बेशक इंडियन सुपर लीग के शुरू होने में अभी समय बाकी हो, पर इसको लेकर लोगों में उत्सुकता हमेशा बरकरार रहती है। भारत के फुटबॉल इतिहास की सबसे बड़ी लीग के अगले संस्करण में निश्चित ही कुछ और क्लबों को जोड़ा जाएगा। क्लबों के जुड़ने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी लीग बन जाएगी। लीग के 2014 में पहली बार आयोजन होने के बाद हमें इसमें लगातार गोल की बरसात देखने को मिली है। लीग के दौरान कई खिलाड़ियों को अपनी फ्रैंचाइजी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते देखा गया है। उन्होंने यह प्रदर्शन करके दिखा दिया है कि उन पर जो भरोसा किया गया था, वे इसके हकदार थे। इन्हीं खिलाड़ियों में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी थे, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से दुनियाभर की टीमों का ध्यान अपनी ओर खींचा। किसी भी खिलाड़ी का यह सपना होता है कि वह बड़े स्तर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे। बड़े स्तर पर प्रदर्शन करना उस खिलाड़ी की काबिलियत को दर्शाता है। हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने लीग में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए, जब इन्हीं खिलाड़ियों में से कोई खिलाड़ी दोबारा से आगे के संस्करण में सबसे अच्छा खेल दिखाए। ये हैं ISL इतिहास के टॉप 5 खिलाड़ी जिन्होंने लीग में सबसे अधिक गोल किए हैं। 5. डूडू— 12 गोल
नाईजीरिया के चमत्कारी खिलाड़ी डूडू ओमागबेमी ने चैन्नइयन की तरफ से खेलते हुए अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर सबसे अधिक गोल करने की लिस्ट में पांचवा स्थान हासिल किया है। चेन्नइयन की तरफ से 13 मुकाबलों में किए गए 5 गोल उन्हें इस फ्रैंचाइजी का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनाता है। डूडू एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें भारत में खेलने का अच्छा—खासा अनुभव है। वे इंडियन सुपर लीग से जुड़ने से पहले आई—लीग में स्पोर्टिंग क्लब गोवा की तरफ से खेल चुके हैं। इसके अलावा वे सालगावकर, ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की ओर से भी खेल चुके हैं। डूडू का पुणे सिटी फुटबॉल क्लब तथा 2015 में फुटबॉल क्लब गोवा के तरफ से किया गये प्रदर्शन ने उन्हें सबसे अधिक प्रशंसा दिलाई। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें चैन्नइयन फुटबॉल क्लब टीम में जुड़ने में मदद दिलाई। उन्होंने अपना सबसे बढिया प्रदर्शन नॉर्थ ईस्ट युनाईटेड फुटबॉल क्लब के खिलाफ हैट्रिक जमाकर किया था। वे एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पास हर बार करने के लिए कुछ नयापन होता हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे के सीजन में वे कैसा प्रदर्शन करते हैं। 4. इलानो— 12 गोल
इलानो विश्व में फुटबॉल के सबसे चिर—परिचित नामों में से एक हैं। मैनचेस्टर सिटी के स्टार मिडफील्डर ने अपनी टीम के अहम योगदान दिया है। ब्राजील के इस खिलाड़ी ने मैनचेस्टर सिटी के लिए 63 मैचों में 14 गोल किए हैं। जबसे उन्होंने ISL में खेलना शुरू किया है, तब से ही वे भारतीय दर्शकों के चहेते बने हुए हैं। उन्होंने 2014 में लीग में चैन्नइयन की ओर से खेलते हुए सिर्फ 11 मुकाबलों में 8 गोल कर दिये थे। आज उनके इस प्रदर्शन से उनकी चैन्नइयन टीम में जगह पक्की हो चुकी है। तमिलनाडु की राजधानी की तरफ से वापसी करने के बाद चैन्नइयन के प्रशंसकों को उनसे काफी उम्मीद थी, पर उन्होंने 12 गोल के साथ अपना इस लीग में कैरियर खत्म कर लिया। वैसे, उनके द्वारा किए गये इस प्रदर्शन को भी अच्छा प्रदर्शन ही माना जाएगा, क्योंकि वे रेगुलर गोल करने वाले खिलाड़ी नहीं रहे हैं। उन्होंने अपने ग्रहनगर के क्लब सांतोस की ओर से खेलते हुए अपना कैरियर खत्म किया। 3. जे.जे.लल्पेखलुआ— 13 गोल
