टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से अभी तक सिर्फ तीन तिहरे शतक ही लगे हैं। इसमें से दो तिहरे शतक तो अकेले वीरेंदर सहवाग ने लगाये, वहीं एक और तिहरा शतक करुण नायर ने जड़ा था। 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ वीरेंदर सहवाग ने सबसे पहले 300 का आंकड़ा पार किया था और 309 रन बनाये थे। इसके बाद उन्होंने 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रनों की पारी खेली थी। करुण नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ 303 रनों की नाबाद पारी खेली थी और सहवाग के बाद तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज बने थे।
हालाँकि भारतीय बल्लेबाजों के पास ऐसे कई मौके आये, जब वह तिहरा शतक बना सकते थे, लेकिन उससे पहले ही आउट हो गए। इसमें वीरेंदर सहवाग (293 vs श्रीलंका एवं 254 vs पाकिस्तान), वीवीएस लक्ष्मण (281 vs ऑस्ट्रेलिया) और राहुल द्रविड़ (270 vs पाकिस्तान) का नाम प्रमुख है। इसके अलावा भारतीय बल्लेबाजों की कुछ ऐसी भी पारियां हैं, जब टीम की पारी घोषित/समाप्त होने के कारण वह नाबाद रहने के बावजूद अपना तिहरा शतक पूरा नहीं कर सके।
आइये नजर डालते हैं ऐसे है चार मौकों पर जब भारतीय बल्लेबाज टेस्ट में तिहरा शतक लगा सकते थे:
# सुनील गावस्कर (236* vs वेस्टइंडीज, 1983)
दिसंबर 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई में खेले गए सीरीज के छठे टेस्ट में सुनील गावस्कर ने 236 रनों की शानदार पारी खेली थी और टेस्ट में अपना सर्वाधिक स्कोर बनाया था। यह स्कोर लगभग 18 सालों तक भारत की तरफ से किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर रहा और इसे 2001 में वीवीएस लक्ष्मण (281) ने तोड़ा।
वेस्टइंडीज ने मैच की पहली पारी में 313 रन बनाये थे, जिसके जवाब में भारत का स्कोर जब 451/8 था तब कप्तान कपिल देव ने पारी घोषित कर दी। उस समय गावस्कर 236 रन बनाकर नाबाद थे और उनके पास भारत की तरफ से पहला तिहरा शतक लगाने का मौका था। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने 64/1 का स्कोर बनाया और मैच ड्रॉ हो गया था।
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