CSK के खिलाफ आखिरी गेंद पर धवल कुलकर्णी की हरकत के बाद 'खेल भावना' पर खड़े हुए सवाल

धवल कुलकर्णी
धवल कुलकर्णी

मांकडिंग कितना सही है? यह सवाल क्रिकेटर्स के बीच लंबे समय से बहस का विषय रहा है। आईपीएल 2019 में रविचंद्रन अश्विन ने जोस बटलर को आउट किया था तो हर तरफ उनकी आलोचना हुई थी। इसके बाद कई ऐसी घटनाएं देखने को मिली जब नॉन स्‍ट्राइकर्स ने क्रीज जल्‍दी छोड़ने का फायदा उठाया। आईपीएल 2021 (IPL 2021) में शनिवार को मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स (Chennai Super Kings) के बीच मुकाबले के दौरान कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मैच की आखिरी गेंद पर मुंबई इंडियंस को जीतने के लिए दो रन की दरकार थी।

किरोन पोलार्ड तब लुंगी एनगिडी का सामना कर रहे थे और नॉन स्‍ट्राइकर छोर पर धवल कुलकर्णी मौजूद थे। पोलार्ड ने एनगिडी की गेंद पर लांग ऑन की दिशा में शॉट खेला और तेजी से दो रन दौड़ने का प्रयास किया। पोलार्ड को दो रन तेजी से दौड़ने में संघर्ष करना पड़ रहा था जबकि धवल कुलकर्णी खतरे वाले छोर (नॉन स्‍ट्राइकर्स एंड) पर दौड़ रहे थे। धवल कुलकर्णी समय पर क्रीज में पहुंच गए और मुंबई इंडियंस ने आखिरी गेंद पर मैच जीत लिया। हालांकि, मैच के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर घूमे, जिसके बाद लोगों ने खेल भावना पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिए।

क्‍या ये खेल भावना के अंतर्गत है?: ब्रेड हॉग

सोशल मीडिया पर इस तरह के कई फोटो और वीडियो घूम रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि एनगिडी के गेंद रिलीज करने से पहले ही धवल कुलकर्णी क्रीज छोड़कर रन दौड़ना शुरू कर चुके हैं। पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्रेड हॉग ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए कैप्‍शन लिखा, 'एक बार फिर माफी चाहता हूं। पिछली रात आखिरी गेंद पर दो रन की जरूरत और नॉन स्‍ट्राइकर ने दोबारा फायदा उठाया। क्‍या ये खेल भावना के अंतर्गत है?'

सच्‍चाई यह है कि कुलकर्णी ने पहले ही दौड़ लगाना शुरू कर दी थी तो उनके पास दूसरा रन दौड़ने का समय बढ़ गया था। मुंबई और चेन्‍नई के बीच करीबी मुकाबलों में जीत का अंतर बेहद कम होता है, जिसमें इस तरह की हरकत निर्णाय‍क साबित होती है। लुंगी एनगिडी ने हो सकता है कि गिल्लियां बिखेरने का फैसला किया हो, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन्‍हें एहसास नहीं हुआ कि कुलकर्णी समय से पहले ही क्रीज छोड़ चुके हैं।

दबाव वाली स्थिति को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज का ध्‍यान इस बात पर लगा होगा कि वह किस लेंथ पर गेंद डाले कि अंतिम गेंद पर दो रन नहीं बनने दे जबकि सामने पोलार्ड थे, जो किसी भी गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाने में सक्षम हैं। अब एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई है कि इस तरह की स्थिति में क्‍या करने की जरूरत है।

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