हॉकी विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया देगा भारत को सबसे बड़ी चुनौती: अशोक ध्यानचंद

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भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद ने 28 नवंबर से शुरु हो रहे हॉकी विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया टीम को भारत के लिए बड़ी चुनौती बताया है। अशोक ध्यानचंद का कहना है कि पिछले कईं वर्षों से ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह हॉकी में अपना वर्चस्व कायम किया है वह सीखने योग्य है। वर्तमान में हॉकी का खेल पूरी तरह बदल गया है और अब हॉकी बहुत फास्ट हो गई है। अब किसी भी खिलाड़ी को अपने पास 5-7 सेकेंड से अधिक गेंद नहीं रखनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वक्त बर्बाद हो जाता है जिसका फायदा विपक्षी टीम को मिलता है। ऐसा करने से एक फायदा यह भी होता है कि जिस टीम का खेल अधिक तेज़ होगा उस टीम के पास मौके भी अधिक बनेंगें।

अशोक ध्यानचंद ने कहा ऑस्ट्रेलिया ने अपने खेल को समय के अनुसार बदल दिया है और वह हर मैच में नई तकनीक और रणनीति के साथ उतरते हैं जबकि भारतीय टीम अभी तक इस स्तर तक नहीं पहुंच पाई है। हॉकी विश्वकप में अभी तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैचों के नतीजों पर नज़र डाली जाए तो ऑस्ट्रेलिया का ही पलड़ा भारी रहा है और भारतीय टीम का प्रदर्शन इन मैचों में असंतुष्ट करने वाला रहा है। इस समय भारतीय हॉकी टीम में युवा खिलाड़ियों की कमी नहीं है परंतु सरदार सिंह के सन्यास के बाद टीम में अनुभव का स्तर थोड़ा कम है परंतु पी. श्रीजेश, मनदीप सिंह और वीरेंद्र लाकरा जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी टीम में मौजूद हैं और इनके अनुभव का पूरा फायदा भारतीय टीम को मिलेगा । अशोक ध्यानचंद ने कहा कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है और टीम विश्वास और जोश से भरी हुई है।

इसी साल 20 अगस्त से 1 सितंबर तक इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन खेलों में भारतीय टीम का प्रदर्शन संतुष्ट भरा रहा है। भारत एशियाई खेलों में तीसरे पायदान पर रहा। उसने पाकिस्तान को 2-1 से शिकस्त दी थी। उधर ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो गोलकीपर टाइलर लोवेल से लेकर टीम के कप्तान ज़ालेवस्की लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑस्टेलिया के कोच कोलिन बैच भी अपनी टीम की कमियों और खूबियों को बेहतर जानते हैं और वह लगातार इसपर काम कर रहे हैं। वो चाहे ओलंपिक खेल हो, विश्वकप हो, चैंपियंस ट्रॉफी या फिर कॉमनवेल्थ खेल, ऑस्ट्रेलिया हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करती रही है। अशोक ध्यानचंद ने यह भी कहा कि यदि ऑस्ट्रेलिया से जीतना है तो भारतीय टीम को अपनी पिछली गलतियों से सीखना होगा और कोशिश करनी होगी कि वह गलतियां इस विश्वकप में न हो।

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