इंडियन सुपर लीग - जानिए किस टीम के कोच हैं सबसे ज्यादा दमदार 

इंडियन सुपर लीग में अधिकतर कोच स्पेन से ही हैं।
इंडियन सुपर लीग में अधिकतर कोच स्पेन से ही हैं।

देश की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग के आठवें सीजन की बस शुरुआत ही हुई है। लीग में भाग ले रही 11 टीमों के फैंस अपने खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई कर रहे हैं। लेकिन हर टीम के खेल में जान डालने वाले इनके कोच के बारें में कई लोग नहीं जानते। आपको बताते हैं हर टीम के गुरु यानि इनके कोच के बारे में -

1) मुंबई सिटी एफसी - डेस बकिंघम

डेस दुनिया के सबसे युवा प्रोफेशनल फुटबॉल कोच में शामिल हैं।
डेस दुनिया के सबसे युवा प्रोफेशनल फुटबॉल कोच में शामिल हैं।

मुंबई सिटी एफसी ने ISL का पिछला सीजन जीतने में कामयाबी हासिल की थी। पिछले सीजन सर्गियो लोबेरा टीम के हेड कोच थे, लेकिन अक्टूबर 2021 में ही मुंबई ने इंग्लैंड के डेस बकिंघम को अगले 2 सालों के लिए टीम का हेड कोच बना दिया। 36 साल के डेस अपने कॉलेज के दिनों में फुटबॉल खेलते रहे और प्रोफेशनल फुटबॉलर न बन पाने के बाद उन्होंने फुटबॉल कोचिंग में हाथ आजमाया। डेस न्यूजीलैंड की जूनियर फुटबॉल टीम के हेड कोच रह चुके हैं और सीनियर टीम के असिस्टेंड कोच के रूप में भी काम कर चुके हैं। डेस एक क्वालिफायड पाइलट भी हैं। मौजूदा चैंपियन टीम को कोच के रूप में ज्वाइन करने से डेस पर पहले ही काफी दबाव है। अब आगे की राह पर डेस कैसे टीम को ले जाते हैं, ये देखने लायक होगा।

2) ATK मोहन बगान - एंटोनियो लोपेज

एंटोनियो लोपेज ने 2 बार एटीके को बतौर कोच खिताब दिलाया है।
एंटोनियो लोपेज ने 2 बार एटीके को बतौर कोच खिताब दिलाया है।

एंटोनियो इंडियन सुपर लीग के सबसे चर्चित और जाने-माने कोच में शामिल हैं। 64 साल के एंटोनियो स्पेन के रहने वाले हैं और बतौर डिफेंडर ला लीगा में भी खेल चुके हैं।अपने गुस्से के लिए मशहूर एंटोनियो ने 29 साल की उम्र में प्रोफेशनल फुटबॉल को छोड़कर कोचिंग की तरफ रुख किया। लोपेज के पास 30 साल से ज्यादा का फुटबॉल कोचिंग का अनुभव है और मैच के दौरान उनका रुख ये साफ बयान करता है। एंटोनियो साल 2014 यानि लीग के पहले सीजन में ATK के कोच बने। एंटोनियो की देखरेख में ATK ने पहला सीजन अपने नाम किया। 2016 में एंटोनियो पुणे के कोच बने, लेकिन फिर 2019 में ATK में वापस आ गए। इस सीजन में ATK ने फिर से खिताब अपने नाम किया और एंटोनियो लीग के अब तक के इतिहास के सबसे सफल कोच बन गए। एंटोनियो का कॉन्ट्रेक्ट अगले साल तक बढ़ाया गया है।

3) चेन्नईयन एफसी - बोजीडार बांडोविच

बोजीडार का चेन्नई के हेड कोच के रूप में ये पहला सीजन है।
बोजीडार का चेन्नई के हेड कोच के रूप में ये पहला सीजन है।

दो बार लीग का खिताब जीत चुकी चेन्नईयन एफसी के वर्तमान कोच बोजीडार को इसी सीजन में टीम के साथ जोड़ा गया है। मूल रूप से छोटे से यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो के रहने वाले हैं। बोजीवार सर्बिया की सबसे बड़ी रेड स्टार लीग में प्रोफेशनल फुटबॉल खेल चुके हैं। बोजीवार ने असिस्टेंट कोच के रूप में 2005 सीजन से काम शुरु किया। बोजीवार ने ग्रीस, अजरबेजान, थाईलैंड जैसे देशों में प्रोफेशनल फुटबॉल क्लबों में कोच के रूप में काम किया है। थाई प्रीमियर लीग में अपने क्लब बुरिराम यूनाईडेट को बोजीवार दो बार लगातार खिताब दिलाने में कामयाब रहे थे और उन्हें कोच ऑफ दि ईयर का अवॉर्ड भी मिला। ऐसे में बोजीवार का ट्रैक रिकॉर्ड देखकर चेन्नई के फैंस भी खिताब की उम्मीद कर रहे हैं।

