चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज-chikungunya ka ayurvedic ilaj

ये है चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज
ये है चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज

चिकनगुनिया मौसमी बीमारी है जो मच्छरों से फैलता है। चिकनगुनिया मौसमी बीमारियों में से एक है चिकनगुनिया होता है। इस बीमारी में ब्लज प्लेटलेट्स काफी तेजी से घटने लगते हैं। इसका अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है। चिकनगुनिया से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह की दवाओं का सेवन करते हैं लेकिन शायद आपको यह मालूम नहीं है कि चिकनगुनिया को आयुर्वेदिक इलाज के जरिए भी ठीक किया जा सकता है। इसी कड़ी में आज हम आपको चिकनगुनिया के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं।

चिकनगुनिया के लक्षण

बुखार, सिरदर्द और जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण हैं। चिकनगुनिया बीमारी में जोड़ों में काफी दर्द रहता है। चिकनगुनिया के मरीज़ों को गले में खराश, कंजक्टिवाइटिस , भूख ना लगना जैसी समस्याएं होती हैं।

चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज

तुलसी(Tulsi)

चिकनगुनिया की बीमारी में तुलसी रामबाण साबित होता है। चिकनगुनिया होने पर आप तुलसी का काढ़ा जरूर पीएं।

नारियल का पानी(Coconut water)

नारियल का पानी चिकनगुनिया में काफी फायदेमंद साबित होता है। ये ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है।

कच्चा पपीता(raw papaya)

कच्चा पपीता चिकनगुनिया की सबसे बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर वायरस से लड़ने में मदद करता है। ऐसे में इसका सेवन जरूर करें।

पपीते के पत्ते का रस(papaya leaf juice)

ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में पपीते के पत्ते का रस बहुत कारगर है। चिकनगुनिया में इसका सेवन करना मरीज के लिए रामबाण साबित हो सकता है।

बकरी का दूध(Goat Milk)

डेंगू और चिकनगुनिया में बकरी का दूध पीने की सलाह दी जाती है। ये हड्डियों को मजबूत बनाता है और साथ ही ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj