IPL के 3 दिग्गज भारतीय खिलाड़ी जो टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए

अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अच्छा प्रदर्शन करके बहुत से क्रिकेटरों ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बनाई है। आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें अपनी नेशनल टीम में चुना गया। अंबाती रायडू, प्रज्ञान ओझा, रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम के लिए भी बेहतरीन खेल दिखाया। इस बार के सीजन में भी कई सारे युवा क्रिकेटर खेल रहे हैं। अब देखना ये है कि उनमें से कितने प्लेयर आगे के लिए अपनी राह बना पाते हैं।

आईपीएल ने ना केवल भारत बल्कि दुनिया को कई सारे टैलेंटेड क्रिकेटर दिए लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्होंने आईपीएल में तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अपनी नेशनल टीम की तरफ से टी-20 मैचों में वो खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। आइए जानते हैं ऐसे ही 3 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिनका आईपीएल रिकॉर्ड तो काफी अच्छा रहा है लेकिन टी-20 अंतर्राष्ट्रीय करियर उनका उतना अच्छा नहीं रहा।

IPL के 3 दिग्गज भारतीय खिलाड़ी जो टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए

1.शिखर धवन

शिखर धवन
शिखर धवन

आईपीएल के पहले सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते हुए शिखर धवन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। 2008 के पहले सीजन में उन्होंने 14 पारियों में 37.77 की औसत से 340 रन बनाए। इस दौरान शिखर धवन ने 4 बेहतरीन अर्धशतक भी जड़े। हालांकि 2009 और 2010 का सीजन उनके लिए बढ़िया नहीं गया लेकिन 2011 के सीजन से उन्होंने जोरदार वापसी की और तब से लेकर अब तक वो सभी सीजन में रन बना रहे हैं। इस आईपीएल सीजन वो एक शतक भी जड़ चुके हैं।

आईपीएल और घरेलू सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर जल्द ही उन्होंने भारतीय वनडे और टेस्ट टीम में जगह बना ली। 2010 में शिखर धवन ने एकदिवसीय मैचों में पर्दापण किया जबकि 2011 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। शुरुआती कुछ दिनों में दोनों ही प्रारुपों में उन्होंने काफी रन बटोरे। हालांकि टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में डेब्यू के लिए उन्हें 2013 तक का इंतजार करना पड़ा।

सबको यही उम्मीद थी कि आईपीएल की तरह टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में भी धवन अपने बल्ले से रनों का अंबार लगा देंगे लेकिन वो सबकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। धवन अब तक 59 पारियों में 28.4 की औसत से 1588 रन ही बना पाए हैं। इस दौरान उनके नाम 10 अर्धशतक हैं।

2.अजिंक्य रहाणे

अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे

प्रतिभाशाली बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे इस वक्त भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान हैं। आईपीएल में उनकी शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही। 2008 से 2010 के बीच मुंबई इंडियंस की तरफ से उन्हें केवल 10 मैच ही खेलने का मौका मिला। उनके आईपीएल करियर ने तब रफ्तार पकड़ी जब 2011 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए रहाणे ने काफी बेहतरीन खेल दिखाया और बता दिया कि उनके अंदर काफी प्रतिभा है। इस तरह से वो टीम का एक अहम हिस्सा बन गए। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के साथ उनकी ओपनिंग जोड़ी काफी हिट रही। द्रविड़ से रहाणे को काफी कुछ सीखने का मौका मिला।

2012 में वो राजस्थान रॉयल्स की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। जबकि 2013 के चैंपियंस लीग टी-20 में भी उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाने का गौरव हासिल किया। 2011 के आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें भारतीय टी-20 टीम में चुन लिया गया।

इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उन्हें खेलने का मौका मिला। अपने डेब्यू मैच में रहाणे ने 61 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि दुर्भाग्यवश भारत वो मैच हार गया। लेकिन उसके बाद रहाणे का फॉर्म दिनोंदिन गिरता चला गया। आईपीएल की तरह टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में वो काफी प्रदर्शन नहीं कर सके और 20 मैचों में अभी तक 375 रन ही बना पाए हैं।

3. यूसुफ पठान

यूसुफ पठान
यूसुफ पठान

आईपीएल से पहले बड़ौदा की तरफ से रणजी ट्रॉफी में यूसुफ पठान ने अपने बल्ले का दम दिखाया। अपने घरेलू फॉर्म को उन्होंने आईपीएल में भी बरकरार रखा। 2008 के पहले सीजन में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने बेहतरीन पारियां खेली।

पहला आईपीएल सीजन राजस्थान रॉयल्स ने जीता था और यूसुफ पठान ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया। यहां तक कि फाइनल मुकाबले में उन्हें मैन ऑफ द् मैच अवॉर्ड भी मिला था। 31.07 की औसत और 179.01 की धमाकेदार स्ट्राइक रेट से यूसुफ ने 2008 के सीजन में 435 रन बनाए।

हालांकि आईपीएल खेलने से पहले ही पठान अपने टी-20 अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज कर चुके थे। 2007 में हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में वो विनिंग भारतीय टीम का हिस्सा थे। उस समय किसी को उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं लेकिन 2008 के आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन के बाद सबकी उम्मीदें उनसे बढ़ गईं। हालांकि पठान इस पर खरा नहीं उतर पाए और 18 पारियों में 18.15 की औसत से 236 रन ही बना पाए। इस दौरान वो एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके।

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