4) बेंगलुरु एफसी - मार्को पेज्जाउली

मार्को के ऊपर बेंगलुरु को वापस ट्रैक पर लाने का जिम्मा है।
मार्को के ऊपर बेंगलुरु को वापस ट्रैक पर लाने का जिम्मा है।

2017-18 में उपविजेता और फिर 2018-19 में विजेता के रूप में उभरी बेंगलुरु की टीम का पिछला सीजन काफी खराब रहा था। ऐसे में कार्ल्स कुआड्रट की जगह मार्को टीम के हेड कोच बनाए गए हैं। मार्को इस सीजन इकलौते जर्मन कोच हैं। मार्को ने पिछले सीजन के बाद ही टीम की कमान संभाल ली थी और एएफसी कप की ग्रुप स्टेज तक टीम को पहुंचाया था। मार्को की पूरी कोशिश हमेशा से युवा खिलाड़ियों को खिलाने की होती है और इस बार भी वो इसी तर्ज पर काम करते हुए जयेश राणा, दानिश फारूद जैसे नामों को आगे कर रहे हैं। मार्को पिछले 21 सालों से बतौर कोच प्रोफेशनल क्लबों के साथ जुड़े हुए हैं।

5) केरला ब्लास्टर्स - ईवान वुकोमानोविच

ईवान के ऊपर केरला ब्लास्टर्स का प्रदर्शन सुधारने की भारी जिम्मेदारी है।
ईवान के ऊपर केरला ब्लास्टर्स का प्रदर्शन सुधारने की भारी जिम्मेदारी है।

पहले और तीसरे सीजन में उपविजेता रही केरल की टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में काफी खराब रहा है। 2020-21 में तो टीम 11 टीमों में से 10वें नंबर पर रही। खऱाब प्रदर्शन को सुधारने के लिए ही ईवान को टीम का नया हेड कोच बनाया गया है। 44 साल के ईवान सर्बिया और बेल्जियम की दोहरी नागरिकता रखते हैं और सर्बिया के फुटबॉल क्लब में डिफेंडर के रूप में खेलते हुए अपना करियर शुरु किया था। बेल्जियम, स्लोवाकिया और साइप्रस की फुटबॉल लीग में कोच के रूप में काम करने के बाद ईवान को भारत में मौका मिला है। केरल के फैंस भी उम्मीद कर रहे हैं कि ईवान टीम के प्रदर्शन को ठीक करने में मदद करें।

6) नॉर्थईस्ट यूनाईटेड - खालिद जमील

खालिद जमील लीग में इकलौते भारतीय कोच हैं।
खालिद जमील लीग में इकलौते भारतीय कोच हैं।

इंडियन सुपर लीग में जमील इकलौते भारतीय कोच हैं। भारतीय टीम के लिए खेल चुके जमील 32 साल की उम्र से ही बतौर कोच भारत की आई-लीग का हिस्सा रहे हैं। जमील ने आइजॉल एफसी को फेडरेशन कप तक पहुंचाया और 2017-18 में ईस्ट बंगाल के हेड कोच भी बने। अपनी अटैकिंग शैली के लिए टीम को तैयार करने वाले जमील ने 2019 में नॉर्थईस्ट यूनाईटेड को बतौर असिस्टेंट कोच ज्वाइन किया। 2020-21 में जमील टीम के अंतरिम कोच बने और प्ले ऑफ तक टीम को ले गए। इस बार जमील नॉर्थईस्ट यूनाईटेड को खिताब तक ले जाने की कोशिश करने वाले हैं।

7) एफसी गोवा - हुआन फर्रेंडो

हुआन फेर्रेंडों लीग के युवा कोचों में शामिल हैं।
हुआन फेर्रेंडों लीग के युवा कोचों में शामिल हैं।

