद तीन महीने के लॉकडाउन में गंवाई थी। भारतीय एथलीटों को कोरोना वायरस महामारी के कारण या तो घर या फिर साई सुविधाघर में रहना पड़ा था।
निएवा ने कहा, 'मार्च में ओलंपिक क्वालीफायर्स के बाद हम लॉकडाउन में चले गए। मुक्केबाज उस समय अपनी जिंदगी के सर्वश्रेष्ठ आकार में थे। अब निश्चित ही वह उस स्तर पर नहीं है।' नेशनल कैंप की शुरूआत शारीरिक ट्रेनिंग के साथ हुई, जिसे एक महीना पूरा होने को आ गया है। मुक्केबाज अनिवार्य क्वारंटीन से आ चुके हैं। कुछ मुक्केबाज देरी से जुड़े, जिनका क्वारंटीन समय चल रहा है।
निएवा ने कहा, 'दिमाग में यह था कि लंबे समय से कैंप के बिना, सही ट्रेनिंग नहीं होने के कारण मुक्केबाज उस आकार में नहीं थे जब यहां आएं। इसके बाद से इनमें सुधार देखने को मिल रहा है। कुछ मुक्केबाज उम्मीद के मुताबिक थोड़ा भारी हुए, लेकिन यह आम है। उन्होंने ज्यादा वजन नहीं घटाया, जिसका हमें डर था।'
मुक्केबाजों में लगातार सुधार
निएवा ने आगे कहा, 'मुक्केबाजों में लगातार सुधार हो रहा है। हमने शारीरिक परीक्षण किए। हमें बिलकुल उसके करीब हैं, जहां पहले थे। मैं विशेषकर पुरुष मुक्केबाजों की बात कर रहा हूं क्योंकि मेरा ध्यान इन पर है। मगर लड़कियों में भी गजब सुधार है क्योंकि मैंने इन्हें देखा और इनके साथ काम किया है। यह भी अच्छे आकार में नजर आ रही हैं।'