FIFA World Cup 2018: 5 बड़े रिकॉर्ड्स जो इस बार टूट सकते हैं

14 जून से 15 जुलाई के बीच रूस में दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फ़ुटबॉल का महासंग्राम होने जा रहा है, जहां 32 देशों के बीच मुक़ाबले खेले जाएंगे। अगले एक महीने पूरी दुनिया की नज़रें इसी टूर्नामेंट पर टिकी होंगी, मौजूदा चैंपियन जर्मनी की उम्मीद ख़िताब की रक्षा करते हुए जहां रिकॉर्ड पांचवीं बार वर्ल्ड चैंपियन बनने पर है तो कई ऐसे भी रिकॉर्ड हैं जो इस बार बन और टूट सकते हैं। एक नज़र डाल लेते हैं ऐसे रिकॉर्ड्स पर जो इस फ़ुटबॉल फ़ीवर के दौरान बन सकते हैं।

#5 फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में खेलने वाले सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी

फ़ीफ़ा विश्वकप में सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी का रिकॉर्ड पिछली ही बार टूट गया था जब कोलंबिया के फ़रीद मोंद्रागन 43 साल और 3 दिन की उम्र में जापान के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे थे। फ़रीद 85वें मिनट में सब्सटिट्यूट के तौर पर आए थे और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया था। फ़रीद से पहले ये रिकॉर्ड रोजर मिला के नाम था, लेकिन इस सीज़न में फ़रीद का भी ये रिकॉर्ड टूट सकता है। मिस्र के अनुभवी गोलकीपर एसम अल हैदरी की उम्र इस समय 45 साल से ऊपर है और उनका चयन मिस्र की 29 सदस्यीय टीम में हुआ है। पूरी उम्मीद है कि हैदरी के अनुभव का फ़ायदा टीम मैदान में भी उठाएगी और उन्हें खिलाया जाएगा, हैदरी के मैदान में उतरते ही फ़रीद का सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी का रिकॉर्ड टूट जाएगा और हैदरी के नाम हो जाएगा।

#4 दो टीमों के बीच सबसे ज़्यादा भिड़ंत

फ़ीफ़ा वर्ल्डकप के इतिहास में अब तक दो टीमों के बीच सबसे ज़्यादा भिड़ंत 7 बार हुई है, ऐसा एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन टीमों के जोड़ों के साथ हुई है। जिन टीमों के बीच सबसे ज़्यादा टक्कर हुई है वे हैं। ब्राज़ील और स्वीडेन – 7 बार इन दो देशों के बीच 1938, 1950, 1958, 1978, 1990 और 1994 में दो बार भिड़ंत हुई है। जर्मनी और यूगोसलाविया/सर्बिया – 7 बार जर्मनी और यूगोसलाविया के बीच पहली बार फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में भिड़ंत 1954 में हुई थी इसके बाद ये दोनों टीमें 1958, 1962, 1974, 1990, 1998 और 2010 में एक दूसरे के ख़िलाफ़ नज़र आईं। जर्मनी और अर्जेंटीना – 7 बार एक बार फिर इस फ़ेहरिस्त में मौजूदा चैंपियन जर्मनी का नाम है, जर्मनी ने अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ भी 7 बार मुक़ाबला खेला है। ये भिड़ंत 1958, 1966, 1986, 1990, 2006, 2010 और 2014 में हुई थी। इस बार भी ये सभी टीमें वर्ल्डकप में खेल रही हैं और अगर जर्मनी और सर्बिया अपने ग्रुप में टॉप-2 की टीमें रहती हैं तो फिर एक बार इन दोनों देशों के बीच टक्कर संभव है। इसी तरह ब्राज़ील और स्वीडेन की भी टक्कर राउंड ऑफ़ 16 में मुमकिन है और क्वार्टर फ़ाइनल में एक बार फिर अर्जेंटीना और जर्मनी के बीच मुक़ाबला हो सकता है।

