5 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने एक ही वनडे मैच में बल्लेबाजी और गेंदबाजी की शुरुआत की

इरफ़ान पठान 
इरफ़ान पठान 

आपको जब बचपन में क्रिकेट खेलते हुए अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी दोनों में ही अपनी टीम के लिए सबसे पहले शुरुआत करने का मौका मिलता था तो एक अलग ही सम्मान महसूस होता था। लेकिन अगर यही काम हमें अपने देश के लिए खेलते हुए करने का मौका मिले तो एक अलग ही गर्व की बात होती है।

यहां ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक खिलाड़ी ने एकदिवसीय क्रिकेट में एक ही मैच में गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी की भी शुरुआत की। दुनिया के कई महान ऑलराउंडरो को ये मौका मिला है, जब उन्होंने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही टीम के लिए शुरुआत की।

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इस तरह के मौके पिच के हालात और टीम की जरूरत के हिसाब से लिए जाते हैं। टीम के नियमित ओपनर की अनुपस्थिति में या फिर कुछ अलग करने के लिए कई बार टीमें ऐसा करती हैं ।

आइये नजर डालते हैं उन पांच भारतीय खिलाड़ियों पर जिन्होंने भारतीय टीम के लिए एक ही वनडे में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही शुरूआत की :

#5 रोजर बिन्नी (2 वनडे)

रोजर बिन्नी
रोजर बिन्नी

रोजर बिन्नी ने भारतीय टीम के लिए 72 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने 77 विकेट चटकाए। नई गेंद को स्विंग कराने की उनकी क्षमता के कारण, शुरुआती ओवरों में बिन्नी का काफी इस्तेमाल किया जाता था।

हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि बिन्नी ने भारत के लिए दो वनडे मैचों में बल्लेबाजी की शुरुआत भी की। ये दोनों मैच 1980-81 के बेन्सन एंड हेजेज वर्ल्ड सीरीज़ में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे। उन्होंने पहले मैच में 31 रन बनाए, तो वहीं दूसरे मैच में 21 रन बनाए थे।

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#4 मनोज प्रभाकर (45 वनडे)

मनोज प्रभाकर 
मनोज प्रभाकर

मनोज प्रभाकर को गेंदबाजी में अपनी विविधताओं और स्विंग गेंदबाजी के लिए जाना जाता था, और अक्सर नई गेंद के साथ इनको गेंदबाजी करने का मौका दिया जाता था। प्रभाकर ने भारत के लिए 130 वनडे मैचों में 157 विकेट चटकाए।

प्रभाकर एक उपयोगी बल्लेबाज भी थे। उन्होंने 130 एकदिवसीय मैचों में 11 अर्धशतक और 2 शतक बनाए, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 106 का था। प्रभाकर ने भारत के लिए 45 वनडे मैचों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी की शुरुआत की।

#3 इरफ़ान पठान (1 वनडे)

 इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान

इरफ़ान पठान को उनकी शानदार स्विंग गेंदबाजी के लिए जाना जाता था, जिससे वो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को आउट करने की काबिलियत रखते थे। ग्रेग चैपल ने पठान की बल्लेबाजी को तराशने के लिए उनको बल्लेबाजी क्रम में प्रमोट भी किया। 2005 में पठान को भारत के लिए बल्लेबाजी में ओपनिंग करने का मौका मिला था लेकिन वो उस मैच में शून्य पर आउट हो गए थे।

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#2 वीरेंदर सहवाग (1 वनडे)

वीरेंदर सहवाग
वीरेंदर सहवाग

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक वनडे मैच में हेडन और गिलक्रिस्ट दो बाएं हाथ के बल्लेबाजों की वजह से वीरेंदर सहवाग से गेंदबाजी की शुरुआत कराई गयी थी। हालांकि सहवाग भारत को उस मैच में सफलता दिलवाने में नाकामयाब रहे थे। बल्लेबाजी में भी वह शून्य पर आउट हो गए थे और यह पहला और आखिरी मौका था जब उन्हें बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी शुरुआत करने का मौका मिला था।

#1 कपिल देव (1 वनडे)

कपिल देव
कपिल देव

भारत के सर्वश्रेठ ऑलराउंडर के रूप में कपिल देव का नाम सबसे पहले आता है। कपिल देव को 1992 में भारत के लिए पारी की शुरुआत करने का मौका मिला था लेकिन वो मात्र 10 रन ही बना सके थे। हालांकि गेंदबाजी में उन्होंने किफायती स्पेल किया और 4 ओवरों में मात्र 6 रन दिए और भारत ने उस मैच को 55 रनों से जीता था।

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Edited by सावन गुप्ता