1966 बैंकाक एशियन गेम्स में भारत ने अपना कम अनुभवी दल भेजा था।आठ देशों को दो अलग-अलग ग्रुप में रखा गया था।भारत को कठिन ग्रुप मिला जिसमे 1962 के एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता मलेशिया के आलावा दक्षिण कोरिया और श्री लंका भी शामिल थी।पाकिस्तान ने फाइनल में क्वालिफाइ करते हुए होन्ग कोंग को हराया था, खेलों में थाईलैंड और जापान को गोल्ड मैडल का बड़ा दावेदार माना जा रहा था। भारत ने मलेशिया,श्री लंका और दक्षिण कोरिया को हराते हुए फाइनल में जगह बनायीं।पाकिस्तान के साथ होने वाले इस फाइनल को लेकर लोगों का रोमांच हमेशा की तरह अपने चरम पर था।उस समय दोनों देशों के बीच भिड़ंत सिर्फ अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में ही होती थी और भारत 1964 ओलिंपिक खेलों में मिली जीत को दोहराने के मूड में था। एक खिलाड़ी के चोटिल होने की वजह से भारत ने खेल अधिकतर समय तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेला,लेकिन इसके बावजूद शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए भारतीय टीम खेल को अतिरिक्त समय तक लेकर गयी।दूसरे हाफ में चोटिल बलबीर सिंह ने मैदान में वापसी की और विजयी गोल दागने के साथ ही टीम के हीरो बन गए।