क्‍वारंटीन में क्‍या कर रहे हैं भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी? 

पीआर श्रीजेश
पीआर श्रीजेश

भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी इस समय 14 दिनों के लिए एकांतवास में है। इन्‍हें शहर के बाहरी इलाके में शेष कैंपस से अलग रखा गया है। भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों ने पृथकवास का समय गुजारने के लिए अलग-अलग तरीके खोज लिए हैं। भारतीय हॉी टीम के कुछ खिलाड़ी इन दिनों अपनी अंग्रेजी सुधारने पर ध्‍यान दे रहे हैं तो कुछ अपने खेल की बारीकियों को सुधारने के लिए पुराने वीडियो देख रहे हैं। वहीं भारतीय हॉकी टीम के कुछ खिलाड़ी प्रेरक किताबों से प्रोत्‍साहन भरे शब्‍दों का ध्‍यान रख रहे हैं तो कुछ खिलाड़ी अपने कपड़े खुद धोकर समय व्‍यतीत कर रहे हैं।

भारतीय हॉकी टीम के कप्‍तान मनप्रीत सिंह सहित पांच अन्‍य खिलाड़ी कोविड-19 संक्रमण का उपचार कराने के लिए अस्‍पताल में भर्ती हैं। भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों को मनोवैज्ञानिक सलाह भी दी जा रही है, ताकि वह राष्‍ट्रीय कैंप में धमाकेदार अंदाज में वापसी करेंगे। भारतीय पुरुष व महिला हॉकी टीम के कोच अनोखे तरीके अपनाकर 14 दिनों के अनिवार्य पृथकवास में खिलाड़‍ियों का मनोबल मजबूत किए हुए हैं।

भारतीय हॉकी टीम के चार खिलाड़‍ियों ने मंगलवार को पूर्व दिग्‍गज खिलाड़‍ियों के बारे में बातें की। इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एसवी सुनील, पीआर श्रीजेश, कोथाजित सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा ने एक ऐप के जरिये अपने साथियों को पीटी उषा की जिंदगी और उनके समय की बातें बताई। जहां कुछ खिलाड़‍ियों ने इस दौरान मिल्‍खा सिंह के सफल होने की कहानी के बारे में पूछा तो कुछ ने धनराज पिल्‍ले के भारतीय हॉकी में शिखर पर पहुंचने की कहानी बताई।

भारतीय हॉकी टीम के एक खिलाड़ी ने कहा, 'कोच ने हमें चार-पांच ग्रुप में बाटा है। प्रत्‍येक ग्रुप को एक दिग्‍गज हस्‍ती के बारे में बढ़कर उसके बारे में प्रेजेंटेशन तैयार करना है। भले ही हम बड़े होते समय इनकी कहानियां सुन चुके हो, लेकिन उनके संघर्षों और उनकी जिंदगी के लक्ष्‍य को बेहतर तरीके से जानकर काफी प्रोत्‍साहित महसूस हुआ। हमने यह भी जाना कि वह क्‍या सोच रखते हुए इतने आगे तक पहुंचे।'

मौजूदा ओलंपिक साइकल को देखते हुए साई बेंगलुरु केंद्र बड़ी संख्‍या में खिलाड़‍ियों का घर बना हुआ है। मगर पिछले सप्‍ताह घर से लौटने के बाद ट्रेनिंग कैंप में नए तरीके से ट्रेनिंग करना अलग होगा। सुविधा केंद्र में जाने से पहले हर किसी को कोविड-19 टेस्‍ट से गुजरना होगा। अब यह खिलाड़ी पहले के जैसे जगह साझा नहीं कर सकेंगे। दूरी का ख्‍याल रखते हुए प्रत्‍येक खिलाड़ी को व्‍यक्तिगत कमरा दिया जाएगा जहां उन्‍हें हैंड सैनीटाइजर, फेस मास्‍क और डिजिटल थर्मोमीटर की एक किट सौंपी जाएगी।

भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों की जिंदगी में बदलाव

भारतीय हॉकी टीम के एक खिलाड़ी ने बताया कि हर चार घंटे के बाद उन्‍हें अपने शरीर का तापमान और ऑक्‍सीजन स्‍तर की जानकारी टीम प्रबंधन को देना होगी। कैंपस अटेंडेंट भारतीय हॉकी टीम के प्रत्‍येक खिलाड़ी के कमरे के बाहर खाने की थाली रखकर जाएगा, जिसे घंटी बजाने के पांच मिनट बाद तक उठाना होगा। खाना खाने के बाद सभी कंटेनर्स को डस्‍टबिन में रखना होगा।

भारतीय हॉकी टीम के एक खिलाड़ी ने ठहाका लगाते हुए कहा, 'हमारे रोजाना के काम में अब कपड़े धोना भी जुड़ गया है। हम एक ही लॉन्‍ड्री उपयोग नहीं कर सकते तो हर किसी को अपने कमरे में ही इसे धोना पड़ता है। जब जून में हमने कैंच छोड़ा था तो पता था कि लौटने के बाद पृथकवास में समय गुजारना होगा। इसलिए हम सभी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार थे।'

भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों को एकांतवास में अलग चुनौती

भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों ने कहा कि पहले ग्रुप में रहने की आदत थी, लेकिन अकेले रहने में अलग तरह की चुनौतियां हैं। महिला हॉकी खिलाड़‍ियों ने अपने आप को व्‍यस्‍त रखने के लिए अलग चीजें खोजी हैं। वह अपना वर्कआउट इंडोर में ही कर रही हैं। वहीं सुनील और भारतीय हॉकी टीम के कुछ अन्‍य पुरुष खिलाड़ी अपने कमरों में ड्रिबलिंग व जगल करने की जगह खोज चुके हैं। मगर सिर्फ इतने से भारतीय हॉकी खिलाड़‍ियों का दिन नहीं गुजर पाता।

तो पढ़ने के शौकीन पीआर श्रीजेश जैसे खिलाड़‍ियों ने नई गतिविधि खोजी है, जिसमें वह एक डायरी में प्रेरणादायी लाइंस लिखते हैं। महिला खिलाड़ी अपनी अंग्रेजी सुधारने का काम कर रही हैं। भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों को मैदान पर लौटने में अभी एक सप्‍ताह का समय बचा है। साई ने बुधवार को कहा कि भारतीय हॉकी टीम का नेशनल कैंप 19 अगस्‍त से शुरू होगा। हालांकि, प्रतिस्‍पर्धी हॉकी खेलने में भारतीय हॉकी टीम को समय है क्‍योंकि इस साल घरेलू या अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पर्धा का कार्यक्रम अब तक तय नहीं है।

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Edited by निशांत द्रविड़