कार्डियो करना क्या होता है और इसमें कौन सी एक्सरसाइज़ शामिल होती हैं

आपने अपनी जिंदगी में कभी न कभी कार्डियो शब्द के बारे में सुना होगा। आपका कोई दोस्त या आप खुद जिम जाते होंगे, तो कार्डियो नाम के शब्द से जरूर रूबरू हुए होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि आपने इसके बारे में सुना होगा, लेकिन पूरी तरह से नहीं पता होगा कि कार्डियो किसे कहते हैं और किन-किन एक्सरसाइज़ को कार्डियो में गिना जाता है। कार्डियो शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है दिल। एक नॉर्मल इंसान का दिल एक मिनट में करीब 60-80 बार तक धड़कता है। कोई भी एक्सरसाइज़, वर्जिस, डांस कुछ भी करने की वजह से हार्ट बीट नॉर्मल से डेढ़ गुना तक पहुंचना कार्डियोवेस्कुलर कंडिशन कहलाता है। यानि एक्सरसाइज, वर्कआउट की वजह से आपके दिल की धड़कन 1 मिनट में 100-130 का आंकड़ा पार कर जाए तो वो कार्डियो की श्रेणी में गिनी जाती है। आसान भाषा में कहें तो दिल और फेफड़ों की एक्सरसाइज़ कार्डियो कहलाती है। जब हमारी धड़कन बढ़ जाती है तो तेजी से सांस लेते हैं, इसका मतलब है कि फेफडे ज्यादा हवा छोड़ और निकाल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कार्डियो के लिए कुछ एक्सरसाइज़ फिक्स होती है। इसमें ट्रेडमिल पर चलना-दौड़ना, साइकिलिंग करना, रस्सी कूदना, सीढ़ी उतरना चढ़ना, बिना रस्सी के कूदने जैसी नॉर्मल एक्सरसाइज़ शामिल होती हैं। इन एक्सरसाइज़ की वजह से आपका दिल ज्यादा तेजी से धड़कने लगता है। इंसानी दिल का काम शरीर में खून के प्रवाह को बनाए रखना होता है। हार्ट बीट बढ़ने पर खून का प्रवाह बढ़ेगा और ये हमारे शरीर के लिए उतना ही अच्छा होगा। कार्डियो करने के लिए वर्जिस एक्सरसाइज़:

एलिप्टिकल मशीन पर चलना-दौड़ना


रस्सी कूदना


रनिंग करना


स्वीमिंग


साइकिलिंग


रोविंग


सीढ़ी चढ़ना-उतरना