जे.जे. भारत की फुटबॉल इतिहास के सबसे बेहतरीन उभरते हुए खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। 26 वर्षीय इस खिलाड़ी ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत की राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की की है। वे भारत के पिछले कुछ समय में किए गए बेहतरीन प्रदर्शन के मुख्य सूत्रधार रहे हैं। उन्होंने भारत को अपनी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग (96) हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है। अपार प्रतिभा के धनी इस फुटबॉलर ने अपने इस प्रदर्शन को इंडियन सुपर लीग में भी जारी रखा है। जे.जे. लल्पेखलुआ ने इंडियन सुपर लीग में नॉर्थ ईस्ट की ओर से खेलते हुए कुल 13 गोल किए हैं। चैन्नइयन टीम ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी की तलाश में रहती है, जो अपने पेस, स्क्लि और मैच खत्म करने की योग्यता पर खरे उतरते हों। भारत का उभरता यह खिलाड़ी भी चैन्नई की सबसे बड़ी फ्रैचाइजी की उम्मीदों पर खरा उतरने और लीग पर छा जाने के लिए बेताब है। 2. स्टीवन मेन्डोजा— 17 गोल
स्टीवन मेन्डोजा भारतीय फुटबॉल में एक ऐसा नाम बन चुके है जो गोल करने के पर्यायवाची माने जाते हैं। 2014 में चैन्नइयन से जुड़ने के साथ इलानो के बेहतर प्रदर्शन की वजह से किसी का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया। पर धीर—धीरे उनके प्रदर्शन की बदौलत टीम ने उनपर भी भरोसा जताना शुरू किया। कोलंबिया के इस खिलाड़ी ने 2014 के सीजन में 9 मैचों में खेलने का मौका मिला और उन्होंने सिर्फ 4 गोल किये। इसके बावजूद उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें दोबारा से लीग में जुड़ने मदद दिलाई। 2015 में वे टीम की तरफ से अकेले योद्धा साबित हुए, जो विपक्षी टीमों पर भारी पड़े। उन्होंने टीम के लिए 16 मैचों में बेहतरीन 13 गोल किए। उनके इस प्रदर्शन से चैन्नइयन भारतीय फुटबॉल में अपने उच्च स्तर पर पहुंची। आज वे इंडियन सुपर लीग का हिस्सा नहीं है। आज वे अपनी आजीविका दूसरे स्रोतों की मदद से करते हैं। वे भारत का हिस्सा नहीं हैं, इसके बावजूद भारत में काफी लोगों द्वारा उन्हें पसंद किया जाता है। 1. इयान हुम— 23 गोल
इयान हुमे का इस लिस्ट में पहला स्थान पाना कोई आश्चर्य की बात नहीं हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह मुकाम हासिल किया है। गोल मशीन के नाम से जाने जाते इस खिलाड़ी ने लीग के प्रथम संस्करण में केरला ब्लास्टर्स की ओर से खेलते हुए 15 मैचों में 5 गोल किये थे। दूसरे संस्करण में कनाडा के इस खिलाड़ी को एटलेटिको डि कोलकाता ने ज्यादा पैसे में खरीदकर अपनी टीम में शामिल कर लिया था। यहीं से उनका जादू शुरू हुआ और उन्होंने टीम के लिए पिछले दो सीजन में 30 मैचों में कुल 18 गोल दागे। यह प्रदर्शन निश्चित ही ऐसा आंकड़ा है जो फुटबॉल का प्रत्येक खिलाड़ी हासिल करना चाहेगा। इयान हुमे इंडियन सुपर लीग के सबसे बड़ी खोज हैं। बेशक उनका भारत में कोई भविष्य नहीं है, इसके बावजूद वे हमेशा अपने बेहतरीन खेल और भारतीय फॅुटबॉल में किए गए योगदान से भारत में हमेशा याद किए जाएंगे। लेखक—सार्थक शर्मा अनुवादक— मोहन कुमार