किंग्स-XI पंजाब के लिए ये आईपीएल भी निराशाजनक गया। उनका सफर बड़े ही अजीब ढंग से थम गया। सीजन की शुरुआत में पंजाब को मजबूत टीम माना जा रहा था। साथ ही इस टीम को इस बार डार्क हॉर्स भी बोला गया था। लेकिन टीम ने इन सभी संभावनाओं को नकारते हुए अंकतालिका में आखिरी स्थान पर रहे। टीम ने एक नये कप्तान से सीजन की शुरुआत की और दूसरे नये कप्तान से अपने सीजन का अंत किया। डेविड मिलर की कप्तानी में मिली असफलता के बाद टीम ने मुरली विजय को अपनी टीम का कप्तान बनाया। लेकिन विजय भी टीम को जीत की पटरी पर नहीं ला पाए। वहीं मिलर की कप्तानी में टीम एक के बाद एक मैच हार रही थी। टीम ने मोहित शर्मा, फरहान बेहरदिन, काइल एबॉट और मार्कस स्टोइनिस को इस बार नीलामी में खरीदा था। लेकिन टीम कभी भी इस सीजन में लड़ाई में नहीं रही। आइये अब बात करते हैं कि पंजाब की टीम का प्रदर्शन कहां खराब रहा है। हालांकि टीम के मुख्य खिलाड़ी चोट की वजह से भी परेशान रहे हैं। चोटिल शॉन मार्श की जगह पर टीम ने हाशिम अमला को शामिल किया था। इसके बाद टूर्नामेंट के अंत में ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोइनिस भी चोटिल हो गये। कुल मिलाकर पंजाब ने इस पूरे सीजन में सिर्फ 4 मैचों में जीत हासिल की है। जो उनके खराब प्रदर्शन को पुख्ता करते हैं। इसके आलावा टीम के कोच संजय बांगर और प्रीती जिंटा के बीच हुआ विवाद सुर्ख़ियों में आया। जब टीम आरसीबी से हारी थी। टीम के कुछ खिलाडियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन वह नाकाफी रहा। ज्यादातर मैचों में गेंदबाजों का प्रदर्शन बल्लेबाजों के मुकाबले बहुत ही अच्छा रहा। टीम कई मौकों पर विपक्षी टीमों पर हावी नजर आई लेकिन बल्लेबाजों ने उस मिले मौकों को बेकार कर दिया। साथ ही कई ऐसे भी मौके आये जब बल्लेबाज़ चले लेकिन गेंदबाज़ फ्लॉप रहे। आइये इस सीजन में पंजाब के कुछ सकारात्मक प्रदर्शन के बारे में आपको बताएं। सीज़न की सकारत्मक बातें अंकतालिका में सबसे नीचे रहने वाली टीम के बारे में सकारात्मक बातें निकालना बहुत ही कठिन काम है। हालांकि टीम की गेंदबाज़ी अच्छी रही है। संदीप शर्मा ने अपनी गेंदबाज़ी से सभी को खूब प्रभावित किया है। वह नई गेंद से स्विंग भी कराते हैं और साथ ही डेथ ओवर में सटीक यॉर्कर भी डालते हैं। मोहित शर्मा भी अच्छी गेंदबाज़ी करते रहे हैं और अंतिम कुछ मैचों को छोड़ दिया जाये तो उनकी गेंदबाज़ी अच्छी रही है। गुजरात लायंस के खिलाफ अक्षर पटेल की हैट्रिक इस टूर्नामेंट की चर्चित कहानी रही। पटेल ने टूर्नामेंट में मिला जुला प्रदर्शन किया है। वह इस बार पंजाब की तरफ पहले ऐसे खिलाड़ी थे। जिनका प्रदर्शन अच्छा था। मुरली विजय की कप्तानी कुछ खास नहीं रही, लेकिन पुरानी कहावत है कि टीम अगर अच्छी है, तो कप्तान भी अच्छा होगा। पंजाब के लिए मार्कस स्टोइनिस का प्रदर्शन इस बार सकारात्मक रहा है उन्हें पंजाब अगले सीजन में रिटेन कर सकता है। हाशिम अमला ने भी अपनी काबिलियत से इस सीजन में लोगों को प्रभावित किया है। उन्होंने अंतिम समय में टीम को ज्वाइन किया और अच्छा प्रदर्शन किया। एक मैच में तो वह शतक के करीब तक आ गये थे। कहां रह गयीं खामियां? इस सीजन में डेविड मिलर और ग्लेन मैक्सवेल जैसे खिलाड़ी पूरी तरह से आउट ऑफ़ फॉर्म रहे। इन दोनों से टीम को बहुत ज्यादा उम्मीदें थी। टीम प्रबन्धन ने इसी वजह से मिलर से कप्तानी भी ले ली। उम्मीद थी कि मिलर इसके बाद अच्छा खेल दिखायेंगे लेकिन वह बुरी तरह से असफल रहे। विकेटकीपर बल्लेबाज़ साहा से भी टीम को काफी उम्मीद थी जिन्होंने पिछले कई सीजन में अच्छा खेल दिखाया था। इसके आलावा युवा बल्लेबाज़ मनन वोहरा ने भी निराश किया। पंजाब के पास एक बेहतरीन स्पिनर न होना भी टीम के लिए चिंता का विषय था। अक्षर पटेल, प्रदीप साहू और केसी करियप्पा जैसे घरेलू खिलाडियों ने कोशिश की लेकिन वह नाकाफी था। दिग्गज मिचेल जॉनसन की फॉर्म भी काफी खराब रही। हाल ही में जॉनसन ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। इस सीजन में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कई मैचों में गेंदबाज़ डेथ ओवर में रन रोकने में असफल साबित हुए। कई मैचों में तो पंजाब अंतिम क्षणों में मैच हार गयी। ऐसे में टीम को खुद की ताकत का अंदाज़ा लगाना होगा। आगे क्या करना चाहिए पंजाब को अपनी टीम में कुछ अनुभवी खिलाड़ी मिले गये हैं। उनमे से हाशिम अमला एक हैं। ऐसे में टीम को अगले साल के नीलामी में कुछ अच्छे खिलाड़ियों को चुनना होगा। इसके आलावा पंजाब को अपने प्रभावी खिलाड़ियों को टीम में बनाये रखना चाहिए। साथ ही टीम को कुछ अच्छे भारतीय खिलाड़ियों में टीम में शामिल करना चाहिए। जिससे गंभीर परिस्थितियों में टीम वापसी कर सके। निचोड़ किंग्स को वास्तविक आंकड़ो पर गौर करना होगा। वह जिस तरह से इस सीजन में सबसे नीचे धकेल दिए गये। उससे उन्हें निराश जरूर होगी। ऐसे में टीम को अपने निराश फैन्स के लिए अगले साल 2017 में अच्छी वापसी करनी होगी। 14 मैचों में टीम ने 8 अंक हासिल किये और अंकतालिका में सबसे निचले पायदान पर रहे। इसको देखते हुए हम उन्हें 10 में से 2 अंक देते हैं। लेखक-सौरव, अनुवादक-मनोज तिवारी