4 विकेटकीपर जो एम एस धोनी के संन्यास के बाद ले सकते हैं उनकी जगह

#2 लोकेश राहुल

केएल राहुल निस्संदेह भारतीय क्रिकेट की युवा पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। तथ्य यह है कि रैना और रोहित शर्मा को छोड़कर वह एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक जड़े हैं जो उनकी क्षमता को दिर्शाता है। वह कप्तान विराट कोहली के अलावा टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में 45+ की औसत वाले एकमात्र भारतीय हैं और साथ ही एकदिवसीय क्रिकेट पर्दापण में शतक लगाने वाले इकलौते भारतीय भी हैं। बल्लेबाज के रूप में राहुल की वंशावली अपने करियर में शुरुआती चरण में दिख गयी थी, जब उन्होंने सिडनी की तेज पिच पर मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे बॉलिंग आक्रमण के सामने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने दूसरे ही टेस्ट में शतक जड़ दिया था। हालांकि, उनकी सभी निर्विवाद प्रतिभा के बावजूद राहुल अपनी असंगतता और अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में ना बदल पाने की विफलता के कारण सीमित ओवरों से लगातार अंदर बाहर होते रहे हैं। राहुल के इस लक्षण ने उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से बाहर कर दिया। हालांकि वह टी-20 का हिस्सा थे। राहुल ने इन सभी नकारात्मकताओं को उनके पीछे छोड़ा है और इस साल के आईपीएल के लिए एक बेहतरीन शुरूआत कर दी है। उन्होंने किंग्स-XI पंजाब के शुरुआती मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ आईपीएल इतिहास (केवल 14 गेंदों में) की सबसे तेज फिफ्टी लगायी और वर्तमान में वह आईपीएल 2018 के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज की तालिका में टॉप 10 में मौजूद हैं। राहुल गेंदबाजी पर हावी होने के इरादे से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैं। उनकी अटैकिंग क्वालिटी और निडरता प्रदर्शित कर रही है कि उन्होंने अपनी बैटिंग स्टाइल टीम सलाहकार सहवाग से ली है। राहुल के खिलाफ जाने वाला एक बड़ा कारण यह तथ्य है कि वह नियमित विकेटकीपर नहीं है और केवल एक पार्ट टाइम विकेटकीपर हैं। चयनकर्ता धोनी की जगह एक परफेक्ट विकेटकीपर की तलाश कर रहे हैं और स्टंप के पीछे राहुल के अनुभवहीनता उनके लिए महंगी साबित हो सकती है। हालांकि हमेशा ही सुधार की गुंजाइश होती है और राहुल के पास अपनी धाकड़ बल्लेबाजी क्षमताओं के आधार पर टीम में घुसपैठ करने की क्षमता है, अगर वह कीपर के तौर पर नहीं सेलेक्ट होते हैं।

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