क्रिकेटर अक्सर मैदान पर परेशानी से घिरे होते हैं लेकिन शुक्रवार की सुबह मैदान से बाहर भी उनके लिए मुश्किल घड़ी आई। ऐसा तब हुआ जब झारखंड की टीम होटल में आग लगने की घटना घटित हुई। यह होटल दिल्ली के द्वारका में है। बता दें कि अभी झारखण्ड की टीम विजय हजारे ट्रॉफी के लिए राजधानी में है। उनका फिरोज शाह कोटला मैदान पर बंगाल के साथ सेमीफाइनल मैच होना है लेकिन होटल में आग की घटना के बाद यह मैच शनिवार तक आगे खिसका दिया गया है। टीम के सदस्य इशान किशन ने कहा "सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर क्रिकेटरों ने अपने कमरों के आस-पास धुंए को देखा, कुछ खिलाड़ियों ने सोचा कि ऐसा किसी शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ होगा। कुछ देर बाद खिलाड़ियों को कोच ने मैसेज कर बड़ी आग लगने के बारे में बताया। जब ऐसा हुआ, तब हम जगने वाली ही थे। काफी धुंए के बाद हम मुश्किल से सांस ले पा रहे थे। वहां बिजली नहीं थी और लॉबी में पूरी तरह अंधेरा था। यह बेहद डरावना था।" ऐसी स्थिति में महेंद्र सिंह धोनी ने आगे आकर खिलाड़ियों को शांत किया। इशान किशन ने इस बारे में बताया "हम बाहर निकलने के लिए दरवाजा नहीं खोज पा रहे थे, तब उन्हें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मैसेज मिला, जिसमें उन्होंने चिंता नहीं करने की बात कही। माही भाई अपने रूम से बाहर आने में असमर्थ थे तब भी उन्होंने ऐसा किया। मैंने इससे पहले ऐसा कहीं नहीं देखा।" बता दें कि होटल प्रबंधन ने विशेष व्यवस्था करते हुए झारखण्ड के खिलाड़ियों को वहां से दूसरी जगह भेजा। उल्लेखनीय है कि जब सुबह छह बजे दिल्ली के द्वारका में वेलकम होटल में आग लगने की खबर आई, उस समय उसमें 540 लोग मौजूद थे। आग बुझाने वाली टीम और पुलिस की मदद से सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। महेंद्र सिंह धोनी द्वारा अपने खिलाड़ियों का इस तरह साथ देना सराहनीय कदम है।