ऑस्ट्रेलिया ने विश्व क्रिकेट पर तकरीबन एक दशक तक लगातार राज किया है। जिसकी शुरुआत 1998-99 में हुआ था। इस टीम ने आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप में 5 बार विजय पायी है। उन्होंने हाल ही में 2015 में भी वर्ल्डकप जीता है। ऑस्ट्रेलिया 1999 से 2007 तक काफी सफल टीम रही है। जहाँ उन्होंने लगातार 3 बार विश्व ख़िताब अपने नाम किया है। जो एक रिकॉर्ड है। कंगारुओं ने इस दौरान 3 एशियाई टीमों को हराया था। पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका को क्रमशः 1999, 2003 और 2007 में हराया था। इनमें से साल 2003 की ऑस्ट्रेलियाई टीम सबसे जबरदस्त टीम थी। जिसमें सभी खिलाड़ी अपने प्राइम फॉर्म में थे। साल 2003 के वर्ल्डकप में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बड़े ही गर्व और भावनात्मक अंदाज में ख़िताब पर कब्जा किया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने न सिर्फ सभी विपक्षी टीमों को हराया था, बल्कि उन्होंने तकरीबन सभी टीमों को बुरी तरह से हराया था। इस विश्वकप में “मेन इन येल्लो” ने 11 मैच खेले और सभी में जीत हासिल किए थे। इस तरह इस टीम ने लगातार दूसरी बार विश्वकप जीतकर ये साबित किया था कि विश्वक्रिकेट के बादशाह हैं। सेमीफाइनल में श्रीलंका को 48 रन से हराने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को 125 रन से फाइनल में हराया था। इस विश्वकप के अब 13 साल पूरे हो गये हैं, और तकरीबन सभी बैगी ग्रीन क्रिकेटरों ने संन्यास ले लिया था। यहाँ हम साल 2003 की विश्वविजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम की लिस्ट लायें हैं और आज खिलाड़ी कहाँ हैं, वह भी बता रहे हैं: #1 एडम गिलक्रिस्ट 44 बरस का ये पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज़ साल 2003 के वर्ल्डकप में जबरदस्त फॉर्म में था। गिली ने पूरे टूर्नामेंट में 40.83 के औसत से 408 रन बनाये थे। वह इस टूर्नामेंट में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के दुसरे बल्लेबाज़। उन्होंने फाइनल में भारत के खिलाफ फाइनल में 48 गेंदों में 57 रन बनाये थे। साल 2015 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शिक्षा के क्षेत्र में टाईअप किया। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री क्रिस्टोफ़र पेन ने गिलक्रिस्ट को भारत में ऑस्ट्रेलिया का एजुकेशन एम्बेसडर नियुक्त किया। गिली ने इस नई भूमिका के बाद कहा, “मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूँ, मुझे इस महत्वपूर्ण काम के लिए चुना गया। शिक्षा के क्षेत्र में हुआ ये टाईअप दोनों देशों के लिए अच्छा है।” #2 मैथ्यू हेडन एडम गिलक्रिस्ट के साथ मैथ्यू हेडन साल 2003 में सबसे विस्फोटक सलामी जोड़ी मानी जाती थी। हेडन को क्रिकेट क्रिकेट में हेडोस के नाम से भी जाना जाता है। वह ऑस्ट्रेलिया की तरफ इस विश्वकप में 328 रन बनाकर तीसरे स्थान पर थे। मैथ्यू हेडन इस वक्त स्टार स्पोर्ट्स से जुड़े हुए हैं और वह कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में साल 2015-16 में हुई भारत और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज में हेडन ने कमेन्ट्री की थी। इसके आलावा वह टी-20 वर्ल्डकप में भी बतौर कमेंटेटर नजर आये हैं। #3 रिकी पोंटिंग रिकी पोंटिंग विश्वकप के दौरान गजब की फॉर्म में थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे ज्यादा 415 रन बनाये थे। जहाँ उनका औसत 51.87 का था। उन्होंने अपनी टीम की मोर्चे से अगुवाई की थी। 41 साल के पोंटिंग आईपीएल में केकेआर से 2013 में रिलीज़ होने के बाद मुंबई इंडियंस में आ गये थे। साल 2014 से वह टीम के कोच के रूप में काम कर रहे हैं। #4 डेमियन मार्टिन विश्वकप 2003 में मार्टिन ने 64.60 के औसत से 323 रन बनाये थे। मार्टिन एक बेहतरीन फील्डर भी थे जिन्होंने इस टूर्नामेंट में शानदार फील्डिंग भी की थी। वह सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में 10वें स्थान पर थे। सन्यास के बाद 44 बरस के डेमियन मार्टिन ने अब लोगों को इंटरप्रेन्योरशिप देना शुरू किया है। उनके ट्विटर अकाउंट से पता चलता है कि वह क्रिकजिला के को-फाउंडर और डायरेक्टर हैं। जो दुनिया का पहला क्रिकेट सोशल नेटवर्क है। #5 डैरेन लेहमन साल 2003 के विश्वकप में डैरेन लेहमन ऑस्ट्रेलिया के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी थे उस वक्त वह 33 साल और 28 दिन के थे। 2003 के विश्वकप में उन्होंने मध्यक्रम में बेहतरीन खेल दिखाया था। लेहमन ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्तम्भ की तरह थे। 