लॉक डाउन के कारण खिलाड़ियों के घर पर रहने को लेकर रवि शास्त्री ने कही ये बड़ी बात

रवि शास्त्री
रवि शास्त्री

कोरोना वायरस के कारण कई खेल टूर्नामेंट रद्द किए जा चुके हैं या फिर कई टूर्नामेंट को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण टीम इंडिया के खिलाड़ी अपने घरों में कैद हैं। वहीं इन सबके बीच भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री का मानना है कि लॉक डाउन के कारण जो टीम इंडिया को आराम मिला है वो टीम के लिए अच्छा है क्योंकि टीम इंडिया के खिलाड़ी बीते काफी दिनों से क्रिकेट खेल रहे थे।

स्काई स्पोर्ट्स पॉडकास्ट के दौरान इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन और नासिर हुसैन से बातचीत करते हुए टीम इंडिया के कोच ने कहा,"यह (रेस्ट) बुरी बात नहीं हो सकती, क्योंकि न्यूजीलैंड दौरे के अंत में खिलाड़ियों की मानसिक थकान, शारीरिक फिटनेस और चोटों को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते।"

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बता दें, इस साल की शुरूआत में टीम इंडिया ने पहले श्रीलंका के खिलाफ तीन टी20 मैचों की एक सीरीज खेली थी। उसके बाद टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली और ऑस्ट्रेलिया के बाद टीम सीधे न्यूजीलैंड दौरे पर गई। वहीं न्यूजीलैंड दौरे पर पहला टी20 मुकाबला खेलने से पहले कप्तान विराट कोहली ने टीम इंडिया के बिजी शेड्यूल को लेकर अपनी बात रखी थी, जिसमें उन्हें इशांत शर्मा का भी साथ मिला था।

रवि शास्त्री ने आगे कहा कि टीम इंडिया बीते 10 महीने से क्रिकेट खेल रही है। ऐसे में खिलाड़ियों को आराम मिल गया है। उन्होंने आगे कहा,"खिलाड़ी समय का उपयोग खुद को फिर से सक्रिय करने के लिए कर सकते हैं।, खासकर न्यूजीलैंड दौरे के बाद जहां भारत ने पांच टी 20 इंटरनेशनल, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेले। उन्होंने कहा, "पिछले दस महीनों में हमने लगातार क्रिकेट खेला है।"

लॉक डाउन के कारण खिलाड़ी अपने घरों पर कैद हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। रवि शास्त्री ने कहा कि कुछ खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए तीनों फार्मेट खेल रहे हैं और उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का समय भी नहीं मिला है। ऐसे में इस समय को वो अपने परिवार के साथ बिता सकते हैं। कोच ने आगे कहा,'मेरे जैसे लोग और कुछ सपोर्ट स्टाफ पिछले साल 23 मई को विश्व कप के लिए इंग्लैंड रवाना हो गए थे। तब से हमने 10 या 11 दिन ही घर पर बिताए होंगे।' उन्होंने कहा, 'कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जो तीनों प्रारूपों में मैदान पर उतरे। आप सोच सकते हैं कि उनकी क्या हालत होगी।'

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