एफसी गोवा ने 89वें मिनट में गोल झेला और प्रतिष्ठित एएफसी चैंपियंस लीग में जीत दर्ज करने वाले पहला भारतीय क्लब बनने का मौका गंवा दिया। एफसी गोवा ने सोमवार को कतर के अल रयान के खिलाफ 1-1 से मैच ड्रॉ खेला। ग्रुप ई के मुकाबला में जॉर्ज ऑर्टिज ने तीसरे ही मिनट में गोल करके एफसी गोवा को बढ़त दिला दी थी, लेकिन अली फेरीदून ने 89वें मिनट में बराबरी का गोल दागकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
पहले हाफ में ज्यादातर गेंद अल रयान के कब्जे में थी, लेकिन दूसरे सेशन में मुकाबला रोमांचक हुआ। इंडियन सुपर लीग की टीम एफसी गोवा नॉकआउट बर्थ पाने से चूक गई जब ग्रुप ई के एक और मुकाबले में यूएई की अल वाहदा ने पिछले सीजन की रनर्स-अप पर्सेपोलिस एफसी को 1-0 से मात दी थी।
पर्सेपोलिस एफसी अब भी 12 अंकों के साथ ग्रुप में शीर्ष पर है जबकि अल वाहदा 10 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। एफसी गोवा 3 अंकों के साथ तीसरे और अल रयान दो अंकों के साथ आखिरी स्थान पर हैं।
एफसी गोवा का लीग में अब तक का प्रदर्शन
ग्रुप ई में शामिल चारों टीमों का डबल राउंड रॉबिन लीग में एक-एक मुकाबला बचा है। बता दें कि पांच ग्रुप की शीर्ष टीम और तीन सर्वश्रेष्ठ रनर्स-अप टीम अंतिम-16 नॉकआउट चरण में प्रवेश करेंगी। एफसी गोवा ने अल रयान के साथ पहले चरण का मैच 0-0 से ड्रॉ खेला था। इसके बाद अल वाहदा के साथ भी गोवा ने गोलरहित ड्रॉ मैच खेला।
गोवा की टीम को फिर पर्सेपोलिस एफसी के हाथों डबल हेडर में क्रमश: 1-2 और 0-4 से शिकस्त सहनी पड़ी थी। एफसी गोवा का आखिरी मुकाबला अल वाहदा के खिलाफ गुरुवार को होगा, जो उसके लिए महज औपचारिकता भर बचा है।
बहरहाल, टूर्नामेंट के दौरान गोवा ने गजब के डिफेंस का परिचय दिया और धीरज इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार थे। उन्होंने 9वें मिनट में एक बेहतरीन बचाव किया। एफसी गोवा ने पहले हाफ में अपनी बढ़त को कायम रखा जबकि गेंद ज्यादातर अल रयान के कब्जे में रही। इसके बाद दूसरे सेशन में मुकाबला रोमांचक हुआ। दोनों टीमें गोल करने के लिए एक-दूसरे के खेमे में कई बार घुसी। दोनों टीमों के स्ट्राइकर्स ने गोल करने के कई प्रयास भी किए, लेकिन किसी को सफलता नहीं मिल रही थी।
हालांकि, 89वें मिनट में अली फेरीदून गोल करने में कामयाब हुए। अब्दुलअजीज हातेज ने क्रॉस पास किया, जिसने धीरज को चकमा दिया और ऐसे में अली फेरीदून को गोल करने का शानदार मौका दिया। स्कोर ऐसे में 1-1 से बराबर हुआ। एफसी गोवा के लिए यह तगड़ा झटका रहा क्योंकि उसके पास एएफसी चैंपियंस लीग में जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय क्लब बनने का मौका था।