46 साल के लेहमन इस वक्त ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच हैं। वह इस पद पर 2013 से हैं। मिकी आर्थर के लेहमन ने अपने कोचिंग पीरियड में ऑस्ट्रेलिया को साल 2015 का विश्वकप दिलाया था। #6 माइकल बेवन दुनिया के बेहतरीन फिनिशर रहे बेवन ने विश्वकप 2003 में भी यादगार खेल दिखाया था। बेवन न सिर्फ बेहतरीन फिनिशर थे बल्कि वह एक अच्छे खासे चाइनामैन गेंदबाज़ भी थे। 46 बरस का ये खिलाड़ी अच्छा खासा फील्डर भी था। 2004 में संन्यास लेने के बाद बेवन कई टीमों के कोच रहे जिसमें भारत की उड़ीसा टीम के भी वह कोच रहे। इसके अलावा वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे। हाल ही में 2016 में उन्होंने ईस्टर्न सबअर्ब में सिडनी ग्रेड क्रिकेट से वापसी भी की है। #7 एंड्रू सायमंड्स विश्व क्रिकेट में सायमंड्स कई विवादों में रहे हैं, उन्होंने 2003 के विश्वकप में 326 रन बनाये थे और दसवें स्थान पर रहे थे। उनका औसत इस दौरान 163 का था। 40 बरस का ये खिलाड़ी यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में पैदा हुआ था। साल 2015 में वह कुईंसलैंड के अंडर-19 टीम के कोच बनाये गये थे। हालाँकि सायमंड्स का इस वक्त क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। #8 ब्रैड हॉग 45 बरस का ये चाइनामैन गेंदबाज़ 1996 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। 12 साल के अपन क्रिकेट करियर में हॉग ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 123 वनडे मैच खेले थे। इस दौरान उन्हें 156 मिले। हॉग 2003 के विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के अहम अंग थे। यद्यपि हॉग ने साल 2008 में ही क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। लेकिन वह दुनिया भर की क्रिकेट लीग में खेल रहे हैं। बिग बैश में वह पर्थ स्कोर्चेर्स की तरफ से, आईपीएल में केकेआर की तरफ से, बीपीएल में सिलहेट रॉयल्स की तरफ से, एसएलपीएल में वह वाय्म्बा यूनाइटेड की तरफ से और रामस्लैम में वह केप कोबरा की तरफ से खेले हैं। #9 एंडी बिकल एंडी बिकल साल 2003 के वर्ल्डकप में काफी प्रभावशाली क्रिकेटर रहे हैं। वह इस टूर्नामेंट में बड़े शॉट तो लगाते ही थे साथ ही वह काफी इकोनोमिकल गेंदबाज़ भी थे। बिकल ने टूर्नामेंट में 3.45 के इकॉनमी रेट से 16 वीके लिए थे। 1 फरवरी 2004 में उन्होंने संन्यास ले लिया था। उसके बाद बिकल साल 2010 से अंतिम सीजन तक चेन्नई के कोच के तौर पर जुड़े थे। #10 ब्रेट ली ऑस्ट्रेलिया के इस स्पीडस्टर ने 2003 के विश्वकप में सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ था। वह अपने हमवतन मैकग्रा से एक विकेट ज्यादा लिए थे। ली ने 17.90 के औसत से 22 विकेट लिए थे। ब्रेट ली ने साल 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला था। उन्होंने हाल ही में एक फिल्म “अनइंडियन” में अभिनय भी किया है। जिसे अनुपम शर्मा ने निर्देशित किया है। फिल्म को आईएमडीबी ने 10 में से 7.2 रेटिंग दिया है। जो कान फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई जाएगी। #11 ग्लेन मैकग्रा ग्लेन मैकग्रा का नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। 43 बरस के इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ ने कुल मिलाकर 944 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं। साल 2003 के वर्ल्डकप में उन्होंने 14.76 के औसत से 21 विकेट लिए थे। वह सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे क्रम पर थे। साल 2007 में संन्यास लेने के बाद मैकग्रा अपने एनजीओ में काफी सक्रीय हो गये। मैकग्रा का फाउंडेशन ऑस्ट्रेलिया में ब्रैस्ट केयर नर्सेज के लिए पैसा एकत्र करने का काम करता है। उनके फाउंडेशन का कहना है कि उन्होंने अबतक 33,000 ऑस्ट्रेलियाई परिवारों को कैंसर को मात देने में मदद की है। #12 नाथन ब्रैकन साल 2003 के वर्ल्डकप में नाथन ब्रेकन भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के अहम अंग थे। ब्रेकन हालाँकि एक भी मैच में खेले नहीं थे। लेकिन वह टीम में थे। साल 2001 में इस 38 बरस के गेंदबाज़ ने अपना पहला वनडे मैच खेला था। हालाँकि उनका करियर चोट से काफी प्रभावित रहा। दुर्भाग्य से उनके घुटने में काफी लग गयी थी। साल 2009 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। साथ ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने $2.5 मिलियन का केस ठोंक दिया था। उन्होंने सीए पर आरोप लगाया था कि उनके घुटने में लगी चोट का पैसा उन्हें नहीं दिया गया था। लेखक-रुद्र्निल गुहा, अनुवादक-मनोज तिवारी