स्पेन के रहने वाले हुआन छोटी उम्र से ही फुटबॉल खेलते आ रहे हैं, लेकिन चोट के कारण 18 साल की उम्र में ही उन्होंने फुटबॉल कोच बनने की ठानी। हुआन ला लीगा, चैंपियंस लीग जैसे टूर्नामेंट में अलग-अलग टीमों के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रह चुके हैं। 40 साल के हुआन को अप्रैल 2020 में गोवा का कोच बनाया गया। आते ही हुआन गोवा को एएफसी चैंपियंस लीग में ले गए जहां क्लब ने अल-रय्यान के खिलाफ ड्रॉ खेलकर अंक अर्जित किए और गोवा एफसी एएफसी में प्वाइंट जीतने वाला पहला भारतीय क्लब बना। गोवा की टीम को हुआन इसी साल डुरंड कप के फाइनल तक ले गए जहां गोवा ने अपना पहला डुरंड कप खिताब भी जीता। ऐसे में ISL के इस सीजन में हुआन और गोवा से काफी उम्मीदें की जा सकती हैं।

8) हैदराबाद एफसी - मनोलो मार्केज

पिछले सीजन में हैदराबाद प्ले ऑफ में जगह बनाने से बस चूक गई थी। ऐसे में कोच मार्केज ने साफ किया है कि वह टीम को पिछले सीजन में मिली निराशा से उबारने के लिए तत्पर हैं। स्पेन में डिफेंडर के रूप में खेल चुके मार्केज 28 साल की उम्र से प्रोफेशनल फुटबॉल से बतौर खिलाड़ी रिटायर हो गए और अब पिछले 25 साल से कोच के रूप में काम कर रहे हैं। मार्केज थाईलैंड, क्रोएशिया जैसे देशों की लीग के अलावा ला लीगा में भी एसएडी की टीम के कोच रह चुके हैं। पिछले सीजन हैदराबाद को मार्केज 5वें स्थान तक ले गए, ऐसे में ISL के आठवें सीजन में अपनी टीम से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे।

9) जमशेदपुर एफसी - ओवेन कोयेल

ओवेन कोयेल का पूरी टीम को साथ लेकर चलने का अंदाज उन्हें बाकि कोच से अलग करता है।
ओवेन कोयेल का पूरी टीम को साथ लेकर चलने का अंदाज उन्हें बाकि कोच से अलग करता है।

स्कॉटलैंड के रहने वाले कोयेल प्रोफेशनल फुटबॉलर के रूप में काफी सफल रहे और स्कॉटलैंड समेत इंग्लैंड के कई क्लब का हिस्सा रह चुके हैं। आयरलैंड की राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुके कोयेल ने 2005 में कोच के रूप में अपना करियर शुरु किया। साल 2019 में कोयेल को चेन्नईयन एफसी का कोच नियुक्त किया गया था। इससे पहले के सीजन में अपनी लय खो चुकी चेन्नई को कोयेल वापस ट्रैक पर लाए और टीम 2019-20 सीजन के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही, जहां एटीके ने उसे मात दी। कोयेल की काबिलियत को देखते हुए 2020 में जमशेदपुर एफसी ने उन्हें हेड कोच बनाया। पिछले सीजन में टीम छठे स्थान पर रही थी। कोयेल से टीम मैनेजमेंट को काफी उम्मीदें हैं।हैं।

10) ओडिशा एफसी - किको रमिरेज

रमिरेज ओडिशा के साथ इसी सीजन में जुड़े हैं। पिछले 12 सालों से रमिरेज स्पेन, पोलैंड और ग्रीस की घरेलू फुटबॉल लीग में बतौर कोच अलग-अलग टीम का हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि रमिरेज का बतौर कोच रिकॉर्ड बहुत यादगार नहीं रहा है, लेकिन फिर भी रमिरेज के पास ओडिशा एफसी को बेहतरीन फिनिश दिलाकर अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने का मौका है।

11) एससी ईस्ट बंगाल - मनोलो डियाज

ईस्ट बंगाल के फैंस मनोलो डियाज से किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ईस्ट बंगाल के फैंस मनोलो डियाज से किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

मनोलो डियाज भी ISL में शामिल स्पेन के कोचों की फेहरिस्त में शामिल हैं। 53 साल के डियाज कभी रियाल मेड्रिड की जूनियर टीम के कोच भी रहे थे और रियाल मेड्रिड सी नामक क्लब के कोच के रूप में भी काम किया है। इसी साल सितंबर में डियाज को ईस्ट बंगाल का हेड कोच बनाया गया है। देश के सबसे पुराने फुटबॉल क्लब में शामिल ईस्ट बंगाल का कोच बनना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और डियाज इसे समझते भी हैं। पिछले सीजन में ईस्ट बंगाल की टीम पहली बार ISL में शामिल हुई लेकिन 9वें स्थान पर रही। ऐसे में डियाज से फैंस की उम्मीद है कि वह इस ऐतिहासिक क्लब को पिछले सीजन की निराशा से बाहर लाने में कामयाब रहेंगे।

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Edited by निशांत द्रविड़