क्रिकेट के ऐसे 5 रिकॉर्ड को जो अबतक टूट नहीं पाए हैं

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टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे महत्वपूर्ण फॉर्मेट है। टेस्ट क्रिकेट 140 सालों से खेला जा रहा है। टेस्ट मैच प्रत्येक खिलाड़ी को एक अलग पहचान देता है। साथ ही टेस्ट मैच प्लेयर की पिच पर खड़े रहने के मनोबल को भी मजबूत करता है। टेस्ट मैच किसी भी खिलाड़ी की बुनियाद परखने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। 19वीं शताब्दी से क्रिकेट में टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इनमें कई व्यक्तिगत रिकॉर्ड और कई दूसरे रिकॉर्ड भी जमकर बने हैं।

एक कहावत है कि रिकॉर्ड टूटने के लिए बने होते हैं लेकिन हमारे पास 5 ऐसे रिकॉर्ड हैं जो 19वीं शताब्दी के आखिर से अभी तक नहीं टूटे है।

आइये ऐसे ही पांच क्रिकेट रिकॉर्ड पर एक नजर डालते हैं जो 100 सालों से नहीं टूटे हैं:

#1 एक पूर्ण टेस्ट पारी में रनों का सर्वोच्च प्रतिशत (1877)

यह रिकॉर्ड दुनिया में खेले गए सबसे पहले टेस्ट मैच में बना था। यह सुनने में काफी अजीब है लेकिन यह सच है। यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स बैनरमैन (जोकि पहले टेस्ट में सबसे पहली गेंद का सामना करने वाला बल्लेबाज थे और इन्हें टेस्ट मैच के पहले क्रिकेटर के तौर पर भी जाना जाता है) ने बनाया था।

उन्होंने टीम के टोटल 245 रनों में 165 रन बनाये थे, जिसमें उनका योगदान 67.34% का था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 45 रनों से जीत दर्ज की थी। अगर इस रिकॉर्ड को तोड़ने की बात की जाए तो इसके आसपास माइकल स्लेटर पहुंचे, जिन्होंने 1999 में टीम के 186 रन के टोटल में 123 रन बनाये थे और उनका योगदान 66.87% था।

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#2 नंबर 10 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड (1884)

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सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर आजकल बल्लेबाजों के जरिए बनाया जाता है। वहीं नंबर 10 पर बल्लेबाजी करने वाले किसी बल्लेबाज के जरिए सर्वाधिक रन बना देना काफी अजीब लगता है।

16वां टेस्ट मैच लंदन के ओवल ग्राउंड में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1884 में खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 551 रन बनाए थे। इसमें मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने 3 शतक भी जड़े थे। इंग्लैंड ने इसमें 331 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें उनकी टीम के 11 के 11 प्लेयर्स ने गेंदबाजी की थी।

इस मैच में इंग्लैंड के 10वें नंबर के बल्लेबाज वॉल्टर रीड ने 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 117 रन बनाए। जो कि अभी तक 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करने का रिकॉर्ड है। उसके बाद से सिर्फ तीन बल्लेबाजों ने नंबर 10 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़े हैं।

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#3 गेंदबाजी में सबसे कम औसत और स्ट्राइक रेट (1896)

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यह क्रिकेट इतिहास का सबसे अजीब रिकॉर्ड है। पहले के समय में बल्लेबाजी करना इतना आसान नहीं होता था। उस समय जॉर्ज लोहमन बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूट पड़े। उन्होंने 1896 में जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 28 रन देकर 9 विकेट अपने नाम किए थे। यह फिगर 1956 तक रहा, बाद में इंग्लिश गेंदबाज जिम लेकर ने 1956 में 10 विकेट हासिल किए। लोहमन 18 टेस्ट मैच खेलकर रिटायर हो गए थे, जिसमें उनका औसत 10.75 और स्ट्राइक रेट 34.1 और उनके नाम 112 विकेट थे।

टेस्ट क्रिकेट इतिहास में लोहमन के नाम सबसे कम गेंदबाजी औसत और स्ट्राइक रेट का रिकॉर्ड दर्ज है। इसके आस-पास अभी तक कोई दूसरा गेंदबाज नहीं पहुंच पाया है। आगे भी इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना काफी मुश्किल है।

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#4 सबसे उम्रदराज़ टेस्ट कप्तान (1899)

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यह अद्भुत रिकॉर्ड डॉ विलियम गिलबर्ट ग्रेस के नाम है, जो कि इंग्लिश क्रिकेट टीम के सबसे अद्भुत खिलाड़ियों में एक थे। जब विलियम गिलबर्ट बल्लेबाजी करने आते थे तो पूरा स्टेडियम खचाखच भर जाता था और जैसे ही यह आउट हो जाते थे तो पूरा स्टेडियम खाली हो जाता था। उन्होंने अपने इस महान करियर में प्रथम क्रिकेट श्रेणी में 54000 रन बनाए हैं और साथ ही साथ प्रथम क्रिकेट श्रेणी में 2800 विकेट भी हासिल किए हैं।

उनका जन्म 1848 में हुआ था उन्हें WG के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए उन्हें ही एशेज क्रिकेट का जनक भी माना जाता है। वह 50 वर्ष की उम्र तक इंग्लैंड टीम के कप्तान बने रहे। वह अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान देते थे और उन्होंने अपना आखिरी क्रिकेट मैच 1899 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

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#5 टेस्ट डेब्यू मैच में सर्वाधिक स्कोर (1903)

Foster's 287 remains the highest score in a debut Test innings

टिप फॉस्टर का जन्म एक खेल से जुड़ी फैमिली में हुआ था। वह अपने 6 भाइयों के साथ वॉस्टरशायर के लिए खेला करते थे। इसीलिए उस जगह को फॉस्टरशायर भी कहते थे। वे परिवार में सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी थे।

टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले वह काउंटी क्रिकेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर चुके थे। जिसके चलते उन्हें 1901 मे विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला था। फिर फोस्टर ने स्टॉकब्रोकर का काम करते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना आरंभ किया। बाद में उन्हें 1903 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भी चुना गया।

अपने डेब्यू मैच में जब वह बल्लेबाजी करने आए तो इंग्लैंड टीम का स्कोर 73/3 था। जिसमें उन्होंने 245 रन अंतिम के दो प्लेयर्स के साथ साझेदारी करते हुए जोड़े। उन्होंने 287 रन का स्कोर बनाया था। जो कि पूरे ऑस्ट्रेलियन टीम के स्कोर से भी ज्यादा था। ऑस्ट्रेलिया ने 285 रन का स्कोर पहली पारी में बनाया था। इसी के साथ फोस्टर डेब्यू मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले क्रिकेटर बन गए और अभी तक डेब्यू टेस्ट पारी का उनका यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाया है।

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लेखक: ओमकार मनकामे

अनुवादक: हिमांशु कोठारी