दशमूलारिष्ट एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो खासकर कमजोरी, पाचन तंत्र के रोग के इलाज के लिए उपयोगी है। यह औषधि महिलाओं के लिए भी काफी लाभदायक है। महिलाओं को होने वाली कई समस्याओं में यह रामबाण इलाज करती है। इसमें जिन औषधियों को मिलाकर बनाई जाती है वो खासक वास संबंधी विकारों, उदर रोग और मूत्र रोगों में लाभ देती हैं। इसके साथ ही यह प्रसूता स्त्रियों के लिए अमृत के समान गुण देने वाली औषधि है।
दशमूलारिष्ट के फायदे- dashmularishta ke fayde
श्वास संबंधी रोग
श्वास संबंधी रोगों में दशमूलारिष्ट एक चमत्कारी औषधि है। खांसी, कफ, बेचैनी, सांस लेने में हाफना, नाड़ी की गति का तेज होना या फिर इस तरह की और और परेशानी है तो ऐसे में दशमूलारिष्ट का सेवन करना चाहिए इससे काफी फायदा मिलता है।
पानच क्रिया
दशमूलारिष्ट का सेवन करने से शरीर की पाचन क्रिया में काफी सुधार आता है। अगर आपका पाचन तंत्र सही नहीं है तो ऐसे में यह शरीर को कई बीमारियों को बुलावा देने जैसा है। ऐसे में दशमूलारिष्ट का उपयोग करने से पाचन तंत्र सही रहता है।
स्टेमिना
दशमूलारिष्ट का सेवन नियमित रूप से कर स्टेमिना को बढ़ाया जा सकता है। इसके सेवन से शारीरिक ताकत और सहनशक्ति में प्रभावी रूप से वृद्धि होती है।
त्वचा
शारीरिक और मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि इसका सेवन हमारी त्वचा के लिए भी काफी लाभकारी होता है। इसके सेवन से त्वचा में चमक आती है।
गर्भपात और गर्भस्राव
स्त्रियों में गर्भाशय की शिथिलता गर्भपात अथवा गर्भस्त्राव का कारण बनता है। गर्भाशय की शिथिलता को दूर करने के लिए दशमूलारिष्ट एक उत्कृष्ट औषधि है। अगर किसी स्त्री को ऐसी समस्या है तो इस औषधि का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रसूता स्त्रियों के लिए लाभदायक है दशमूलारिष्ट
दशमूलारिष्ट में प्रयोग किए गए तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाती है। जब कोई स्त्री शिशु को जन्म देने के बाद दशमूलारिष्ट का सेवन करती है तो वह कई रोगों का शिकार होने से बच जाती है। इसमें जौ औषधियां होती है वो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। यह प्रसूता के कास और श्वास में भी काफी लाभदायक है। इसमें उपयुक्त तत्व शरीर में प्रसव के बाद आने वाली निर्बलता को दूर करती है।