जर्मनी की पुरुष हॉकी टीम ने ओडिशा में आयोजित FIH हॉकी विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। जर्मन टीम ने बेहद रोमांचक मुकाबले में पहले तो गत चैंपियन बेल्जियम को 3-3 से बराबरी पर रोका और फिर पेनेल्टी शूटआउट में 5-4 से जीत दर्ज की। जर्मनी ने इससे पहले साल 2002 और 2006 में वर्ल्ड कप अपने नाम किया था और यह उनका तीसरा विश्व खिताब है। बेल्जियम की टीम लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने से चूक गई।
जर्मनी ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेले गए फाइनल में बेहद शानदार प्रदर्शन किया। बेल्जियम ने 9वें और 10वें मिनट में गोल कर 2-0 की बढ़त ले ली थी। जर्मन टीम ने शानदार वापसी की और दूसरे क्वार्टर में 28वें मिनट में निकलाज वेलेन के गोल की बदौलत खाता खोला। 40वें और 47वें मिनट में फिर गोल आए और जर्मन टीम 3-2 से आगे हो गई। बेल्जियम के टॉम बून ने 58वें मिनट में पेनेल्टी कॉर्नर से गोल दागा और मैच 3-3 से बराबरी पर छूटा जिसके बाद पेनेल्टी शूटआउट हुआ।
शूटआउट में पांच प्रयास पूरे होने के बाद दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर थीं और फिर मुकाबला सडन डेथ में गया यानी जो पहले अगला गोल कर दे वह जीत जाएगा। दोनों टीमें छठे प्रयास में सफल रहीं। सातवें प्रयास में जर्मनी के प्रिंज थिएज ने गोल किया लेकिन बेल्जियम के टैनगाय कोसिनस गोल नहीं कर पाए और जर्मन खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई।
कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में 3 बार की चैंपियन नीदरलैंड्स ने 3 बार की ही विजेता ऑस्ट्रेलिया को हराया। डच टीम ने ऑस्ट्रेलिया की शुरुआती बढ़त को पीछे छोड़ा और मैच 3-1 से अपने नाम किया।
ऑस्ट्रेलिया के जेरेमी हेवर्ड को सर्वाधिक गोल दागने के लिए Hero Top Scorer का अवॉर्ड दिया गया। वह वहीं दक्षिण अफ्रीका के मुस्तफा कासिम अच्छे प्रदर्शन के लिए Junior Player of the Tournament घोषित किए गए। बेल्जियम टीम को Fair Play का पुरस्कार मिला साथ ही टीम के विक्टर वेग्नेज सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर चुने गए और टीम के गोलकीपर विक्टर वेनाश को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के रूप में पुरस्कार मिला। जर्मन टीम के फॉरवर्ड निकलाज वेलेन को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ प्लेयर चुना गया। अगला विश्व कप 2026 में बेल्जियम और नीदरलैंड्स में संयुक्त रूप से खेला जाना प्रस्तावित है।