#3 लगातार दूसरी बार नंबर-4 पर होने का है डर

ब्राज़ील के नाम सबसे ज़्यादा 5 बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का रिकॉर्ड दर्ज है, लेकिन उसके अलावा एक और ऐसा रिकॉर्ड भी है जो ब्राज़ील इस बार अपने नाम कर सकती है। हालांकि, ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जो ब्राज़ील कभी भी बनाना नहीं चाहेगी। दरअसल, पिछली बार ब्राज़ील सेमीफ़ाइनल में जर्मनी से 1-7 से हार गई थी और फिर तीसरे-चौथे स्थान के मैच में नीदरलैंड्स ने भी उन्हें शिकस्त दे दी थी लिहाज़ा वह नंबर-4 पर रही थी। ब्राज़ील के लिए 1974 के बाद 2014 में दूसरा मौक़ा था जब उन्हें चौथे स्थान पर रहना पड़ा हो। चौथे स्थान पर सबसे ज़्यादा तीन बार उरुग्वे की टीम रही है, ऐसा 1954, 1970 और 2010 में हुआ था। यानी अगर इस सत्र में भी ब्राज़ील चौथे स्थान पर रही तो वह उरुग्वे की तो बराबरी करेंगी ही, साथ ही साथ लगातार दो वर्ल्डकप में नंबर-4 पर रहने वाली बन सकती है पहली टीम।

#2 दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के बीच का सबसे बड़ा फ़ासला

दो वर्ल्डकप जीतने का सबसे बड़ा अंतर फ़िलहाल दो बार की वर्ल्ड चैंपियन इटली के नाम है, जिन्होंने पहली बार 1938 में ख़िताब जीता था और फिर 44 साल बाद दोबारा वर्ल्ड चैंपियन 1982 में बनी थी। हालांकि इस बार इटली फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में क्वालिफ़ाई नहीं कर पाई है जो एक बड़ा उलटफेर भी है। लेकिन ये रिकॉर्ड इस वर्ल्डकप में टूट जाए, ये संभव है। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के दो दावेदार उरुग्वे और इंग्लैंड हैं, उरुग्वे ने 1950 के बाद से अब तक दोबारा वर्ल्डकप पर कब्ज़ा नहीं जमाया है। इसी तरह 1966 में पहली बार विश्व विजेता बनी इंग्लैंड ने भी दोबारा इस ट्रॉफ़ी को हाथ नहीं लगाया, यानी इन दोनों में से अगर किसी भी टीम ने ख़िताब जीता तो एक नया रिकॉर्ड इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।

#1 पेनल्टी शूटआउट के ज़रिए सबसे ज़्यादा जीत

पेनल्टी शूटआउट के ज़रिए सबसे ज़्यादा जीत का रिकॉर्ड फ़िलहाल संयुक्त तौर पर जर्मनी और अर्जेंटीना के नाम पर है। इन दोनों देशों ने अब तक 4 बार पेनल्टी शूटआउट से जीत दर्ज की है, जर्मनी ने ऐसा 1982, 1986, 1990 और 2006 में किया था। जबकि अर्जेंटीना ने दो बार 1990 में पेनल्टी शूटआउट से जीत दर्ज की थी इसके अलावा 1998 और 2014 में भी अर्जेंटीना को पेनल्टी शूटआउट से जीत हासिल हुई थी। एक मज़ेदार बात ये है कि पेनल्टी शूटआउट में जर्मनी का रिकॉर्ड अब तक शत प्रतिशत रहा है उन्होंने 4 बार पेनल्टी शूटआउट खेला है और चारों ही बार उन्हें जीत मिली है। जबकि अर्जेंटीना को सिर्फ़ एक बार पेनल्टी शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा है और वह भी 2006 के क्वार्टर फ़ाइनल में जर्मनी के हाथों ही उन्हें हार मिली थी। दूसरी तरफ़ सबसे ज़्यादा पेनल्टी शूटआउट में हार का रिकॉर्ड इंग्लैंड और इटली के नाम है, इटली तो इस बार नहीं खेल रही है लेकिन अगर इंग्लैंड ने इस बार भी कोई मुक़ाबला पेनल्टी शूटआउट में हारा तो उनका रिकॉर्ड बरक़रार रहेगा।

Edited by Staff Editor
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