"बल्‍लेबाजी कोच पद के लिए आवेदन किया, अगर सेलेक्‍ट हुआ तो काफी काम करना है", विक्रम राठौर का बयान

विक्रम राठौड़ ने भारतीय टीम के बल्‍लेबाजी कोच पद के लिए दोबारा आवेदन किया है
विक्रम राठौड़ ने भारतीय टीम के बल्‍लेबाजी कोच पद के लिए दोबारा आवेदन किया है

भारत (India Cricket team) के बल्‍लेबाजी कोच विक्रम राठौर (Vikram Rathour) ने कहा कि उन्‍होंने पद के लिए दोबारा आवेदन किया है और अगर उनका चयन होता है, तो वह भारतीय खिलाड़‍ियों के साथ कड़ी मेहनत करने पर पूरा ध्‍यान लगाएंगे।

राठौर ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'अनुभव शानदार रहा। यह शानदार सीखने वाला अनुभव रहा। इतने उच्‍च शैलीवान और प्रोत्‍साहित खिलाड़‍ियों की टीम के साथ काम करना शानदार रहा। आगे की बात करूं तो मैंने दोबारा बल्‍लेबाजी कोच पद के लिए आवेदन किया है और अगर मेरा चयन हुआ तो काफी काम करना बाकी है।'

26 अक्‍टूबर को पूर्व भारतीय कप्‍तान राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच पद के लिए आवेदन किया था। एएनआई से बातचीत करते हुए सूत्रों ने पुष्टि की थी कि एनसीए अध्‍यक्ष ने भारतीय हेड कोच के लिए आवेदन किया था। सूत्र ने ध्‍यान दिलाया कि पूर्व भारतीय बल्‍लेबाज वीवीएस लक्ष्‍मण एनसीए अध्‍यक्ष की रेस में सबसे आगे हैं।

सूत्र ने कहा, 'हां, राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के हेड कोच के लिए आवेदन किया और लक्ष्‍मण अगले एनसीए अध्‍यक्ष बनने की रेस में हैं। बातचीत जारी है और हमें देखना है कि चीजें किस तरह होती हैं।'

17 अक्‍टूबर को बीसीसीआई ने हेड कोच, बल्‍लेबाजी कोच, गेंदबाजी कोच, फील्डिंग कोच के लिए आवेदन मांगे थे। इसके अलावा एनसीए के साथ कुछ पदों पर आवेदन निकाले थे।

बीससीआई ने कहा कि सफल दावेदार को दिखाना पड़ेगा कि वो विजयी परंपरा बना सकता है और खेल के सभी प्रारूपों में टीम को दमदार बनाकर खिला सकता है।

दुबई की पिच पर राठौर ने निकाली भड़ास

भारत के बल्‍लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने दुबई की धीमी और नीची पिच पर आरोप लगाया और कहा कि ऐसी स्थिति में पहले बल्‍लेबाजी करना आसान नहीं। राठौड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'इस तरह की पिच पर पहले बल्‍लेबाजी करना आसान नहीं है। जिस भी टीम ने पहले बल्‍लेबाजी की, वो संघर्ष करता दिखा। हम बड़े शॉट खेलने में नाकाम रहे, लेकिन यह पिच के कारण ज्‍यादा हुआ।'

राठौर ने कहा, 'न्‍यूजीलैंड के खिलाफ बीच के ओवरों में स्‍ट्राइक रोटेट करना मसला रहा। इस पिच पर स्‍ट्राइक रोटेट करना मुश्किल था। मैं यह नहीं कह रहा कि सिर्फ हम संघर्ष कर रहे थे। प्रत्‍येक टीम जो भी पहले बल्‍लेबाजी कर रही थी, वो यहां संघर्ष करती दिखी। मगर वर्ल्‍ड चैंपियन होने के नाते आपको सभी विपरीत परिस्थितियों के खिलाफ जीत की राह खोजना होती है और हम ऐसा करने में नाकाम रहे।'

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Edited by Vivek Goel